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Sonbhadra: शौचालय निर्माण में मिला 29.59 लाख का घोटाला, दो सचिव निलंबित, FIR दर्ज करने के निर्देश

Sonbhadra: दुद्धी ब्लाक के धूमा ग्राम पंचायत में शौचालयों के निर्माण में 29.59 लाख के घोटाले की पुष्टि हुई है। जिसमें 2 सचिवों को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 5 July 2022 6:08 PM IST
Sonbhadra News In Hindi
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Sonbhadra: शौचालय निर्माण में मिला 29.59 लाख का घोटाला।

Sonbhadra: मंडलायुक्त से की गई शिकायत के बाद, उनके निर्देश पर डीपीआरओ विशाल सिंह (DPRO Vishal Singh) की अगुवाई वाली चार सदस्यीय टीम की जांच में दुद्धी ब्लाक (Duddhi Block) के धूमा ग्राम पंचायत में शौचालयों के निर्माण में 29.59 लाख के घोटाले की पुष्टि के बाद हड़कंप मच गया है। इसके लिए संबंधित प्रधान और तत्कालीन 2 सचिवों की जिम्मेदारी तय करते हुए एक को निलंबित कर विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है। जबकि दूसरे को निलंबित करने के लिए डीडीओ को पत्र भेजा गया है। मामले में एफआईआर और धनराशि वसूली को लेकर भी प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

ग्रामीणों की तरफ से शौचालय घोटाले का उठाया गया था मुद्दा

गत 18 जून को दुद्धी (Duddhi Block) में तहसील समाधान दिवस (Tehsil Resolution Day) के मौके पर शिकायतों की सुनवाई करने पहुंचे मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्रा (Divisional Commissioner Yogeshwar Ram Mishra) के सामने ग्रामीणों की तरफ से धूमा में हुए शौचालय घोटाले का मुद्दा उठाया गया था। गांव के प्यारे मोहन की तरफ से लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई, जिस पर मंडलायुक्त ने डीपीआरओ को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए।

प्रति शौचालय 12 हजार की दर से निकाले 27.60 लाख

इसके बाद डीपीआरओ, एडीपीआरओ, एडीपीआरओ तकनीकी और जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (Swachh Bharat Mission Rural) की मौजूदगी वाली टीम ने पूरे मामले की जांच की। पाया कि 230 शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण हुए बिना ही प्रति शौचालय 12 हजार की दर से 27.60 लाख निकाल लिए गए हैं। इसके अलावा शौचालय के नाम पर एक लाख 99 हजार पांच सौ की अतिरिक्त निकासी पाई गई। दावा किया गया कि इस धनराशि से 16 शौचालय निर्मित कराए गए हैं लेकिन जांच टीम के सामने इसका कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया जा सका। इस पर कुल 29 लाख 59 हजार 500 की धनराशि के गबन के लिए प्रधान रामप्रसाद यादव, पंचायत सचिव उमेश चंद्र और चांदनी गुप्ता को जिम्मेदार माना गया तथा स्पष्टीकरण की मांग की गई। सचिवों ने स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया लेकिन वह संतोषजनक नहीं पाया गया।

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को निलंबित करते हुए कार्रवाई के दिए निर्देश

इसके बाद गत शनिवार को डीपीआरओ (DPRO) की तरफ से जहां ग्राम पंचायत विकास अधिकारी उमेश चंद्र (Gram Panchayat Development Officer Umesh Chandra) को निलंबित करते हुए, विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई। वहीं ग्राम विकास अधिकारी चांदनी के निलंबन के लिए डीडीओ को पत्र भेजा गया है। वहां से अभी निलंबन की सूचना डीपीआरओ कार्यालय को उपलब्ध नहीं कराई गई है। इसकी जानकारी के लिए डीडीओ के सेलफोन पर रिंग की गई लेकिन वह वार्ता के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए। बीडीओ दुद्धी (bdo duddhi) ने भी इस मसले पर कन्नी काट ली।

एक सचिव को निलंबित कर दिया गया: डीपीआरओ

डीपीआरओ विशाल सिंह (DPRO Vishal Singh) का कहना था कि एक सचिव को निलंबित कर दिया गया है। दूसरे के निलंबन के लिए डीडीओ को पत्र भेजा गया है। मामले में एफआईआर, वसूली आदि के लिए आवश्यक प्रक्रिया अपनाई जा रही है। बता दें कि ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के नियुक्ति प्राधिकारी डीपीआरओ होते हैं, इसलिए उन्हें ही उनके निलंबन का भी अधिकार होता है। वहीं ग्राम विकास अधिकारियों के नियुक्ति प्राधिकारी डीडीओ होते हैं, इसलिए उनका निलंबन डीडीओ स्तर से किया जाता है।



Deepak Kumar

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