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Sonbhadra: ग्रामीणों के सहयोग से मातृ मृत्यु और बीमारियों पर लगाएंगे अंकुश, प्रधानों से करेंगे चर्चा, मांगे गए सुझाव
Sonbhadra News: स्वास्थ्य के मसले पर जहां 50 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण देकर स्वास्थ्य जागरूकता की योजना बनाई गई है
Sonbhadra News: मेरी प्लास्टिक, मेरी जिम्मेदारी, ग्राम समाधान दिवस की पहल के बाद डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से ग्रामीणों में स्वास्थ्य को लेकर जागरूक करने, मातृ मृत्यु दर पर अंकुश लगाने और ग्राम पंचायतों में विकास की रफ्तार तेज हो सके। इसको लेकर अब एक नई पहल शुरू की गई है। स्वास्थ्य के मसले पर जहां 50 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण देकर स्वास्थ्य जागरूकता की योजना बनाई गई है।
वहीं ग्राम पंचायतों में समेकित विकास की परिकल्पना को साकार किया जा सके, इसके लिए गूगल लिंक फार्म के माध्यम से जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत से मूलभूत जरूरतों पर पांच सुझाव मांगे गए हैं।
कुछ इस तरह स्वास्थ्य जागरूकता को पहनाया जाएगा अमलीजामा
डीएम चंद्रविजय सिंह के मुताबिक ग्राम पंचायत स्तर पर बीमारियो, विशेषकर किस एरिया में मातृ मृत्यु दर की ज्यादा खराब स्थिति है, कहां स्थिति बेहतर है, इसकी जानकारी ली जाएगी। इसके बाद, प्लान बनाकर आशा, एएनएम, प्रधान, गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्तियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें बीमारियों से जुड़ी जानकारी, बचाव के तरीके आदि की जानकारी दी जाएगी। उन्हें इस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा कि वह दूसरों को भी उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर सकें। फिलहाल 50 हजार से अधिक लोगों को, स्वास्थ्य जागरूकता की मुहिम से जोड़ने की योजना बनाई गई है। इस दौरान बीमारी के बाह्य कारणों की भी जानकारी ली जाएगी और संबंधितों के माध्यम से उसका निदान कराया जाएगा। डीएम ने बताया कि अक्टूबर से इसको लेकर कवायद शुरू हो जाएगी।
प्रधान 25 तक दे सकेंगे सुझाव, ग्राम पंचायतें कैसे बनें सशक्त, इस पर उनसे की जाएगी चर्चा
डीएम की तरफ से जिले के सभी 629 ग्राम पंचायतों के प्रधानों से ग्राम पंचायत स्तर के पांच मूलभूत सुझाव ऑनलाइन मांगे गए हैं। इसके जरिए ऐसी समस्या, जिनका निस्तारण ग्राम समाधान दिवस के माध्यम से नहीं हो पा रहा है, उसे सूचीबद्ध किया जाएगा। सुझाव के लिए सभी प्रधानों को गूगल फॉर्म लिंक उपलब्ध करा दिया गया है। वह उस पर 25 सितंबर की शाम पांच बजे तक अपना सुझाव भेज सकते हैं। डीएम ने डीपीआरओ को निर्देशित किया है कि प्राप्त सुझावों को संकलित कर उसे श्रेणी वार विभाजित करें। इसके बाद प्रधानों की बैठक बुलाकर, उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर उनसे विस्तृत चर्चा की जाएगी और समस्याओं का समाधान कराया जाएगा। डीएम चंद्रविजय सिंह का कहना था कि ग्राम पंचायत स्तर पर सभी विभागों के कार्यों को अमलीजामा पहनाने में प्रधान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उनका मानना है कि ग्राम पंचायतें जितनी सशक्त होंगी, सरकार की योजनाएं जमीनी स्तर पर उतनी ही पारदर्शिता से लागू हो पाएंगी। शासन की भी प्राथमिकता है कि जो योजना लाभार्थियों को दी जा रही है वह उन तक पूरी पारदर्शिता से तक पहुंचे