×

Sonbhadra News: कोरोनाकाल से बंद ट्रेनों का संचालन न होने का मुद्दा गरमाया, आदिवासी विकास मंच का लोस चुनाव बहिष्कार का अल्टीमेटम

Sonbhadra News: कोराना काल से बंद चल रही पैसेंजर ट्रेनों का संचालन अब तक शुरू न किए जाने को लेकर आदिवासी विकास मंच ने लोस चुनाव के बहिष्कार का अल्टीमेटम दिया गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 5 Feb 2024 9:49 PM IST
Adivasi Vikas Manchs ultimatum to boycott Lok Sabha elections regarding the issue of operation of trains closed since the Corona period
X

कोरोनाकाल से बंद ट्रेनों का संचालन के ममाले को लेकर आदिवासी विकास मंच का लोस चुनाव बहिष्कार का अल्टीमेटम: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: ओबरा विधानसभा क्षेत्र के दुर्गम एरिया में बसे आदिवासियों को रेलवे सुविधा देने में उदासीनता और कोराना काल से बंद चल रही पैसेंजर ट्रेनों का संचालन अब तक शुरू न किए जाने को लेकर आदिवासी विकास मच ने नाराजगी जताई है। कई बार प्रदर्शन, ज्ञापन के बाद भी आदिवासी अंचल पर ध्यान न दिए जाने के मसले को लेकर, लोस चुनाव के बहिष्कार का अल्टीमेटम दिया गया है। सोमवार को इस मामले को लेकर ओबरा में मंच के संयोजक हरदेवनारायण तिवारी की अध्यक्षता और फफराकुंड, खुलदिल, जोगीडीह, बेलछ से आए आदिवासयिों की मौजूदगी में, बैठक कर रणनीति बनाई गई।

मंच के संयोजक हरदेवनारायण तिवारी ने कहा कि कड़िया एवं जोगीडीह में रेलवे क्रॉसिंग, खुलदील स्टेशन पर वाराणसी-शक्तिनगर इंटरसिटी का ठहराव, कोराना काल से बंद चल रहे चुनार-चोपन-गोमो-पैसेंजर और चोपन-कटनी पैसेंजर को चालू किए जाने की मांग कई बार रेलवे अफसरों के सामने रखी गई। पिछले दिनों इसको लेकर पहल शुरू होने का भरोसा भी दिया गया लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई। कहा कि 7 मार्च तक मांगों पर संजीदगी भरी पहल सामने नहीं आई तो आदिवासी मंच कठोर निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा।

कोरोना काल से बंद चल रही पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की मांग

पनारी प्रधान प्रतिनिधि एवं सहसंयोजक लक्ष्मण यादव और सूबेदार गौड़ ने कहा कि उनकी तरफ से उठाई जा रही मांगों पर जनप्रतिनिधियों की तरफ से पत्र भेजकर रेलवे अफसरों के सामने आदिवासी अंचल से गुजरने वाली ट्रेनों का आदिवासी एरिया में पड़ने वाले स्टेशनों पर ठहराव तथा कोरोना काल से बंद चल रही पैसेंजर ट्रेनों के संचालन की जरूरत जताई जा चुकी है लेकिन रेलवे महकमे की तरफ से एक भी मसले पर निर्णय नहीं लिया जा सका है। कहा कि समस्या का समाधान नहीं किया गया तो 2024 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी समुदाय अपने मत का प्रयोग न करने का निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा।

सत्येंद्र भारती, राजाराम भारती, डॉक्टर मोहन ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र की समस्याधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पिछले छह माह से आंदोलन की स्थिति के बावजूद अभी तक सिर्फ आश्वासनों का झुनझुना थमाया जा रहा है।

अकमानी देवी, कांति देवी ,मंजू देवी ने कहा की आदिवासी क्षेत्र की सड़क खराब और कच्ची होने के कारण गरीब आदिवासियों और प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिलाओं को विगत 10 वर्ष से एंबुलेंस की सेवा नहीं मिल पा रही है। संचालन शमीम अख्तर खान ने किया। आरपी त्रिपाठी ,स्वतंत्र साहनी, रामनरेश खरवार, ईश्वर प्रसाद केसरी,रमेश केसरी,रामसूरत प्रजापति जामुन सिंह गौड़, सुकुमारी देवी, द्वारका प्रसाद, कौशल्या, प्रमिला देवी आदि उपस्थित रहे।



Shashi kant gautam

Shashi kant gautam

Next Story