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Sonbhadra News: आउटसोर्सिंग कंपनी में नौकरी के नाम पर की जा रही उगाही, वायरल सूची को लेेकर भी दी गई तहरीर
Sonbhadra News: रविवार को पुलिस को दी गई तहरीर में सप्ताह भर पूर्व सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कक्का की तरफ से वायरल की गई सूची का भी जिक्र किया गया।
Sonbhadra News Today: शक्तिनगर थाना क्षेत्र के खड़िया कोल परियोजना से जुड़ी आरएस यादव से जुड़ी आउटसोर्सिंग कंपनी में मोटी रकम देकर नौकरी दिए जाने का आरोप लगाया गया है। रविवार को पुलिस को दी गई तहरीर में सप्ताह भर पूर्व सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कक्का की तरफ से वायरल की गई सूची का भी जिक्र किया गया। मामले में पुलिस ने देर शाम कंपनी के जीएम, एचआर हेड और मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी, एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। इससे हड़कंप की स्थिति बनी हुई है।
आरोपी के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
विस्थापित युवा कल्याण समिति से जुड़े राजन भारती, आकाश भारती, जितेंद्र कुमार, अजय कुमार, राकेश कुमार ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि एसए यादव कंपनी में मोटी रकम लेकर गैर विस्थापितों को नौकरी दी जा रही है। आरोप लगाया है कि उन लोगों ने विस्थापित प्रमाणपत्र के साथ खड़िया प्रोजेक्ट के स्टाफ अधिकारी कार्मिक को बायोडाटा और ज्ञापन सौंपा था। कुछ दिन बाद बताया गया कि उनका कागज एसएस यादव कंपनी को भेज दिया गया है। वह लोग, कंपनी में जाकर मैनेजर कमलेश उर्फ पप्पू सिंह से मिले तो कुछ दिन बाद, प्रमाणपत्र सौंपने वालों में से कुछ लोगों को बुलाकर फार्म ए भरवाया गया। कहा गया कि फोन कर बुलाया जाएगा लेकिन कोई काल नहीं आई। दोबारा मिलने पर कमलेश ने कंपनी के दूसरे मैनेजर, इनामदार, जिन्हें एचआर हेड बताया जा रहा है, से मोबाइल का स्पीकर आन कर बात कराई तो कहा गया कि 15 दिन में सभी को नौकरी दे दी जाएगी। इसके बाद आज-कल कहकर टरकाया जाता रहा। आरोप लगाया गया है कि इनामदार और कंपनी के जीएम बागमारे की मिलीभगत से लोगों को अन्य जगहों से बुलाए गए लोगों को मोटी रकम लेकर नौकरी पर रखा जा रहा है। इसको लेकर विस्थापित धरने पर बैठे तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। दी गई तहरीर में वायरल लिस्ट का भी जिक्र करते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। उधर, क्षेत्राधिकारी पिपरी प्रदीप सिंह चंदेल ने फोन पर बताया कि मामले में तीनों आरेापियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
सपा नेता ने सूची वायरल कर मामले को दिया था नया मोड़
बताते चलें कि एनसीएल के कोल प्रोजेक्टों में ओवरवर्डेन हटाने का कार्य कर रहीं आउटसोर्सिंग कंपनियों में नौकरी के नाम पर लोगों से उगाही तथा कुछ स्थानीय व्यक्तियों द्वारा लाइजनिंग के नाम पर एक निर्धारित रकम लेने के बाद नौकरी दिलाने का मामला लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है। प्रकरण में पिछले दिनों अचानक से एक नया मोड़ तब आया जब सपा नेता मनोज कक्का ने खड़िया कोल प्रोजेक्ट में ओवरवर्डेन हटाने का काम कर रही आरएस यादव कंपनी को लेकर एक कथित सूची वायरल की। उसमें सत्ता पक्ष के कई नेताओं के साथ कई अधिकारियों की सिफारिश का जिक्र होने से जहां सियासी माहौल गरमा उठा था। वहीं इसकी जांच कर कार्रवाई की मांग उठने लगी थी।