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Sonbhadra News: सोन-त्रिवेणी संगम से 13 को निकलेगी 751 किमी गुप्तकाशी दर्शन यात्रा, 51 तीर्थस्थलों से होकर गुजरेगी साधू-संतों की टोली

Sonbhadra News: गुप्तकाशी दर्शन यात्रा की शुरूआत 13 अगस्त यानी मंगलवार की सुबह 10 बजे गोठानी स्थित सोन त्रिवेणी संगम से की जाएगी।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 Aug 2024 9:17 PM IST
751 km long Guptkashi Yatra will start from Son-Triveni Sangam on 13th Darshan Yatra
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सोन-त्रिवेणी संगम से 13 को निकलेगी 751 किमी गुप्तकाशी दर्शन यात्रा: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: पंच तत्वों की रक्षा के संकल्प के साथ पांच दिन तक चलने वाली गुप्तकाशी दर्शन यात्रा की शुरूआत 13 अगस्त यानी मंगलवार की सुबह 10 बजे गोठानी स्थित सोन त्रिवेणी संगम से की जाएगी। गोठानी स्थित सोन-रेणु-बिजुल संगम से जल लेकर निकली यात्रा विभिन्न स्थलों से होते हुए झारखंड स्थित वंशीधर धाम पहुंचेगी।

यहां-यहां पड़ेगा यात्रा का पड़ाव

पहले दिन की यात्रा का पड़ाव वंशीधर नगर में डाला जाएगा। दूसरे दिन 14 अगस्त यानी बुधवार को यात्रा वहां से निकलकर, जिले के मत्स्येंद्रनाथ तपोस्थली पहुंचेगी। यहां रात्रि विश्राम के बाद तीसरा दिन बृहस्पतिवार को यात्रा का पड़ाव गौमाता मंदिर खोड़ैला में डाला जाएगा। चौथे दिन शुक्रवार को यात्रा का विश्राम झारखंडे महादेव देवानीचुआं में होगा। पांचवें दिन शनिवार को यात्रा शिवद्वार पहुंचेगी। यहां इस दिन रात्रि विश्राम करने के बाद, अगले दिन 18 अगस्त यानी रविवार को शिवद्वार क्षेत्र का दर्शन-भ्रमण करने के बाद, वाराणसी पहुंचेगी। वहां बाबा विश्वनाथ का अभिषेक पूजन कर यात्रा का समापन किया जाएगा।

51 संतों की अगुवाई में 51 तीर्थ स्थलों से होकर गुजरेगी यात्रा

आयोजन को लेकर लेकर पूर्व संध्या पर, गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट की ओर से जहां जरूरी तैयारियां की जाती रहीं। वहीं, गुप्तकाशी दर्शन यात्रा की अगुवाई के लिए गुजरात, उत्तराखंड के साथ ही यूपी के विभिन्न हिस्सों से संतों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। बताया गया कि 51 संतों की अगुवाई में, 51 तीर्थस्थलों से होकर यह यात्रा गुजरेगी। यात्रा में बड़ी संख्या में आम श्रद्धालु भी शामिल होंगे। 13 से 18 अगस्त तक चलने वाली यात्रा का काशी विश्वनाथ वाराणसी में अभिषेक और दर्शन-पूजन कर समापन किया जाएगा। इस दौरान यात्रा कुल 751 किमी दूरी तय करेगी।

उत्तराखंड, गुजरात सहित अन्य जगहों से पहुंचे संत

गुप्तकाशी सेवा ट्रस्ट के संयोजक रवि चौबे ने बताया कि केदारनाथ धाम से महंत मणीराम दास महाराज, बलसार, गुजरात से समर्थ रामदास महाराज, अयोध्या से स्वामी विजय नारायणाचार्य महाराज, वृंदावन से दयानिधि महाराज, गुप्तकाशी एरिया से नागेश्वर बाबा, अरूण जी महाराज, मौनी बाबा, नागा प्रयाग गिरि महाराज, स्वामी ध्यानानंद यात्रा की अगुवाई करने के लिए पहुंच चुके हैं। काशी और प्रयागराज से भी संतों का आगमन हो रहा है।



Shashi kant gautam

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