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Sonbhadra News: प्रधानी के लिए पड़े मतों की दोबारा नहीं कराई जाएगी गणना, जिला जज की अदालत ने लगाई रोक
Sonbhadra News: दुद्धी ब्लाक के बुटबेढ़वा ग्राम पंचायत में प्रधानी के लिए पड़े मतों की दोबारा गणना के बहुचर्चित प्रकरण को लेकर जिला जज की अदालत की तरफ से बड़ा फैसला सामने आया है।
Sonbhadra News: दुद्धी ब्लाक के बुटबेढ़वा ग्राम पंचायत में प्रधानी के लिए पड़े मतों की दोबारा गणना के बहुचर्चित प्रकरण को लेकर जिला जज की अदालत की तरफ से बड़ा फैसला सामने आया है। मामले में दाखिल रिवीजन का संज्ञान लेते हुए जिला जज अशोक कुमार यादव प्रथम की अदालत ने, पुनर्मतगणना के आदेश पर रोक लगा दी है। मामले में सुनवाई की अगली तिथि 19 जनवरी मुकर्रर की गई है।
इससे पहले उप जिला मजिस्ट्रेट दुद्धी की अदालत ने, मतों की दोबारा गणना कराए जाने के आदेश दिए थे। इसके लिए 20 जनवरी की तिथि तय करते हुए, पुलिस और प्रशासन को गणना के समय पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए गए थे।
चुनाव में तारा देवी के निर्वाचन को चुनौती
बताते चलें कि बुटबेढ़वा ग्राम पंचायत में वर्ष 2020 में प्रधानी के हुए चुनाव में तारा देवी के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी। दूसरे नंबर पर रही सरोज रानी ने उप जिला मजिस्ट्रेट दुद्धी की अदालत में चुनाव याचिका दाखिल कर कहा था कि पड़े मतों, गिनती किए गए मतों और वेबसाइट पर दर्शाई गई मतों की संख्या में परस्पर विरोधाभास है। दावा किया था कि अगर सही से मतों की गणना हुई होती तो तारा नहीं, वह विजयी होती।
19 जनवरी को सुनवाई की जाएगी
उनके तर्कों में दम पाते हुए, गत 28 दिसंबर को उप जिला मजिस्ट्रेट दुद्धी ने, पड़े मतों की पुनः गणना का आदेश पारित किया था और इसके लिए 20 जनवरी की तिथि भी तय कर दी थी। इससे क्षुब्ध होकर तारा देवी ने अधिवक्ता के जरिए, आदेश को जिला जज के अदालत में सिविल रिवीजन दाखिल कर चुनौती दी, जहां गत बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई की गई। प्रथमदृष्ट्या अदालत ने तारा देवी की तरफ से दिए गए तर्कों में दम पाया और उप जिला मजिस्ट्रेट दुद्धी के 28 दिसंबर के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी। अब मामले में 19 जनवरी को सुनवाई की जाएगी।
बता दें कि लंबे समय बाद जिले के किसी ग्राम पंचायत में पड़े मतों को लेकर पुनर्मतगणना का आदेश आया था। इसको देखते हुए हर किसी की निगाहें, गणना के लिए निर्धारित तिथि पर टिकी हुई थी। अब जिला जज की अदालत से रोक लगाए जाने के बाद, लोगों की नजर, अदालत की तरफ से आने वाले अंतिम निर्णय पर टिक गई है।