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Sonbhadra News: क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के लेनदेन का वीडियो वायरल, एनओसी से जुड़ा मामला

Sonbhadra News: क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के चेंबर में उनकी मौजूदगी में और उनके इशारे पर हुए ऐसे ही लेन-देन का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 10 Feb 2023 3:39 AM GMT
Sonbhadra bribe case
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Sonbhadra bribe case (photo: social media )

Sonbhadra News: योगी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीतियों को उन्हीं के अफसर पलीता लगाने में लगे हुए हैं। ताजा मामला सोनभद्र का है। जिस क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी पर सोनभद्र और मिर्जापुर में प्रदूषण नियंत्रण और मानकों का पालन कराने की जिम्मेदारी है। वही अफसर पैसे का लेनदेन करने में लगे हुए हैं। सोनभद्र में तैनात क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के चेंबर में उनकी मौजूदगी में और उनके इशारे पर हुए ऐसे ही लेन-देन का वीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया है।

यह तस्वीर उस जिले की है जिसे देश के तीसरे सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र का दर्जा तो हासिल है ही एनजीटी की तरफ से भी लगातार कई निर्देश जारी किए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से राष्ट्रीय स्वच्छता कार्यक्रम में भी सोनभद्र के औद्योगिक केंद्र अनपरा को शामिल किया गया है। बावजूद इस तरह का वीडियो वायरल हुआ है उसने प्रदूषण नियंत्रण की पूरी व्यवस्था को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

जाने पूरा मामला

बताते चलें कि बृहस्पतिवार की रात वायरल हुआ यह वीडियो, सोनभद्र में तैनात क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी टीएन सिंह के चेंबर का बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में एक व्यक्ति सामने वाली कुर्सी पर बैठा दिखाई देता है। वह शख्स कोई और नहीं बल्कि क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग के अधिकारी टीएन सिंह हैं। उनके पास सोनभद्र में प्रदूषण नियंत्रण की जिम्मेदारी तो है ही, मंडलीय मुख्यालय का दर्जा रखने वाले मिर्जापुर जिले का भी चार्ज है । उनके चेंबर में जो दूसरा व्यक्ति बैठा दिखाई दे रहा है, उसे उनका स्टॉफ बताया जा रहा है। वह कम्प्यूटर केपखस वाली चेयर पर बैठा हुआ है । वायरल वीडियो में प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के सामने बैठे कुछ लोग, किसी मामले की एनओसी को लेकर बातचीत करते दिख रहे हैं। उसमें एक व्यक्ति कहता है कि उसकी उनसे पहली मुलाकात है लेकिन उनसे पहले के अधिकारियों से उसका संपर्क बना हुआ था। वह यह भी कहता है सुनाई पड़ रहा है कि वह (प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी) आदेश बता दें। वह उनके आदेश को अगली पार्टी को बता देगा ताकि उसका भी कुछ खर्चा-पानी निकल जाए... । इसके बाद वहीं व्यक्ति क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से कुछ आइडिया देने को कहता है तो वह मोबाइल में टाइप कर कुछ दिखाते हैं। उसे देखने के बाद सामने बैठा व्यक्ति कहता है कि साहब 25 बता रहे हैं। फिर कहता है कि वह अगली पार्टी को इतना ही बताया था, उसे कुछ नहीं बचेगा। इसके बाद वह व्यक्ति अपने बगल में बैठे शख्स से कहता है कि जितना है देकर निपटा दो। वह व्यक्ति प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से यह भी पूछता है कि कहीं सीसीटीवी कैमरा तो नहीं लगा । उसके बाद उसके बगल में बैठा शख्स 500-500 की कई नोट निकालकर बगल वाले को थमाता है। उसे गिनने के बाद जैसे ही वह उसे प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी की तरफ बढ़ाता है, वह उसे अपने स्टाफ को देने का इशारा करते हैं। इसके बाद वह उस रकम को प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी के ही चेंबर में उनके स्टाफ को दे देता है, जिसे वह अपनी जेब में रख लेता है। देखना दिलचस्प होगा कि इस पर कोई कार्यवाही होती है या लेन-देन का सिलसिला यूं ही चलता रहेगा इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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