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Sonbhadra: पढाई से वंचित युवाओं-प्रौढ़ों को बनाएंगे साक्षर, पिछड़े जिलों पर फोकस, आज से सर्वे शुरू
Sonbhadra News Today: नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत सोनभद्र में अशिक्षित वर्ग को साक्षर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है।
Sonbhadra: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तरफ से शुरू किए गए नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (New India Literacy Program) के तहत, पिछड़े जिलों में शामिल सोनभद्र में भी अशिक्षित वर्ग को साक्षर बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। डीएम चंद्र विजय सिंह (DM Chandra Vijay Singh) ने बताया कि इसके लिए बेसलाइन सर्वे और उसके मुताबिक योजना बनाकर पढ़ाई से वंचित युवाओं-प्रौढ़ों (पहले चरण में 15 से 35 आयु वर्ग और इसके बाद के चरण में 35 वर्ष या इससे अधिक आयु वर्ग) को साक्षर बनाने का निर्णय लिया गया है। वह सोमवार की दोपहर बाद कलेक्ट्रेट सभागार में पत्रकारों से मुखातिब थे।
9 सितंबर से 30 सितंबर तक निरक्षर व्यक्तियों के पहचान का चलाया जाएगा अभियान
उन्होंने बताया कि बेसिक परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के जरिए 19 सितंबर से 30 सितंबर तक निरक्षर व्यक्तियों के पहचान का अभियान चलाया जाएगा। सोमवार से इस अभियान की शुरुआत भी कर दी गई है। इस बीच 20 और 21 सितंबर को सर्वे में लगे शिक्षकों को वर्चुअल प्रशिक्षण दिया जाएगा। निरक्षर व्यक्तियों की पहचान के बाद, पहली अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक वालेंटियर्स शिक्षक के लिए आवेदन लिए जाएंगे। 11 अक्टूबर को बेसलाइन सर्वेक्षण जारी करने के साथ ही, पंचवर्षीय नव भारत शिक्षण कार्यक्रम (New India Literacy Program) का शुभारंभ कर दिया जाएगा। प्रत्येक तीन महीने पर इसकी प्रगति जांची जाएगी। इसके जरिए यह जानकारी की जाएगी कि साक्षर कार्यक्रम के तहत पढ़ाई करने वाले व्यक्तियों की शैक्षिक स्थिति में कितना सुधार हुआ है?
कौशल विकास और डिजिटल तकनीक के ज्ञान पर विशेष जोर
डीएम चंद्रविजय सिंह (DM Chandra Vijay Singh) ने बताया कि इस कार्यक्रम के साथ जिनको शिक्षण कार्य प्रदान किया जाएगा। उन्हें उनके रोजमर्रा के कार्य के मुताबिक साक्षर तो बनाया ही जाएगा। बीच-बीच में उनके कौशल को निखारने के लिए, तकनीकी प्रशिक्षण (स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग) भी दिया जाएगा। साथ ही बैंकिंग, डिजिटल से जुड़े कामकाज के लिए वह किसी पर आश्रित न रहें और इसकी आड़ में होने वाले फ्राड से वह अपना बचाव कर सकें, इसके लिए उन्हें डिजिटल तकनीक की जानकारी के साथ ही, स्मार्ट क्लासेस, टैब, मोबाइल आदि के संचालन और उसके उपयोग का भी ज्ञान कराया जाएगा।
विभिन्न विभागों का लेगे सहयोग, सर्वे के बाद तैयार करेंगे शिक्षण सामग्री
सोनभद्र में किस तरह के शिक्षण सामग्री की जरूरत है और किस तरह का पाठ्यक्रम यहां के लिए सही होगा, इसको लेकर भी जानकारी सर्वे के दौरान ही जुटाई जाएगी और इसके आधार पर बैंकिंग सेक्टर, पंचायती राज विभाग, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, बाल विकास योजना, कौशल विकास विभाग आदि के जरिए शिक्षण सामग्री और पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा। अभियान के दौरान, इससे जुड़ रहे लोगों को उत्सव बना रहे, इसके लिए बीच-बीच में इससे जुड़ी सक्सेस स्टोरी से लोगों को अवगत कराया जाएगा।
बीएसए हरिवंश कुमार (BSA Harivansh Kumar) और कार्यक्रम में सहयोग दे रहे पिरामल फाउंडेशन की तरफ से भी जरूरी जानकारी दी गई। बता दें कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार जिले का साक्षरता प्रतिशत महज 65 प्रतिशत है। वहीं महिलाओं के मामले में यह आंकड़ा महज 52 प्रतिशत है। इसको देखते हुए, इस कार्यक्रम से महिलाएं ज्यादा से ज्यादा जुड़ें, इसका विशेष ख्याल रखने की योजना बनाई गई है।