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Sonbhadra News: क्रशर बेल्ट में कोहरे जैसी धुंध ने मंत्री को किया असहज, एलर्जी-छींक से हुए पीड़ित

Sonbhadra News: पत्थर की धूल जहां क्रशर बेल्ट के बाशिंदों के लिए वर्षों से अभिशाप बनी हुई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 21 Oct 2022 5:22 PM IST (Updated on: 21 Oct 2022 7:34 PM IST)
Sonbhadra News In Hindi
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क्रशर बेल्ट में कोहरे जैसी धुंध फैली हुई। 

Sonbhadra: एनजीटी की सख्ती और ड्रोन के जरिए निगरानी के निर्देश के बावजूद दिन में भी कोहरे जैसी धुंध बनाए रखने वाली पत्थर की धूल जहां क्रशर बेल्ट के बाशिंदों के लिए वर्षों से अभिशाप बनी हुई है। वहीं सोनभद्र के दो दिवसीय दौर पर आए सूबे के मत्स्य विकास मंत्री संजय निषाद (Fisheries Development Minister Sanjay Nishad) भी इससे असहज हो गए। सर्किट हाउस में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि धूल की हालत यह थी कि उनकी हालत धूल धूसरित वाली हो गई। इसके चलते उन्हें एलर्जी-छींक की समस्या हो गई, जिससे उन्हें रात भर पीड़ित रहना पड़ा।

डीएम को समस्या के निस्तारण के लिए प्रभावी कदम उठाने के दिए निर्देश

उन्होंने कहा कि डीएम को इससे अवगत कराते हुए समस्या के निस्तारण के लिए प्रभावी कदम उठाने और संबंधितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए कहा है। इस पर डीएम चंद्रविजय का कहना था कि प्रकरण में कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। बताते चलें कि डाला-ओबरा बेल्ट में ढाई सौ से अधिक क्रशर बेल्ट है। नियमानुसार पत्थर की क्रसिंग के समय पानी छिड़काव, प्रत्येक प्लांट पर ज्यादा से ज्यादा पौधों का रोपण एवं अन्य मानकों का पालन करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर जहां कई बार डीएम की तरफ से सख्ती दिखाई जा चुकी है।


एनजीटी की ओवरसाइट कमेटी भी हालात पर कर चुकी है रिपोर्ट दाखिल

वहीं, एनजीटी की ओवरसाइट कमेटी भी हालात पर चिंता जताते हुए रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है। इसको लेकर ड्रोन से निगरानी और प्रभावी राहत के लिए हर संभव कदम उठाने के निर्देश भी दिए गए हैं लेकिन प्रदूषण नियंत्रण विभाग की तरफ से कभी नोटिस तो कभी किसी क्रशर पर कुछ दिन के लिए तालाबंदी कर मामले को ठंडा कर दिया जाता है। जबकि हालत यह है पत्थर के धूल भरे रास्ते से सिर्फ बग्घानाला से ओबरा जाने वाले ही रूबरू नहीं होते ही, बल्कि वाराणसी से शक्तिनगर जाते वक्त, डाला वैष्णो मंदिर के आगे हाइवे से गुजरने वालों को भी दिन में भी कोहरे जैसी हालात बना देने वाले धूल भरे धुंध से होकर गुजरना पड़ता है। इसको लेकर बाल कल्याण आयोग भी पूर्व में चिंता जता चुकी है, लेकिन वर्षों से अभिशाप बनी स्थिति दूर होने का नाम नहीं ले रही।


इस मामले पर क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से नहीं हो सकी बात

इस बारे में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी टीएन सिंह से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनका विभागीय नंबर लगातार व्यस्त का उत्तर देता रहा। कार्यालय पहुंचने पर साहब व्यस्त हैं, यह कहकर, इस मसले पर जानकारी देने से कन्नी काट ली गई।

धंधरौल बांध पट्टा मामले की होगी जांच

मंत्री संजय निषाद ने बताया कि कुछ कारणों से धंधरौल बांध में दो साल से पट्टा आवंटन नहीं हो रहा है। इसके लिए विभाग को राजस्व का अच्छा-खासा नुकसान हो रहा है। निरीक्षण के दौरान कुछ ऐसी जानकारियां मिली हैं, जिसको लेकर कार्रवाई की जरूरत है। बताया कि इसके लिए एसपी को अवगत कराकर, कार्रवाई के लिए कहा गया है।

इस मामले में पूरी रिपोर्ट क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से तलब करेंगे: मुख्य पर्यावरण अधिकारी

उधर, सेलफोन पर मुख्य पर्यावरण अधिकारी लखनऊ राजेंद्र कुमार का कहना था कि वह इस मामले में पूरी रिपोर्ट क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से तलब करेंगे और प्रदूषण फैलाने वाले क्रशर प्लांटों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।



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Deepak Kumar

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