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Sonbhadra: सफाई किट के नाम पर लाखों की बंदरबांट, सचिवालय निर्माण-शौचालय संचालन में भी गड़बड़ी, कार्रवाई की संस्तुति

डीपीआरओ के निर्देश पर चतरा ब्लाक के एडीओ पंचायत सुधाकर राम की तरफ से लगभग दस ग्राम पंचायतों की अभिलेखीय और भौतिक जांच कर गड़बड़ियों के बाबत कार्रवाई की संस्तुति करते हुए एक रिपोर्ट भी जिला पंचायत राज कार्यालय में सौंप दी गई है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 20 Jun 2022 4:46 PM GMT
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Image credit: Social Media)

Sonbhadra: जिले की ग्राम पंचायतों में बेंच घोटाला, मजदूरी घोटाला के बाद अब सफाई किट के नाम पर सरकारी धनराशि के बंदरबांट का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। इस बार, इस घपलेबाजी की जानकारी किसी की शिकायत पर नहीं, बल्कि खुद जिला पंचायत राज अधिकारी विशाल सिंह के निरीक्ष़्ाण के दौरान सामने आई है। सचिवालय निर्माण और सामुदायिक शौचालय संचालन की भी खराब स्थिति ने अधिकारियों को सकते में डाल दिया है। प्राथमिक जांच में चतरा ब्लाक के दस से अधिक गांवों में इस तरह की गड़बड़ी पाए जाने के बाद, मामले की विस्तृत जांच शुरू करा दी गई है।

डीपीआरओ के निर्देश पर चतरा ब्लाक के एडीओ पंचायत सुधाकर राम की तरफ से लगभग दस ग्राम पंचायतों की अभिलेखीय और भौतिक जांच कर गड़बड़ियों के बाबत कार्रवाई की संस्तुति करते हुए एक रिपोर्ट भी जिला पंचायत राज कार्यालय में सौंप दी गई है। इसी तरह की घपलेबाजी दूसरे ब्लाकों में भी होने का दावा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि बगैर टेंडर, एक फर्म से सेंट्रलाइज तरीके से खरीद का बड़ा खेल पूरे जिले में खेला गया है। ऐसे मामलों की गहराई से जांच करा ली जाए, तो करोड़ों का घोटाला सामने आ सकता है।

बताते हैं कि डीपीआरओ विशाल सिंह को किसी के जरिए जानकारी मिली कि चतरा ग्राम पंचायत में सफाई किट सहित कई सामग्रियों के खरीद में बड़ी गड़बड़ी की गई है। इस पर गत 25 मई को वह चतरा ब्लाक के घेवल, कूराकला, बगहीं, रतहरा, ढोढ़री, मंगरहथा और रामगढ़ का आकस्मिक निरीक्षण करने पहुंचे तो पता चला कि किसी भी ग्राम पंचायत में सचिवालय का निर्माण और कार्यालय संचालन की स्थिति संतोषजनक नहीं है। न ही किसी ग्राम पंचायत सामुदायिक शौचालय संतोषजनक रूप से संचालित होता पाया गया।

डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत सुधाकर राम को दिए निर्देश में कहा गया है कि आकस्मिक निरीक्षण के दौरान उनके संज्ञान में आया कि कई ग्राम पंचायतों में संबंधित सचिवों द्वारा सफाई किट के नाम पर धनराशि का भुगतान किया गया है लेकिन ग्राम पंचायतों में मौके पर सफाई किट निरीक्षण के लिए प्रस्तुत नहीं किया गया। निरीक्षण के समय ग्राम पंचायत बगहीं और राकी में बोरिंग के नाम पर एक लाख से अधिक का भुगतान पाया गया। दिए गए निर्देश में एडीओ पंचायत को 26 मई की दोपहर एक बजे तक स्थलीय निरीक्षण कर, पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय एव ंक्रय किए गए सफाई किट के संबंध में सफाई किट क्रय व बोरिंग की पत्रावली सहित सुष्पष्ट आख्या प्रेषित करने के निर्देश दिए गए थे।

सेलफोन पर एडीओ पंचायत सुधाकर राम ने बताया कि उनकी जांच में भी वहीं स्थितियां पाई गईं, जो स्थिति डीपीआरओ के आकस्मिक निरीक्षण के समय मिली थी। मामले में संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करते हुए, जांच रिपोर्ट डीपीआरओ के यहां प्रस्तुत कर दी गई है। इस बारे में डीपीआरओ से भी संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।

कई ग्राम पंचायतों में सफाई किट पर एक लाख से अधिक का है भुगतानः

भुगतान के आंकड़े बताते हैं कि ओम इंटरप्राइजेज को सफाई किट की आपूर्ति के नाम पर बगही ग्राम पंचायत में 74 हजार, बनौली में 92500, कसारी में 52590, चपइल में 52590, रामगढ़ में 1.11 लाख, मंगरहथा में 1.11 लाख, कूरा कला में 35060, बरइल और किचार में 70120-70120, कुल छह लाख 68 हजार 980 रूपये का भुगतान किया गया है। इसी तरह नौडिहा में सफाई किट के लिए सत्यम इंटरप्राइजेज को 1.11 लाख ओर तियरा कला में अशोक इंटरप्राइजेज को 70120 रूपये का भुगतान दिया गया है।

बताते चलें कि ओम इंटरप्राजेज फर्म से बड़े पैमाने पर स्ट्रीट लाइट की भी खरीद चतरा ब्लाक सहित अन्य ब्लाकों के ग्राम पंचायतों में की गई है। बगैर टेंडर तथा बाजार दर से लगभग तिगुने दाम पर सीमेंटेड बेंच खरीद में भी इस फर्म का नाम प्रमुखता से सामने आ चुका है। इसको देखते हुए जहां बड़े घपले का अंदेशा जताया जा रहा है। वहीं सामग्री खरीद के साथ ही निर्माण कार्यों के लिए ली जाने वाली आपूर्ति में भी एक फर्म से कई ग्राम पंचायतों या एक सचिव के क्षेत्राधिकार वाली सभी ग्राम पंचायतों में एक ही फर्म से की गई सेंट्रलाइज खरीद पर सवाल उठने लगे हैं। उधर, इसको लेकर संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो किसी को सेलफोन स्वीच्ड आफ मिला तो किसी ने, किसी ने किसी कार्य में व्यस्तता की बात कह कन्नी काट ली। वहीं कई प्रधानों ने सफाई किट की ग्राम पंचायत में आपूर्ति का दावा तो किया लेकिन उसके लिए भुगतान कितना किया गया, यह जानकारी अधिकांश प्रधान नहीं दे पाए।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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