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Sonbhadra News: कहीं वार्ड ब्वाय-चौकीदार तो कहीं अपंजीकृत अस्पताल में दी जा रहीं डिलीवरी सुविधाएं
Sonbhadra News: महज 20 से 25 किमी की एरिया में 50 से अधिक ऐसे अस्पतालों के नाम सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
Sonbhadra News: जिले में बड़े स्तर पर बगैर पंजीकृत और बगैर डिग्री वाले व्यक्तियों द्वारा अस्पताल/नर्सिंग होम संचालन का मामला सामने आया है। हैरत में डालने वाली बात यह है कि वार्ड ब्वाय और चौकीदार के रूप में कार्य करने वाले व्यक्ति भी अस्पताल/क्लिनिक संचालन में लगे हुए हैं। महज 20 से 25 किमी की एरिया में 50 से अधिक ऐसे अस्पतालों के नाम सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। पूरे जिले में ऐसे अस्पतालों की संख्या 300 से अधिक बताई जा रही है। हालांकि चिकित्सा महकमे की तरफ से ऐसे अस्पतालों की संख्या को लेकर कोई अधिकृत पुष्टि नहीं की जा रही है लेकिन जिस तरह जिला मुख्यालय पर दो दिन तक अभियान चलाने के बाद अचानक से ठप होने, हंगामा या किसी मरीज के मौत के बाद ही, ऐसे अस्पतालों पर कार्रवाई की दिखती स्थिति को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए जाने लगे हैं।
जिले के दूसरे हिस्से को कौन कहे, जिला मुख्यालय परिक्षेत्र में ही जुगाड़ व्यवस्था से कई अस्पताल चलाए जा रहे हैं। कहीं उधार की डिग्री पर पंजीयन लेकर हर तरह के मर्ज का इलाज और आपरेशन का दावा किया जा रहा है तो कहीं किराए के चंद कमरों के भरोसे नवीनतम तकनीक आधारित सर्जरी सहित अन्य सुविधाओं का झांसा देकर, एजेंटों के जरिए मरीजों के शोषण का खेल जारी है। सप्ताह भर पूर्व चले चेकिंग में महज दो दिन में दो चर्चित अस्पतालों में बगैर चिकित्सक के मरीजों को भर्ती किया जाना पाया गया था। कार्रवाई आगे बढ़ती, इस बीच जहां अचानक से अभियान ब्रेक हो गया, वहीं नोडल भी बदल दिए गए। हालांकि स्वास्थ्य महकमे की तरफ से इसे रूटीन कार्यवाही बताया लेकिन अचानक से नोडल बदलने और इसी के साथ चेकिंग अभियान थम जाने के बाद तरह-तरह के सवाल उठने लगे।
महज हिंदुआरी से मधुपुर के बीच बगैर पंजीयन, बगैर डिग्री 50 अस्पतालों का संचालन
बगैर पंजीयन, बगैर डिग्री या जुगाड़ के डाक्टर, डिग्री के सहारे संचालित अस्पतालों का नेटवर्क कितना मजबूत है कि महज हिंदुआरी से मधुपर यानी 20 से 25 किमी की एरिया में 50 से अधिक अवैध अस्पताल/क्लिनिक/नर्सिंग होम संचालित किए जा रहे हैं। जो जानकारियां हाथ लगी हैं, उसके मुताबिक मधुपुर इलाके के एक अस्पताल में बगैर डिग्री जहां एक अस्पताल में आर्थोप्रीडिशियन हड्डी रोग चिकित्सा की सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वहीं मधुपुर क्षेत्र में ही एक कथित अस्पताल में 24 घंटे बगैर किसी पंजीयन के ही सभी तरह की डिलीवरी सेवा उपलब्ध कराने का मामला सामने आया है। यहां के दो और अवैध अस्पताल में डिलीवरी सेवा देने की शिकायत स्वास्थ्य महकमे तक पहुंचाई जा चुकी है। सबसे दिलचस्प मामला गौरही गांव परिक्षेत्र का है। एक अस्पताल में वार्ड ब्वाय की नौकरी करने वाला व्यक्ति बाकायदे अस्पताल चला रहा है और वह भी बगैर किसी पंजीयन के। इसी तरह मधुपुर इलाके में ही एक ऐसी व्यक्ति द्वारा अस्पताल संचालित कराने का मामला सामने आया है, जो स्वीपर कम चौकीदार के रूप में कार्यरत है। इसी तरह हिंदुआरी से मधुपुर के बीच कहीं लकवा रोग तो कहीं जहर रोग विशेषज्ञ के रूप में इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है। बता दें कि तीन-चार दिन पूर्व मधुपुर में ही गैर पंजीकृत क्लिनिक में उपचार की लापरवाही के चलते प्रसूता के मौत का मामला सामने आया था, जिसके बाद क्लिनिक को सील करते हुए, एफआईआर कराई गई।
भाजपा नेता ने डिप्टी सीएम को भेजी शिकायतः
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ. धर्मवीर तिवारी ने अवैध तरीके से संचालित अस्पतालों को लेकर डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक को पत्र भेजकर ऐसे अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई का निर्देश देने की मांग की है। जिम्मेदारों की भूमिका पर सवाल उठाने के साथ ही, बार -बार नर्सिंग होम और प्राइवेट डाक्टरों के नोडल बदलने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। कहा है कि ऐसे लोग भी नोडल बनाए जा रहे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। बगैर पंजीयन के नर्सिंग होम और क्लीनिक चलाए जाने से आए दिन किसी न किसी मरीज की मौत सामने आ रही है। सील किए जा रहे नर्सिंग होमों को अचानक से खोलने को लेकर भी सवाल उठाया है। यह भी आरोप लगाय ाहै कि अब तक जितने भी नर्सिंग होम या हॉस्पिटल सील किए गए, उसमें किसी का भी रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं किया गया, जबकि मौतों का क्रम जारी है। पत्र के जरिए कहा है कि जिले में कई ऐसे सेंटर हैं जहां डॉक्टरों की कमी है, वहीं कई डॉक्टर तैनाती स्थल पर बगैर ज्वाइन किए ही वेतन ले रहे हैं।
कार्रवाई की रणनीति तैयार, 15 दिन तक चलेगा अभियानः नोडल
प्राइवेट अस्पतालों के नए नोडल बनाए गए डा. गुरूप्रसाद कहते हैं कि बीच में कुछ कार्यों की व्यस्तता के चलते अभियान ठप हो गया था। जो भी गैर पंजीकृत या अवैध तरीके से अस्पताल संचालित हो रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की रणनीति बनाई गई है। एक-दो दिन में 15 दिनी चेकिंग अभियान शुरू कर दिया जाएगा