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Sonbhadra News: शीतलहर की मार- बिजली की मांग में दर्ज हुई रिकॉर्ड बढ़ोतरी, 21033 मेगावाट पहुंची डिमांड
Sonbhadra News: जलस्तर कम होने के बावजूद रिहंद जल विद्युत गृह की भी सभी इकाइयों से बिजली पैदा की गई। ठंड के चलते ब्लोअर और रूम हीटर के प्रयोग में वृद्धि को बढ़ी मांग का कारण बताया जा रहा है।
Sonbhadra News: शीतलहर के बीच बिजली की मांग में जबरदस्त बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पीकआवर में बिजली की मांग जहां 21033 मेगावाट पहुंच गई। वहीं हालात संभालने को बिजलीघरों में उत्पादनरत इकाइयों से पूरी क्षमता से उत्पादन लिया जाता रहा। जलस्तर कम होने के बावजूद रिहंद जल विद्युत गृह की भी सभी इकाइयों से बिजली पैदा की गई। ठंड के चलते ब्लोअर और रूम हीटर के प्रयोग में वृद्धि को बढ़ी मांग का कारण बताया जा रहा है।
शीतलहर के पहले जहां बिजली की अधिकतम मांग 16000 मेगावाट के इर्दगिर्द बनी हुई थी। वहीं नए साल की शुरुआत के साथ शुरू हुए शीतलहर के दौर के बाद, बिजली की मांग में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला है।
स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक बृहस्पतिवार की रात जहां पीक आवर में बिजली की मांग जहां 20 हजार मेगावाट को पार कर गई। वहीं शुक्रवार को दिन में भी बिजली की मांग 18,000 मेगावाट के आसपास बनी रही।
इसको देखते हुए सिस्टम कंट्रोल की तरफ से जहां सोनभद्र सहित पूरे प्रदेश के बिजली घरों की उत्पादनरत बिजली इकाइयां पूरी क्षमता से चलवाई गईं। वहीं, प्रदेश के कई हिस्सों में कुछ समय के लिए बिजली कटौती का भी सहारा लेना पड़ा। हालात को देखते हुए रिहंद जलविद्युत गृह की भी सभी बिजली इकाइयों से उत्पादन लिया गया।
कई इकाइयों के बंद रहने के चलते महंगी बिजली से पूरी करनी पड़ी जरूरत
ओवरहालिंग कार्य के चलते अनपरा की 200 मेगावाट वाली तीसरी इकाई और 500 मेगावाट वाली चौथी इकाई लंबे समय के लिए बंद कर दी गई है। वहीं ब्वायलर ट्यूब लिकेज के चलते ओबरा की 200 मेगावाट क्षमता वाली 12वीं इकाई ठप हो गई है।
इसे 8 जनवरी की रात तक उत्पादन पर आने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके चलते बिजली की मांग जब अचानक से बढ़ी तो हालात संभालने के लिए महंगी बिजली का सहारा लेना पड़ा।
समाचार दिए जाने तक राज्य सेक्टर की अनपरा परियोजना से 1760 मेगावाट, ओबरा परियोजना से 636 मेगावाट, ओबरा जल विद्युत गृह से 84 मेगावाट बिजली उत्पादन जारी था। शुक्रवार को दिन में स्थिति नियंत्रित रहने के कारण रिहंद जल विद्युत से उत्पादन ठप कर दिया गया था।
बता दें कि रिहंद जलाशय का जलस्तर पिछले साल के मुकाबले 4 फीट से भी अधिक कम होने के कारण, यहां स्थित जल विद्युत गृह से, उत्पादन तभी लिया जा रहा है। जब उसकी अत्यधिक आवश्यकता पड़ रही है।