×

Sonbhadra News: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की कैद, शादी का झांसा देकर छात्रा से बनाया था संबंध, गर्भ ठहरने पर किया इंकार

Sonbhadra News: स्कूल से आते-जाते वक्त अपनी बातों से फुसलाकर विकास ने अपने अपनी बातों से झांसे में ले लिया। शादी का झांसा देकर लड़की के साथ कई बार शारीरिक संबंध स्थापित किया। विकास को 20 वर्ष की कठोर कैद के साथ ही 60 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 30 Nov 2024 7:09 PM IST
Accused of rape of minor sentenced to 20 years in prison
X

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की कैद: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: स्कूल जाते समय छात्रा को अपनी बातों से फुसलाकर प्रेमजाल में फंसाने, शादी का झांसा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने और गर्भ ठहरने के बाद शादी से इंकार के मामले में दोषी को 20 वर्ष कठोर कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट अमित वीर सिंह की अदालत ने शनिवार को प्रकरण की फाइनल सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ताओं की ओर से पेश किए गए तर्कों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान के आधार पर जहां दोषसिद्ध पाया गया। वहीं दोषी विकास को 20 वर्ष की कठोर कैद के साथ ही 60 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

यह था मामला, जिसको लेकर आया फैसला

चोपन थाना क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति ने 11 जनवरी 2022 को चोपन थाने पहुंचकर एक तहरीर दी। आरोप लगाया कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री को स्कूल से आते-जाते वक्त अपनी बातों से फुसलाकर विकास पुत्र रामेश्वर हलवाई निवासी कन्हौरा, थाना चोपन ने अपने झांसे में ले लिया। शादी का झांसा देकर उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध स्थापित किया। जब पीड़िता को करीब तीन माह का गर्भ ठहर गया तो उसने शादी से इंकार कर दिया। आरोपी के परिवार वालों से बात की गई तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ लिया। प्रकरण में पुलिस ने धारा 376 (3) आईपीसी और पाक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की। पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।

इन तथ्यों ने निभाई फैसले में अहम भूमिका

पीड़िता ने अपने बयानों में अभियोजन कथानक का समर्थन तो किया ही, दौरान विवेचना विवेचक द्वारा पीड़िता की आयु के संदर्भ में उपलब्ध किए गए शैक्षिक प्रपत्र से भी यह साबित हुआ कि नाबालिग है। उसके गर्भवती होने के संदर्भ में विवेचक की तरफ से अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट भी केस डायरी के साथ समाहित गई थी जिसमें पीड़िता के गर्भवती होने का तथ्य उल्लिखित है। वहीं परीक्षित कराए गए कुल सात गवाहों ने भी अभियोजन कथानक को मजबूती दी।

न्यायालय की तरफ से इन-इन मसलों पर आया निर्णय

अभियोजन पक्ष की पैरवी सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह की तरफ से की गई। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि दुष्कर्म के लिए दोषी पाए गए विकास को जहां 20 वर्ष की कठोर कैद तथा 60 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। वहीं अर्थदंड अदा न करने की दशा में तीन माह की अतिरिक्त कैद और जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित किए जाने का भी आदेश पारित किया गया है। अर्थदंड की धनराशि जमा होने के बाद उसमें से 50 हजार पीड़िता को प्रदान किए जाएंगे।



Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story