Sonbhadra: सरकारी पैसों से निजी जमीन पर करा दिया सामुदायिक शौचालय निर्माण, पंचायत सचिव को नोटिस जारी

Sonbhadra: घोरावल ब्लाक के केवटा ग्राम पंचायत में सरकारी धन खर्च कर निजी जमीन पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा दिया गया। इस मामले में संबंधित पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 2 Nov 2022 2:15 PM GMT
Sonbhadra News In Hindi
X

सामुदायिक शौचालय निर्माण

Sonbhadra : सामुदायिक शौचालय घोटाले (Community Toilet Scam) को लेकर सुर्खियां बटोर चुकी जिले के कई ग्राम पंचायतों में अब, सामुदायिक शौचालय निर्माण (Community Toilet Scam) में भी मनमानी-घपलेबाजी की शिकायतें सामने आने लगी हैं। ताजा मामला घोरावल ब्लाक के केवटा ग्राम पंचायत का है। यहां लगभग सात लाख सरकारी धन खर्च कर निजी जमीन पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा दिया गया। संबंधित व्यक्ति की निजी चारदिवारी के अंदर निर्माण होने और जनसामान्य की पहुंच से दूर होने को लेकर सवाल उठने लगे तो मामले की जांच कराई गई। जांच में भी इसकी पुष्टि होने के बाद हड़कंप मच गया है। फिलहाल मामले में संबंधित पंचायत सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

मिलीभगत से निजी जमीन पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण

बताते हैं कि पिछले माह डीपीआरओ के यहां शिकायत पहुंची कि केवटा गांव में तत्कालीन प्रधान और सचिव की मिलीभगत से निजी जमीन पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा दिया गया है। जिस व्यक्ति की जमीन है, उसके निजी चहारदिवारी के अंदर निर्माण होने से जनसामान्य के लिए कोई मतलब नहीं रह गया है। इस पर मामले की जांच के लिए एडीपीआरओ राजेश कुमार सिंह को निर्देशित किया गया। मौके पर पहुंचकर उन्होंने जांच की तो पाया कि 6.77 लाख की लागत से निजी जमीन और निजी चहारदिवारी के अंदर शौचालय का निर्माण करा दिया गया है। शौचालय में जल आपूर्ति भी नहीं होती पाई गई न ही उसका कोई प्रयोग होता मिला।

तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा: एडीओ

एडीओ पंचायत से जानकारी ली गई तो बताया गया कि जिस निजी भूमि में सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया गया है कि उन्होंने उसको लेकर कोई जमीन ग्राम पंचायत के पक्ष में नहीं दी गई है। यह शौचालय प्रथमदृष्ट्या जनसामान्य के लिए सुलभ न होने की भी जानकारी दी गई। अब मामले में डीपीआरओ की तरफ से केवटा के तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी रहे जावेद अख्तर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है कि स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद, किन हालातों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण निजी जमीन पर, निजी चहारदिवारी के भीतर कराया गया। अविलंब जवाब न मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

जिले में कई जगहों से शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की आई शिकायतें

बताते चलें कि जिले में कई जगहों से शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती है। अब निजी जमीन पर वह भी निजी चहारदिवारी के भीतर निर्माण का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। दिलचस्प मसला यह है कि निर्माण, संबंधित सचिव के घोरावल ब्लाक के करमा ब्लाक स्थानांतरण से पूर्व का है लेकिन ब्लाक के किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या कर्मी की नजर इस पर नहीं पड़ पाई। बगैर सत्यापन 6.77 लाख का भुगतान भी कर दिया गया। अब जब मामला सार्वजनिक हो चुका है तो इस मामले में कार्रवाई की क्या स्थिति बनती है, इसको लेकर चर्चाएं जारी है।

तस्वीरों में हैंडपंप कब्जा, निस्तारण रिपोर्ट में सब कुछ ओके

सिर्फ ग्राम पंचायतें ही नहीं, नगर पंचायतों में भी गड़बड़ी का जमकर खेल खेला जा रहा है। डाला में एक हैंडपंप को चहारदिवारी निर्माण के बीच कब्जाने और उसमें समरसेबल लगाकर व्यक्गित उपभोग की शिकायतें की गई। संबंधितों को इसकी तस्वीर भी उपलब्ध कराई गई लेकिन नगर पंचायत डाला की तरफ से इस मामले में जो निस्तारण आख्या आई उसमें यह कह दिया गया कि जिसने शिकायत की है कि उसके घर के पास दो हैंडपंप है। उसमें से एक हैंडपंप में दो साल पूर्व मंदिर में प्रयोग के लिए सबमर्सिबल लगाया गया था। शिकायतकर्ता के घर के सामने हैंडपंप है, पानी की कोई समस्या नहीं है।

सवाल उठता है कि जब हैेंडपंप सार्वजनिक है तो फिर उसके उपर से होते हुए चहारदिवारी का निर्माण कैसे हो गया और उसके व्यक्तिगत उपयोग को हरी झंडी किस व्यवस्था के तहत दे दी गई? इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया है। मामले को लेकर एक बार फिर से शिकायत की गई है।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story