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Sonbhadra News: रास्ते से जा रही नाबालिग को खेत में खिंचकर किया था दुष्कर्म, 20 वर्ष की कैद, चार वर्ष पूर्व के मामले में आया फैसला
Sonbhadra News: रास्ते से जा रही 13 वर्षीय नाबालिग को खेत में खींचकर दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। चार वर्ष पूर्व के इस मामले में दोषी पर 50 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है।
Sonbhadra News: रास्ते से जा रही 13 वर्षीय नाबालिग को खेत में खींचकर दुष्कर्म किए जाने के मामले में दोषी को 20 वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। चार वर्ष पूर्व के इस मामले में दोषी पर 50 हजार अर्थदंड भी लगाया गया है। जुर्माने की अदायगी न करने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भी भुगतनी पड़ेगी। अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने सोमवार को मामले की सुनवाई की। अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलील, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों को दृष्टिगत रखते हुए, अदालत ने दोषसिद्ध पाया और दुष्कर्म के दोषी रविंद्र को 20 वर्ष की कैद और 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी।
घर पर बच्चों के अकेले होने का दोषी ने उठाया फायदा
अभियोजन कथानक के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने 30 दिसंबर 2018 को कोन थाने पहुंचकर तहरीर दी। बताया कि 29 दिसंबर 2018 को वह अपनी पत्नी के साथ झारखंड स्थित रिश्तेदारी में चला गया था। घर पर उसकी 13 वर्षीय नाबालिग बेटी, उससे छोटी बेटी और बेटा मौजूद थे। आरोप लगाया कि शाम करीब 5 बजे के करीब रोरवा टोला पुरान पानी, थाना कोन निवासी रविंद्र कुमार पुत्र श्यामा राम पहुंचा और उसकी 13 वर्षीय बेटी को खींचकर , खेत में ले गया। वहां उसके साथ जबरिया दुष्कर्म किया। जब वह पत्नी के साथ घर लौटा तो बेटी ने उनसे आपबीती बताई। घटना की जानकारी मिलने के बाद 100 नंबर डायल कर पुलिस को घटना की जानकारी दी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी प्रतिकर दिलाने की सिफारिश
मामले में पुलिस ने रविंद्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन की और पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं का तर्क सुना। अ गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाते हुए, दुष्कर्म के दोषी रविंद्र कुमार को 20 वर्ष की कैद तथा 50 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई। अदालत ने यह भी आदेश पारित किया गया कि अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद पूरी धनराशि नियमानुसार पीड़िता को प्रदान की जाएगी। कोर्ट ने पीड़िता को प्रतिकर दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र से भी सिफारिश की है। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की पैरवी सरकारी अधिवक्ता दिनेश कुमार अग्रहरी और नीरज कुमार सिंह ने की।