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Sonbhadra News: रियल स्टेट कंपनी के नाम पर लाखों की ठगी, पुलिस ने MD सहित दो पर किया केस
Sonbhadra News Today: रियल स्टेट कंपनी के नाम पर लाखों की ठगी करने का मामला दर्ज कर प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी गई है। पुलिस ने एमडी सहित दो लोगों पर केस किया।
Sonbhadra News: रियल स्टेट कंपनी मेसर्स संजीवनी इंफ्रासिटी इंडिया लिमिटेड, सिविल लाइन रोड राबटर्सगंज के एमडी प्रमोद शर्मा निवासी पचोखर, थाना पन्नूगंज और शाखा प्रबंधक विकास शर्मा निवासी अदमापुर जिला सासाराम, बिहार के खिलाफ राबटर्सगंज कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी गई है। पुलिस ने यह कार्रवाई चोपन थाना क्षेत्र के केवटा निवासी प्रफुल्ल कुमार की तरफ से कोर्ट में प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र और उस पर आए आदेश पर की है।
दूसरे रियल इस्टेट कंपनियों में नौकरी के बाद खुद की खड़ी कर ली कंपनी
आरोप है कि प्रमोद शर्मा इससे पहले कई रियल स्टेट कंपनियों में उच्च पदों पर कार्यरत रह चुका है। पीएसीएल, केएम इंडिया, स्काईलार्क लैंड डेवलपर्स जैसी कंपनियों में काम करने के बाद उसने खुद की रियल स्टेट कंपनी खोल ली और उसका दफ्तर सिविल लाइंस रोड राबटर्सगंज पर संचालित करने लगा। इसके उद्घाटन के दौरान उसने क्षेत्र के लोगों को आमंत्रित किया और अपने लोक लुभावने स्कीम के बारे में जानकारी दी।
इसके प्रभाव में आकर प्रफुल्ल और उसके दोस्तों ने बतौर कंपनी के एजेंट के रूप में काम करना शुरू कर दिया। एजेंटों की बातों पर विश्वास कर कई लोगों ने, उक्त कंपनी में अच्छी खासी धनराशि भी निवेश कर दी। तीन साल बाद जब परिपक्वता राशि के भुगतान की बारी आई तो आनाकानी शुरू कर दी गई। जून 2017 में मामला पन्नूगंज पुलिस के पास पहुंचा, वहां कथित एजेंटों की मौजूदगी में उपरोक्त रियल इस्टेट कंपनी के कथित ब्रांच मैनेजर विकास शर्मा की तरफ से थानाध्यक्ष पन्नूगंज के समक्ष धीरे-धीरे निवेशकों की रकम लौटा देने का समझौता पत्र दिया गया। कथित एमडी प्रमोद शर्मा ने भी इस पर हस्ताक्षर किए।
पुलिस के पास पहुंचा मामला तो दफ्तर बंद कर हो गए गायब
कुछ समय बाद जब लोग सिविल लाइंस रोड स्थित दफ्तर पहुंचे तो ताला लटकता मिला। दोनों आरोपियों के मोबाइल नंबर भी बंद पाए गए। मकान मालिक से जानकारी मिली कि कहीं अन्यत्र दफ्तर स्थानांतरित किए जाने की बात कहते हुए कमरा खाली कर दिया गया है। काफी प्रयास के बाद भी संपर्क नहीं हो पाया तो मामले में न्यायालय में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत कर गुहार लगाई गई।
प्रकरण की सुनवाई के दौरान प्रथमदृष्ट्या संज्ञेय अपराध पाते हुए राबटर्सगंज थानाध्यक्ष को प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज कर विधि अनुरूप विवेचना का आदेश दिया गया। पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 419 और 420 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है।