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Sonbhadra News : धान खरीद में बड़ी गड़बड़ी का आरोप, करोड़ों की हेराफेरी का दावा, संबंधितों से तलब की गई रिपोर्ट
Sonbhadra News: प्राथमिक स्तर पर छनकर सामने आए तथ्यों में बड़ी गड़बड़ी के दावे किए जा रहे हैं। इसको देखते हुए जहां एडीएम स्तर से मामले में गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं।
Sonbhadra News : सोनभद्र । जिले में वर्ष 2023-24 में हुई धान खरीद में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाया जा रहा है। खतौनी किसी की, आधार किसी का.. लगाकर धान खरीद दिखाए जाने, कुछ स्थानीय मिलरों के साथ बिहार के मिलरों से सांठगांठ कर करोड़ों के हेराफेरी, क्रय केंद्र पर धान आए बगैर खरीद दिखाकर भुगतान.. जैसे आरोपों ने अफसरों को सकते में ला दिया है। प्राथमिक स्तर पर छनकर सामने आए तथ्यों में बड़ी गड़बड़ी के दावे किए जा रहे हैं। इसको देखते हुए जहां एडीएम स्तर से मामले में गहन जांच के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जिला खाद्य विपणन अधिकारी की तरफ से भी इसको लेकर पीएसयू के क्षेत्रीय प्रबंधक और विपणन विभाग के एएमओ से रिपोर्ट तलब की गई है।
कथित घोटाले की राशि करोड़ों में होने का किया जा रहा दावा
घोरावल तहसील क्षेत्र के खड़देउर के रहने वाले पंकज उपाध्याय की तरफ से जिला प्रशासन के साथ ही भारतीय खाद्य निगम को भेजी शिकायत में दावा किया गया है कि घोरावल क्षेत्र के ओबराडीह, तिलौली, सिरसाई, लोहांडी, मुसहां आदि क्रय केंद्रों पर वर्ष 2023-24 की धान खरीद में भारी गड़बड़ी की गई है। आरोप लगाया है कि मिलर, व्यापारी, कुछ विभागीय अधिकारियों और केंद्र प्रभारियों की मिलीभगत से धान खरीद में बड़ा घोटाला किया गया है। दावा किया जा रहा है कि एक एनजीओ के जरिए कराए गए सर्वे में आश्चर्यजनक आंकड़े सामने आए है। कथित घोटाले की राशि करोड़ों में होने का दावा किया जा रहा है।
हो रहा दावा, इस तरीके से की गई घपलेबाजी
सीमाक्षेत्र से बिहार, एमपी, छत्तीसगढ़ में होने वाली डीजल तस्करी की तर्ज पर धान खरीद को लेकर भी बड़ी गड़बड़ी किए जाने का दावा किया गया है। आरोप लगाया जा रहा है कि क्रय केंद्रों पर धान न बेचने वाले किसानों-भूस्वामियों के नाम की खतौनी लगाकर, उससे मिलते जुलते नाम वाले व्यक्ति का आधार लगाकर खरीद दर्शाई गई और कुछ स्थानीय मिलरों के जरिए बिहार के मिलरों से मिलकर कथित धान खरीद के बड़े घपले को अंजाम दिया गया। कहा जा रहा है कि पिछले वर्ष के साथ ही, उससे पहले के वर्षों में यूपी की अपेक्षा बिहार में मिलरों के जरिए मिलने वाले चावल की कीमत में काफी अंतर रहा है। इसका फायदा उठाकर, काफी बड़ी स्तर पर धान खरीद में गड़बड़ी बरतते हुए, करोड़ों का खेल खेला गया है।
हुई गहन जांच तो सामने आ सकते हैं कई चौंकाने वाले राज
लगाए जा रहे आरोप किस हद तक सही हैं? यूपी और बिहार के मिलरों के बीच के कथित संबंध के जरिए चावलों के लेन-देन के जरिए दर्शाई जाने वाली धान खरीद और बाद में मिलरों के जरिए कथित चावल पूर्ति का सच क्या है? यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा। फिलहाल न्यूजट्रैक की पड़ताल में जिस तरह की प्राथमिक जानकारियां सामने आई हैं, वह भी चौंका देने वाली है। पिछले दिनों घोरावल क्षेत्र के जिन 20 किसानों का नाम सार्वजनिक कर, उनकी खतौनी पर मिलते-जुलते नाम वाले व्यक्ति का आधार लगाकर खरीद का आरोप लगाया गया था उसमें से कुछ किसानों ने न्यूजट्रैक से हुई बात में इसे स्वीकार किया है, उनकी तरफ से संबंधित खतौनी के जरिए कोई धान बिक्री नहीं की गई थी। एक-दो लोग ऐसे भी मिले जिनका दावा था कि उनकी जमीन पर धान की खेती होती ही नहीं तो फिर बेचेंगे कैसे? फिलहाल इस मसले को जहां सियासी रंग देने की तैयारियां चल रही हैं, वहीं प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन की तरफ से जांच तेज कर दी गई है।
तलब की गई है रिपोर्ट, मिली गड़बड़ी तो कराएंगे एफआईआर
जिला खाद्य विपणन अधिकारी/डिप्टी आरएमओ अमित चौधरी ने फोन पर कहा कि प्रकरण को लेकर पीएसयू के क्षेत्रीय प्रबंधक और विपणन विभाग के एएमओ से रिपोर्ट मांगी गई है। एडीएम के निर्देश के क्रम में संबंधितों को शिकायतों की गहन जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। जांच में गड़बड़ी बरतने की पुष्टि हुई तो एफआईआर के साथ ही अन्य कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।