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Sonbhadra: एसीपी टोलवेज को जमा करनी होगी 3 करोड़ से ज्यादा की रकम, टोल प्लाजा-आवासीय भवन निर्माण पर पेनाल्टी
Sonbhadra News: एनजीटी की तरफ से गठित संयुक्त समिति और डीएफओ की रिपोर्ट में सड़क निर्माण करने वाली कंपनी की तरफ से पर्यावरण संरक्षण नियमों के गंभीर उल्लंघन का खुलासा किया गया।
Sonbhadra News: जिला मुख्यालय क्षेत्र के लोढ़ी में इको सेंसेटिव जोन में बगैर अनुमति टोल प्लाजा और आवासीय भवन निर्माण के मामले में केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से बड़ी कार्रवाई सामने आई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से दिए गए निर्देश के क्रम में, ग्रहण की गई वनभूमि के दोगुनी एरिया में पौधरोपण के साथ ही, पर्यावरण को पहुंचे नुकसान के लिए दंड का निर्धारण करते हुए, 3 करोड़ 88 लाख 33 हजार 361 रुपए वन विभाग के खाते में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसको लेकर एनजीटी में रिपोर्ट भी दाखिल की गई है। मामले में और कार्रवाई की जरूरत है.. तो इसको लेकर एनजीटी से निर्देश दिए जाने की अपेक्षा की गई है।
बताते चलें कि राज्य सरकार की तरफ से पीपीपी मॉडल पर निर्मित कराए गए वाराणसी शक्तिनगर मार्ग के लिए उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण (UPSHA) के पक्ष में 129.251 हेक्टेयर वन भूमि के डायवर्जन का प्रस्ताव केंद्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सामने प्रस्तुत किया गया था। वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 की धारा- 3 के तहत गठित वन सलाहकार समिति की सिफारिशों के आधार पर, सैद्धांतिक रूप से सड़क निर्माण कार्य कराए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई थी। वर्ष 2022 में अधिवक्ता आशीष कुमार चौबे की ओर से एनजीटी में एक याचिका दाखिल की गई, जिसमें दावा किया गया कि दी गई सैद्धांतिक सहमति की कई शर्तों का उल्लंघन कर लोढ़ी में टोल प्लाजा और आवासीय भवनों का निर्माण कराया गया है।
इसको लेकर एनजीटी की तरफ से गठित संयुक्त समिति और डीएफओ की रिपोर्ट में सड़क निर्माण करने वाली कंपनी की तरफ से पर्यावरण संरक्षण नियमों के गंभीर उल्लंघन का खुलासा किया गया। एनजीटी ने जब इस पर की जाने वाली कार्रवाई के बाबत जानकारी चाही तो राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अधिवक्ता की ओर से कहा गया कि शर्तों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई की जा रही है।
MOEF&CC को पर्यावरणी मुआवजे की गणना और कानूनी कार्रवाई के दिए थे निर्देश
मामले की सुनवाई कर रही एनजीटी की प्रधान पीठ ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए MOEF&CC को मामले की जांच करने, पर्यावरणीय मुआवजे की गणना और वसूली के अलावा, कानून के अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, इको-सेंसिटिव जोन में शर्तों के विरूद्ध निर्माण और उल्लंघन की स्थिति में, संरचना को, यदि ध्वस्त करना आवश्यक हो, तो ध्वस्त किया जाना चाहिए और नियमों के अनुसार उपचारात्मक उपाय किए जाने चाहिए.. को लेकर भी की गई कार्रवाई की रिपोर्ट MOEF&CC और NHAI को दाखिल करने का निर्देश दिया गया।
निर्माण स्थल के दौरे और कई बैठकों के जरिए लिया गया पेनाल्टी का निर्णय
एनजीटी की तरफ से दिए गए निर्देश के क्रम में MOEF&CC की तरफ से निगरानी समिति के अध्यक्ष और जिलाधिकारी सोनभद्र को स्थल का दौरा करने और मामले में उचित कार्रवाई करने के लिए 30 अक्टूबर 2023 को पत्र जारी किया गया।
वहीं, डीएफओ सोनभद्र, डीएफओ कैमूर, यूपी राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के प्रतिनिधि और यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी के साथ 21 नवंबर 2023, 30 नवंबर 2023 और 19 दिसंबर 2023 को हाइब्रिड मोड में बैठकें की गईं। इस दौरान की जाने वाली कार्रवाई को लेकर निष्कर्ष निकालते हुए MOEF&CC की ओर से कुछ सिफारिशों के साथ एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल की गई।
पौधारोपण-दंडात्मक धनराशि की गणना करते हुए, जमा कराने के दिए गए निर्देश
एमओईएफएंडसीसी के क्षेत्रीय अधिकारी की तरफ से एनजीटी से मिले निर्देश के क्रम में वन (संरक्षण) अधिनियम के उल्लंघन के लिए मुआवजे/ पेनाल्टी की सिफारिश की गई और एनजीटी के आदेश के अनुपालन में यूपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एचओएफएफ) से अनुरोध किया गया कि वह राज्य और वन विभाग संबंधित अधिकारियों को उपयोगकर्ता एजेंसी से दंड शुल्क जमा करने का निर्देश दें। इसके क्रम में 22 अप्रैल 2024 को एक पत्र अध्यक्ष, निगरानी समिति को भेजकर, पर्यावरणीय मुआवजे की गणना और वसूली के लिए उल्लंघन की राशि का आकलन करने का अनुरोध किया गया और एनजीटी के आदेश (आदेशों) का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित की गई धनराशि को 7 दिनों के भीतर उपयोगकर्ता एजेंसी से वसूलने के निर्देश दिए गए।
3,88,33,361 रुपये निर्धारित की गई वसूली धनराशि एनजीटी कर सकता है बढ़ोतरी
उपरोक्त पत्र के आलोक में डीएफओ सोनभद्र की तरफ से 24 अप्रैल 2024 को उपसा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, को पत्र जारी कर 3,88,33,361 ( तीन करोड़ अट्ठासी लाख तैंतीस हजार तीन सौ इकसठ) रुपये वन प्रबंधन और योजना प्राधिकरण के खाते में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही इसको लेकर दो दिन पूर्व एनजीटी में दाखिल की गई रिपोर्ट में कहा गया है की आवश्यकता पड़ी तो प्रकरण को लेकर MOEF&CC की तरफ से न्यायाधिकरण के समक्ष अतिरिक्त जानकारी/ कार्रवाई की रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। इसके अलावा न्यायाधिकरण से मामले में आगे जो भी कार्रवाई आवश्यक/ वर्णित परिस्थितियों में उचित हो उसको लेकर निर्देश दिए जाने की अपेक्षा की गई है। अब लोगों की निगाहें प्रकरण की जुलाई में होने वाली सुनवाई पर टिकी हुई है।