Sonbhadra News: न्यूजट्रैक इंपैक्ट: एनसीआरटी-एसईआरटी की बजाय, दूसरे पुस्तकों की बिक्री पर प्रशासन की कार्रवाई शुरू, एक बुक डिपो सील, फीस वृद्धि-रिएडमीशन शुल्क नहीं लेने के निर्देश

Sonbhadra News: विद्यालय के प्रबंधन को बढ़ाई गई फीस वृद्धि को वापस लेने, रि-एडमीशन शुल्क न लेने, तीन वर्ष के भीतर कोई शुल्क वृद्धि न करने के निर्देश दिए गए हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 April 2025 6:37 PM IST
Sonbhadra News: न्यूजट्रैक इंपैक्ट: एनसीआरटी-एसईआरटी की बजाय, दूसरे पुस्तकों की बिक्री पर प्रशासन की कार्रवाई शुरू, एक बुक डिपो सील, फीस वृद्धि-रिएडमीशन शुल्क नहीं लेने के निर्देश
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Sonbhadra News: एनसीईआरटी-एसईआरटी पाठ्यक्रम की बजाय, प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकों की बिक्री और महंगी कीमतों पर किताबों की खरीदारी के लिए अभिभावकों को बाध्य किए जाने के मामले में जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। डीएम की तरफ से गठित टीम की ओर से प्रकरण को लेकर जहां एक बुक डिपो को सील कर दिया गया है। वहीं, प्रतिष्ठित विद्यालय का दर्जा रखने वाले, विद्यालय के प्रबंधन को बढ़ाई गई फीस वृद्धि को वापस लेने, रि-एडमीशन शुल्क न लेने, तीन वर्ष के भीतर कोई शुल्क वृद्धि न करने के निर्देश दिए गए हैं।

बताते चलें कि जिला मुख्यालय स्थित राबटर्सगंज शहर में सीबीएसई पाठ्यक्रम के तहत सेंट जोसेफ स्कूल, सेंट जेवियर्स स्कूल, प्रकाश जीनियस पब्लिक स्कूल, मां वैष्णो पब्लिक स्कूल, आर्यन पब्लिक स्कूल, श्री एकेडमी सहित अन्य विद्यालय संचालित हैं। अभिभावकों का आरोप है कि इनमें से अधिकांश विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक एनसीईआरटी या एसईआरटी पाठ्यक्रम लागू नहीं किया गया है। इस पाठ्यक्रम की बजाय, प्राइवेट प्रकाशकों की किताबें पाठ्यक्रम में शामिल कर लोगों को महंगी कीमत पर किताब खरीदने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

आर्थिक कारणों के चलते अगर किसी अभिभावक द्वारा किताब खरीदने में देर हो रही है तो विद्यालय पहुंचने वाले बच्चों को या तो मानसिक रूप से टार्चर कर महंगी किताब खरीदने के लिए बाध्य कर दिया जा रहा है या फिर बच्चे को किताब खरीदे जाने के बाद ही विद्यालय आने का अल्टीमेटम दे दिया जा रहा है। इसके चलते कई अभिभावकों को अधिकतम बिक्री मूल्य पर बेची जाने वाली किताबों की खरीदारी के लिए कर्ज तक लेना पड़ जा रहा है। वहीं, दूसरी तरफ फीस बढ़ोत्तरी के साथ ही रि-एडमीशन चार्ज का बोझ अलग से लाद दिया गया है।

वायरल हुई सूची, सपाइयों के प्रदर्शन के बाद लिया गया एक्शन:

एक तरफ जहां, एक निश्चित दुकान से किताब खरीदारी की सूची वायरल हुई। वहीं, ठेका प्रथा के जरिए, एक निश्चित दुकान पर ही किताब की उपलब्धता का प्रकरण सुर्खियों में छाने, प्रकरण को लेकर सपाइयों की ओर से बेड़ियों में स्वयं को जकड़े हुए, शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने, कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन और इस मामले को लेकर न्यूजट्रैक की मजबूत पहल के बाद जिला प्रशासन की तरफ से शनिवार को बड़ी कार्रवाई सामने आई। चेकिंग के दौरान जहां विद्यालय प्रबंधनों को एनसीईआरटी-एसईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें चलाने का निर्देश दिया गया। वहीं, बढ़ाई गई फीस वृद्धि को तीन दिन के भीतर वापस लेने के निर्देश दिए गए।

सेंट जोसेफ स्कूल चेकिंग के लिए पहुंची टीम तो मच गया हड़कंप:

डीएम बीएन सिंह के निर्देश पर, जिला विद्यालय निरीक्षक जयराम सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मुकुल आनंद पांडेय, डीआईओएस कार्यालय के प्रधान सहायक कमलेश कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक की मौजूदगी वाली टीम को शनिवार को सबसे पहले, जिला मुख्यालय पर सीबीएसई पाठ्यक्रम के मामले में अच्छी साख रखने वाले सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल पहुंची।

