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Sonbhadra News: प्राइवेट संस्थान करेंगे UPRVUNL के विद्यालयों का संचालन, निदेशक मंडल ने दी सहमति, खुली निविदा के निर्देश जारी

Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के स्वामित्व वाले विद्यालयों का, प्राइवेट संस्थानों के जरिए संचालन के प्रस्ताव पर निदेशक मंडल ने मुहर लगा दी है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 3 Oct 2022 10:32 AM GMT
Sonbhadra News: प्राइवेट संस्थान करेंगे UPRVUNL के विद्यालयों का संचालन, निदेशक मंडल ने दी सहमति, खुली निविदा के निर्देश जारी
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Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम (UPRVUNL) की परियोजनाओं की तरफ से संचालित विद्यालयों को निजी हाथों में सौंपे जाने की आशंकाओं के बीच, उत्पादन निगम के स्वामित्व वाले विद्यालयों का, प्राइवेट संस्थानों (private institutions) के जरिए संचालन के प्रस्ताव पर निदेशक मंडल ने मुहर लगा दी है। इसके बाद संचालन के लिए जरूरी शर्तों का निर्धारण करने के साथ ही, खुली निविदा आमंत्रित ( open tender issued) करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

प्राइवेट संस्थानों को देना होगा लीज रेंट, निगम के पास ही रहेगा भूमि-भवन का स्वामित्व

विद्यालय, संचालन के लिए प्राइवेट संस्थानों को 10 साल के लीज पर दिया जाएगा। इसके बाद आपसी सहमति पर पांच-पांच वर्ष के अनुबंध के रूप में इसे बढ़ाया जाता रहेगा। विद्यालय भवन और भूमि के लिए लीज रेंट की वसूली की जाएगी जिसका आकलन निविदा के आधार पर किया जाएगा। विद्यालय भवन और भूमि का स्वामित्व, राज्य विद्युत उत्पादन निगम के पास ही बना रहेगा। संचालन का जिम्मा जिस प्राइवेट संस्थान को सौंपा जाएगा, उसे दो साल तक मौजूदा शिक्षा माध्यम, बोर्ड के अनुरूप शिक्षण कार्य कराना होगा।

इसके बाद निजी संस्थाएं विद्यालय में अन्य शिक्षण माध्यम से संचालन और बोर्ड से संबद्धता पर विचार कर सकती हैं लेकिन इसके लिए उन्हें अलग से कोई भूमि या भवन का आवंटन नहीं किया जाएगा। विद्यालय प्रबंध कारिणी समिति में निगम के दो नामित प्रतिनिधि सदस्य रहेंगे। प्रवेश प्रक्रिया सामान्य रूप से चलती रहेगी। प्रवेश में निगमीय बच्चों के कर्मियों को वरीयता दी जाएगी। दो बच्चों तक फीस में 25% की छूट भी बनी रहेगी। विद्यालय में वर्तमान में (सत्र 2022-23) अध्ययनरत विद्यार्थियों के शिक्षण शुल्क में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की जाएगी।

विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक पूर्व की तरह करते रहेंगे कार्य, निगम देगा वेतन

वहीं निगम की तरफ से विद्यालय में कार्यरत शिक्षक भी पूर्व की भांति कार्य करते रहेंगे और उनके वेतन आदि का निर्वहन निगम करता रहेगा। विद्यालय की प्रगति ठीक न होने या अन्य किसी उचित कारण को आधार बनाकर छह माह की नोटिस पर प्राइवेट संस्थानों के साथ किया गया अनुबंध समाप्त किया जा सकेगा लेकिन निरस्तीकरण शैक्षिक सत्र समाप्त होने पर ही प्रभावी होगा। उधर, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के उपाध्यक्ष इं. अदालत वर्मा ने निदेशक मंडल के निर्णय को सही ठहराया है। कहा कि निगम के विद्यालयों में नई भर्तियां नहीं हो रही थी। कई पद रिक्त चल रहे थे। इससे शैक्षणिक स्तर गिरता जा रहा था। नई व्यवस्था से इसमें सुधार आएगा, इस बात की पूरी उम्मीद है।

आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का क्या होगा? उठने लगे सवाल

नई व्यवस्था के तहत जहां एक निश्चित समय के लिए विद्यालयों का संचालन प्राइवेट संस्थानों के हाथों में चला जाएगा वहीं इसके लिए फीस निर्धारण भी उन्हें करने की छूट रहेगी। इससे जहां नए सत्र (2023-24) से फीस वृद्धि की मार देखने को मिलेगी। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का क्या होगा? यह एक बड़ा सवाल बन गया है। बता दें कि ओबरा परियोजना क्षेत्र में बालिका राजकीय इंटर कॉलेज मौजूद है लेकिन लड़कों के लिए कोई सरकारी इंटर कॉलेज मौजूद नहीं है।

ऐसे में जहां आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को प्राइवेट विद्यालयों का रुख करना पड़ेगा। वहीं, निगम के विद्यालय में प्रवेश और अध्ययन के लिए अच्छी खासी फीस अदा करनी पड़ेगी। बिजली कर्मियों के तरफ से भले ही इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन गैर परियोजना कर्मियों के एक बड़े तबके से विरोध की सुगबुगाहट सुनाई देने लगी है।

Shashi kant gautam

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