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Sonbhadra: फर्जी परमिट पर खनिज परिवहन कराने वाले गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार

Sonbhadra: फर्जी परमिट के जरिए खनिज परिवहन कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने धर दबोचा। उनके पास से फर्जी परमिट और इससे जुड़ी मोहरें बरामद हुई हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 23 Jun 2022 10:51 PM IST
Sonbhadra News In Hindi
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पकड़े गए आरोपी। 

Sonbhadra: फर्जी परमिट (fake permit) के जरिए खनिज परिवहन (mineral transport) कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस (Robertsganj Kotwali Police) ने बृहस्पतिवार को धर दबोचा। उनके पास से फर्जी परमिट और इससे जुड़ी मोहरें बरामद हुई हैं। फर्जी परमिट से जुड़े मामलों को लेकर, पुलिस दोनों की तलाश में सरगर्मी से लगी हुई थी। पूछताछ के बाद दोनों का धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में चालान कर दिया गया। उनके जरिए पुलिस को फर्जी परमिट के रैकेट से जुड़ी कई जानकारियां भी मिली हैं जिसको लेकर पुलिस तफ्तीश में जुट गई है।

पुलिस ने इन लोगों को किया गिरफ्तार

पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक उप महानिरीक्षक/पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र प्रसाद सिंह (Superintendent of Police Amarendra Prasad Singh) के निर्देशन में अपराध एवं अपराधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को पुलिस को जानकारी मिली थी फर्जी परमिट गिरोह से जुड़े चंदन यादव पुत्र शम्भू यादव, निवासी चुप्पेपुर नौबादी, थाना चकरघट्टा, चंदौली और जितेंद्र दूबे पुत्र प्रभाशंकर दूबे निवासी दुबार कला, थाना लालगंज, जिला मीरजापुर, हाल पता बिल्ली चढाई, थाना ओबरा, चोपन थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी में मौजूद हैं। बताई गई सूचना के आधार पर छापेमारी की गई तो दोनों मौजूद मिले। गिरफ्तारी के बाद उनकी तलाशी ली गई तो उनके कब्जे से दो-दो सेट फर्जी परमिट की कॉपी और दो मोहर बरामद की गई।

दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज

अधिकारियों को इसकी जानकारी देने के बाद दोनों को राबर्ट्सगंज कोतवाली ले आ गया। वहां उनसे पूछताछ के बाद चालान कर दिया गया। दोनों के खिलाफ आईपीसी की धारा 379, 411 419, 420, 467, 468, 471 और 3/58/72 खान अधिनियम, 4/21 खान व खनिज विकास एवं विनिमय अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम की अगुवाई चौकी प्रभारी सदर अस्पताल विनय कुमार सिंह ने की। बताया गया कि फर्जी परमिट को लेकर, पुलिस पिछले एक साल से आरोपियों की तलाश में लगी हुई थी।



Deepak Kumar

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