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Sonbhadra News: सोनभद्र में बढ़ता प्रदूषण, चिंताजनक हालात, 371 पर पहुंचा सूचकांक

Sonbhadra News: नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत सोनभद्र के अनपरा का चयन भी किया गया है। बावजूद उद्योग बहुल अनपरा अंचल के साथ ही जिले के अन्य हिस्सों की आबोहवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 13 Dec 2022 7:47 PM IST (Updated on: 13 Dec 2022 8:25 PM IST)
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Sonbhadra News (Newstrack)

Sonbhadra News: एक तरफ जहां जलवायु परिवर्तन को देखते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम से कम करने की कवायद चल रही है। इसी कड़ी में नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत सोनभद्र के अनपरा का चयन भी किया गया है। बावजूद उद्योग बहुल अनपरा अंचल के साथ ही जिले के अन्य हिस्सों की आबोहवा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले 15 दिनों से जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से ऊपर बना हुआ है। वहीं इस बीच यह आंकड़ा 371 तक पहुंच जाने से हायतौबा की स्थिति बन गई है। अभी ठंडक थोड़ी कम होने के कारण कोहरे की स्थिति नहीं बन पाई है।

बावजूद रोजाना उछाल मारते, वायु गुणवत्ता सूचकांक को देखते हुए, अत्यधिक प्रदूषण प्रभावित इलाके के हालात बेहद खराब बताए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर यही स्थिति रही तो कोहरे के समय यह आंकड़ा 400 को पार भी कर सकता है।

देश के तीसरे सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र का दर्जा रखने वाले सोनभद्र में प्रदूषण को लेकर लगातार आवाज उठा रही है। वर्ष 2015 से एनजीटी भी सख्ती का रूख अपनाए हुए हैं। पोल्यूटेड पे फार्मूला के तहत, भी कार्य के लिए कई निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन सर्दी की दस्तक के साथ ही सोनभद्र में लगातार वायु गुणवत्ता सूचकांक का उच्च स्तर बना हुआ है।

हालत यह है कि नवंबर के पहले पखवाड़े तक 200 से 300 के बीच रहने वाला सूचकांक, 15 नवंबर के बाद से ही जहां 300 के करीब पहुंचना शुरू हो गया है। वहीं दिसंबर में यह करीब-करीब लगातार 300 के ऊपर बना हुआ है।

बताते चलें कि मानव स्वास्थ्य के लिहाज से यह स्थिति काफी खतरनाक बताई जाती है। 371 तक का आंकड़ा पहुंच चुका है। अगर यहीं आंकड़ा 400 के उपर पहुंच जाए तो पर्यावरण विशेषज्ञों का दावा है कि हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बनने शुरू हो जाते हैं।

हाईडस्ट जोन एरिया के रूप में चिन्हित होने के बाद भी उदासी

जिले की अनपरा से शक्तिनगर और ओबरा खनन क्षेत्र का डाला-बिल्ली मारकुंडी वाला इलाका हाई डस्ट जोन के रूप में चिन्हित है। पटरियों पर कोयले की जमा धूल और परिवहन के साथ ही, गिरता कोयला और हवा में उड़ती कोयले की धूल लगातार हालात चिंताजनक बनाए हुए है।

इसको लेकर नियमित साफ-सफाई और पानी छिड़काव की स्थिति भी काफी हद तक कागजों पर सिमटी हुई है। ओवर साइट कमेटी इस बात का दावा कर चुकी है, कई बार इस एरिया में वायु गुणवत्ता सूचकांक 800 तक के आंकड़े को छू चुका है।

केंद्र सरकार की तरफ से वर्ष 2020 में देश के 110 शहरों-स्थानों पर नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम की शुरूआत की गई, उसमें जिले के अनपरा को केंद्र मानकर, ऊर्जांचल एरिया में प्रदूषण नियंत्रण को तेजी से कदम उठाने की तरजीह दी गई और इसको लेकर निर्देश जारी किए गए।

अनपरा-शक्तिनगर इलाके में वायु प्रदूषण की स्थिति जानने के लिए, जिले की सीमा से सटे विंध्यनगर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से प्रदूषण मापक संयंत्र स्थापित किया गया है लेकिन डाला-बिल्ली मारकुंडी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर किस और कितनी खतरनाक स्थिति में है, इसके सटीक मापन के लिए अभी तक किसी यंत्र-तकनीक की व्यवस्था अमल में नहीं लाई गई है। ड्रोन कैमरे से निगरानी का प्रस्ताव धूल फांक रहा है।

कुछ यह है सोनभद्र-सिंगरौली में प्रदूषण की स्थिति

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 नवंबर को 319, 29 नवंबर को 322, 30 नवंबर को 326, पहली दिसंबर को 349, दो दिसंबर को 371, तीन दिसंबर को 350, चार दिसंबर को 305, पांच दिसंबर को 334, सात दिसंबर को 298, नौ दिसंबर को 318, 10 दिसंबर को 341, 11 दिसंबर को 371, 12 दिसंबर को 337 दर्ज किया गया।

बरतनी होगी सख्ती, ईमानदारी से करने होंगे प्रयास

पर्यावरण विशेषज्ञ सीमा जावेद, सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के रामेश्वर भाई और पर्यावरण वैज्ञानिक एके गौतम कहते हैं कि सोनभद्र में प्रदूषण को लेकर लगातार हालात बिगड़ रहे हैं।

जब तक इसको लेकर सख्ती नहीं बरती जाएगी और नियंत्रण को लेकर किए जाने वाले प्रयास पूरी इमानदारी से नहीं किए जाएंगे, तब तक सोनभद्र में सुधार की बहुत गुंजाइश नहीं है। इस बारे में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

Durgesh Sharma

Durgesh Sharma

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