पता चला कि हाईस्कूल तक संचालित इस विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक एनसीईआरटी-एसईआरटी पाठ्यक्रम को प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया है। इस विद्यालय में चलने वाली महंगी किताबें भी सिर्फ विद्यालय के पास स्थित यूनिवर्सल बुक डिपो पर ही उपलब्ध है। फीसवृद्धि और रिएडमीशन शुल्क को लेकर भी टीम ने नाराजगी जताई और तत्काल प्रभाव से यूनिवर्सल बुक डिपो को सील करने के साथ ही, विद्यालय प्रबंधन को पाई गई खामियों को लेकर नोटिस जारी की गई। इसके जरिए तीन दिन के भीतर कमियों को दुरूस्त करने का निर्देश देते हुए, अनुपालन आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।

अन्य विद्यालयों की भी जांची जाएगी स्थिति, लिया जाएगा एक्शनः

जांच करने पहुंचे अफसरों ने बताया कि चेकिंग अभियान तीन दिन तक चलाया जाएगा। फिलहाल सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल को नोटिस जारी कर पाई गई खामियों को तीन दिन के भीतर दुरूस्त कर अनुपालन आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, पास स्थित यूनिवर्सल बुक डिपो को अगले आदेश तक के लिए सील कर दिया गया है। विद्यालय में एनसीईआरटी-एसईआरटी पाठ्यक्रम को पूर्ण रूप से प्रभावी बनाने, तीन साल के भीतर कोई फीसवृद्धि न करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी तरह अन्य विद्यालयों का भी निरीक्षण कर जरूरी निर्देश दिए गए। कुछ और किताब की दुकानों की जांच करने टीम पहुंची लेकिन वह बंद मिले।

जानिए प्रशासन की तरफ से क्या‘-क्या जारी किए गए निर्देशः

- आरटीई के अंतर्गत चयनित बच्चों का प्रवेश अनिवार्य रूप से किया जाए। वर्ष 2024-25 और 2025-26 में शुल्क का अंतर शून्य किया जाए।

- एनसीईआरटी की निर्धारित पाठ्य पुस्तको से ही पठन-पाठन कराया जाएगा। अन्य पाठ्य-पुस्तको के लिए छात्र/छात्राओं, अभिभावको पर दबाब नहीं दिया जाएगा।

- अभिभावक, छात्र-छात्रा अपनी इच्छा से किसी भी दुकान से पाठ्य-पुस्तक खरीद सकता है। किसी विशेष दुकान से पुस्तक लेने की बाध्यता नहीं होगी।

- दिव्यांग छात्र-छात्राओं को पीडब्ल्यू एक्ट 2016 के अंतर्गत प्रवेश और पूर्ण शिक्षण योजना एक्ट के अनुरूप ही सुनिश्चित की जाएगी।

- प्रवेश शुल्क, सिक्योरिटी मनी, रजिस्ट्रेशन शुल्क केवल एक बार ही लिया जाए। टीसी निर्गत करते समय पंजीकरण शुल्क छोड़कर सिक्योरिटी मनी वापस करना होगी।

- 10 वीं और 12 वी उत्तीर्ण होने पर छात्र-छात्राओं की टीसी जनपद स्तर से प्रतिहस्ताक्षरित कराना सुनिश्चित की जाएगी और क्षेत्रीय अधिकारी प्रयागराज से से प्रवजन प्रमाण पत्र प्राप्त कर बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा।

- विद्यालय में वाहन से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए एक सहचालक की भी व्यवस्था वाहन में रखनी होगी। वाहन चालक का चिकित्सकीय परीक्षण, विद्यालय वाहन का समय-समय पर फिटनेस जांच कराते हुए, आरटीओ को सूचना उपलब्ध करानी होगी।

- ई-रिक्शा, आटो, डग्गामार वाहनो से बच्चों का परिवहन नहीं कराया जाएगा। 18 वर्ष से कम उम्र के छात्र-छात्राओं को दुपहिया वाहन लेकर विद्यालय आने पर रोक लगानी होगी।

- छात्र-छात्राओं के आकस्मिक चिकित्सीय उपचार के लिए (फर्स्ट एड) प्राथमिक उपचार की व्यवस्था करानी होगी।

- मानक के अनुसार अग्निशमन यंत्र की स्थापना, उसकी कियाशीलता सुनिश्चित रखने और आपदा प्रबन्धन समिति का गठन विद्यालय स्तर पर कराने के निर्देश दिए गए हैं।

- सभी प्रधानाचार्य-प्रबंधकों को दिए गए निर्देशों का अविलंब अनुपालन सुनिश्चित करते हुए, तीन दिन के भीतर अनुपालन आख्या उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।

Shalini singh

Shalini singh

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