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Sonbhadra News: अजय हत्याकांड में पुलिस का दावा, नहीं पाए गए पुष्टिकारक साक्ष्य, भेजी जा चुकी है फाइनल रिपोर्ट

Sonbhadra News: इस मामले में न्यायालय ने जब प्रगति रिपोर्ट मांगी तब 10 अगस्त 2023 को पुलिस की तरफ से रिपोर्ट आई कि अभी प्रिजर्ब किया गया बिसरा मालखाने में ही पड़ा हुआ है ।

Kaushlendra Pandey
Published on: 12 Feb 2025 9:35 PM IST
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Sonbhadra News: राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के पुसौली गांव से जुड़े अजय हत्याकांड मामले में पुलिस का बड़ा दावा सामने आया है। न्यायालय के आदेश पर प्रकरण से जुड़े साक्ष्य को लेकर लापरवाही बरतने के आरोप में, तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद, पुलिस का कहना है कि अजय की हत्या को लेकर किए जा रहे दावे के संबंध में कोई पुष्टि कारक साक्ष्य सामने नहीं आया है। इस कारण फाइनल रिपोर्ट प्रेषित की जा चुकी है। प्रिजर्ब बिसरा को विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजने में लापरवाही पर भी संबंधित पुलिस कर्मी को दंडित किए जाने का दावा किया जा रहा है। अब, इस मामले में न्यायालय की तरफ से क्या निर्णय आता है, इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं।

न्यायालय के हस्तक्षेप पर घटना के तीन साल बाद दर्ज की गई थी हत्या की एफआईआर :

बताते चलें कि रामजनम निवासी जनकपुर थाना चकरघट्टा जिला चंदौली ने न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में कहा था कि उसके लड़के अजय 28 वर्ष की मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में, उनके साढू राजू पुत्र राम प्रसाद निवासी पुसौली थाना राबर्ट्सगंज में छह जुलाई 2023 को हो गई थी। बेटे की पत्नी यानी पुत्रवधू की सूचना पर वह पुसौली पहुंचा तो देखा कि बेटे का शरीर काला पड़ गया था। सा़ढ़ू के परिवार वालों से पूछताछ की लेकिन सही जबाब नहीं मिल पाया। मामले में राजू (साढू), अनीता (बहू), ससुर नारसिंह, साली सुनीता पर हत्या का आरोप लगाया गया था। प्रकरण में न्यायालय के हस्तक्षेप पर, छह जुलाई 2023 को धारा 302 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया था।

न्यायालय ने मांगी प्रगति रिपोर्ट तब हुआ खुलासा, मालखाने में ही पड़ा है बिसरा :

इस मामले में न्यायालय ने जब प्रगति रिपोर्ट मांगी तब 10 अगस्त 2023 को पुलिस की तरफ से रिपोर्ट आई कि अभी प्रिजर्ब किया गया बिसरा मालखाने में ही पड़ा हुआ है । पुलिस की तरफ से इसका कारण मालखाने का चार्ज हस्तांतरण ना हो पाना बताया गया। इस पर पीड़ित पक्ष की तरफ से आपत्ति जताई गई और इसे तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक और हत्यारोपी के पिता/चौकीदार का साक्ष्य नष्ट करने का षड्यंत्र बताया गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, मामले में दो दिन पूर्वतत्कालीन प्रभारी निरीक्षक और हत्यारोपी के पिता/चौकीदार के खिलाफ धारा 166 बीएनएस का केस दर्ज किया गया था।

दो दिन बाद पुलिस की तरफ से मामले में सामने लाई गई नई जानकारी:

नई एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद, अब इस मामले में पुलिस की तरफ से नई जानकारी सामने लाई गई है। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक प्रभारी निरीक्षक रॉबर्ट्सगंज की तरफ से जांचोपरांत अवगत कराया गया कि है कि पंचायतनामा एवं पोस्टमार्टम से मृत्यु का कारण स्पष्ट न होने की दशा में चिकित्सक द्वारा विसरा प्रिजर्ब किया गया था और उसे थाने के मालखाना में सुरक्षित रखा गया था। मालखाना चार्ज हस्तांतरण न होने और तत्कालीन मालखाना मुहर्रिर के स्थानांतरण पर गैर जनपद चले जाने के कारण तत्काल प्रिजर्ब विसरा विधि विज्ञान प्रयोगशाला नहीं भेजा जा सका था। चार्ज हस्तांतरण के बाद प्रिजर्ब विसरा को विधि विज्ञान प्रयोगशाला उपलब्ध कराया गया जिसमें एथाइल एल्कोहल पाया गया लेकिन हत्या के संबंध में पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं पाए गए। दावा किया गया है कि उक्त मामले में संबंधित कर्मी को विभागीय कार्यवाही संपादित कर दंडित किया जा चुका है।

ताजा मामले को गुण-दोष के आधार पर निस्तारण के दिए गए हैं निर्देश :

पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि संरक्षित विसरा को देर से विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजे जाने और सम्बन्धित अधिकारी द्वारा नियत समय पर कर्तव्यों का पालन न करने के संबंध में वादी की तरफ से न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था। उसके क्रम में न्यायालय की तरफ से निर्गत किए गए आदेश पर अंजनी राय तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक राबर्ट्सगंज और अन्य के विरुद्ध मामला पंजीकृत कर विवेचनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। पंजीकृत अभियोग का गुण-दोष के आधार पर विधिक निस्तारण किये जाने के निर्देश संबंधित को दिए गए हैं।



Shalini singh

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