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Sonbhadra News: चचेरे मामा को फांसी की सजा, मासूम भांजी से बलात्कार कर नाले में फेंक दी थी लाश

Sonbhadra News: आरोप तय होने के महज एक साल के भीतर पाक्सो एक्ट से जुड़ी अदालत ने सुनाया बड़ा फैसला, दोषी को दी फांसी की सजा।

Kaushlendra Pandey
Published on: 9 Dec 2022 4:24 PM IST (Updated on: 9 Dec 2022 5:14 PM IST)
Jhansi News In Hindi
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फांसी (photo: social media )

Sonbhadra News: सात वर्षीय नाबालिग के साथ, उसकी जान जाने तक उसके चचेरे मामा द्वारा ही दरिंदगी किए जाने और मौत के बाद नाले में शव फेंक देने के मामले में दोषी (चचेरे मामा) को मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) एक्ट निहारिका चौहान की अदालत ने शुक्रवार की दोपहर मामले की सुनवाई करते समय यह फैसला सुनाया। पारित निर्णय में कहा गया है कि दोषी को फांसी के फंदे पर तब तक लटकाया जाए तब तक कि उसकी मृत्यु न हो पाए। दोषी को न्यायिक हिरासत में लेकर, जिला कारागार गुरमा भेज दिया गया है। वहीं नियम 64 के तहत दंडादेश की पुष्टि के लिए मामला हाईकोर्ट भेज दिया गया है।

यह है पूरा प्रकरण, ऐसे पकड़ में आया दोषीः

अभियोजन कथानक के मुताबिक गत सात नवंबर 2020 को बीजपुर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने बीजपुर थाने में आकर तहरीर दी कि उसकी बेटी छह नवंबर की शाम चार बजे के करीब घर के बाहर खेल रही थी। उसके बाद से लापता है। पुलिस को दी गई तहरीर में रिश्ते में मामा लगने वाले एक युवक पर शक जताया गया। तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर पुलिस ने सात नंवबर को दोपहर बाद, संबंधित युवक की गिरफ्तारी की तो उससे पूछताछ में जो कहानी सामने आई, उसने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए।

इस तरह की गई थी वारदात, नजारा देख कांप गई थी लोगों की रूहः

अभियोजन पक्ष के मुताबिक मामले में दोषी पाया गया शिवम गत छह नवंबर 2020 को इलाहाबाद से अपने घर आया। वहां से अपने जीजा के घर गया। वहां उसने जीजा के भाई के घर जाकर शराब की। नशे में टुन्न होने के बाद, पास की दुकान पर गुटका लेना गया, जहां उसे जीजा के भाई यानी सात वर्षीय भांजी खेलती हुई दिखाई दी। उसे देखकर उसकी नियत बिगड़ गई और उसे बिस्किट खिलाने के बाद, बहला-फुसलाकर उसे गोंद में उठा लिया। वहां से उसे सीधे पास के जंगल में पहुंचा और बरकानाला में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता चीखती रही चिल्लाती रही लेकिन हैवान बन चुके शिवम ने उसके साथ तब तक दुष्कर्म और कुकर्म का क्रम जारी रखा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। मौत के बाद शव नाले में ही फेंककर चला आया।

डीएनए रिपोर्ट के जरिए पुख्ता किए गए सबूत और अदालत में रखे गए तर्कः

अदालत के सामने मामले को साबित करने में कोई कमी न रहने पाए, इसके लिए मौके पर मिले बाल और आरोपी के बाल का डीएनए टेस्ट कराया गया और इसको लेकर आई रिपोर्ट के आधार पर अदालत में मजबूती से पक्ष रखा गया। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि यह एक विरलतम और जघन्यतम मामला है। इसको दृष्टिगत रखते हुए दोषी की एक नहीं, बल्कि दो धाराओं में फांसी की सजा सुनाई।

महज एक साल में सुनवाई की गई पूरी, 10 गवाहों ने दर्ज कराया बयान

मामले में पीड़िता को तेजी से न्याय देने की प्रक्रिया अपनाई गई। सितंबर 2021 में मामले में आरोप तय किए गए और महज एक साल मामले से जुड़े 10 गवाहों के बयान-जिरह की कार्यवाही पूरी कर, करीब-करीब सुनवाई पूरी कर ली गई। इसके बाद अभियोजन और बचाव दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों और दलीलों के आधार पर शुक्रवार को फैसला सुना दिया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि, सत्यप्रकाश तिवारी और नीरज सिंह की तरफ से की गई।

जानिए आईपीसी की किस धारा के लिए मिली कौन सी सजा

धारा 302 यानी हत्या और पाक्सो यानी लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत अपराध के लिए के लिए मृत्युदंड और एक-एक लाख अर्थदंड की सजा सुनाई गई। धारा 364 यानी अपहरण के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार अर्थदंड तथा धारा 201 यानी साक्ष्य छिपाने के लिए सात वर्ष के कठोर कारावास और 25 हजार अर्थदंड की सजा दी गई। धारा 377 यानी अप्राकृतिक दुष्कर्म के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। बता दें कि जिले के इतिहास में यह चैथा मामला है, जब किसी दोषी को फांसी की सजा सुनाई गई है।

राज्य सरकार से पीड़ित पक्ष को प्रतिकर दिए जाने की संस्तुति

अदालत ने अर्थदंड के रूप में लगाई गई धनराशि को प्रतिकर के रूप में पीड़िता को दिए जाने के लिए राज्य सरकार से संस्तुति की है। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला मजिस्ट्रेट को निर्णय की एक-एक प्रति भेजते हुए अपेक्षा की गई है कि पीड़ित पक्ष/वादी मुकदमा को उचित प्रतिकर दिलाए जाने के लिए नियमानुसार उचित कार्रवाई की जाए। न्यायालय की तरफ से, दोषसिद्ध पर अधिरोपित अर्थदंड के रूप में दिलाई जाने वाली प्रतिकर धनराशि प्राप्त न होने की स्थिति को देखते हुए यह कार्यवाही की गई।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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