TRENDING TAGS :
Sonbhadra:रेणुपावर प्रोजेक्ट की ऐश सैलरी पाइप सड़कों पर उगल रही राख मिश्रित पानी,राहवासियों के लिए बनी मुसीबत
Sonbhadra News: रेणुसागर स्थित रेणुपावर प्रोजेक्ट की ऐश सैलरी पाइप रहवासियों के लिए प्रदूषण का बड़ा कारण बन गई है। पाइप फटने-टूटने से राख मिश्रित पानी का जगह-जगह बहाव
Sonbhadra News: राष्ट्रीय वायु स्वच्छता कार्यक्रम के तहत चयनित अनपरा परिक्षेत्र के रेणुसागर स्थित रेणुपावर प्रोजेक्ट की ऐश सैलरी पाइप रहवासियों के लिए प्रदूषण का बड़ा कारण बन गई है। पाइप फटने-टूटने से राख मिश्रित पानी का जगह-जगह बहाव जहां रहवासियों-किसानों के लिए मुसीबत बन गया है। वहीं, रास्तों, गलियों, घरों और खेतों में पटती राख खेती-किसानी के साथ ही, यहंा की आबोहवा जहरीली बनाती जा रही है। बुधवार को कई लोगों ने इसको लेकर नाराजगी भी जताई। बावजूद, जिस तरह से प्रबंधन से जुड़े लोगों की चुप्पी सामने आई है, उसने लोगों को हैरान कर दिया है।
बताते हैं कि बुधवार की सुबह कोलगेट से कहुआनाला के बीच की एरिया में पाइप लाइप फट गई जिससे निकलती राख मिश्रित पानी की मोटी धार लोगों के लिए फजीहत का सबब बनी रही। पश्चिमी परासी निवासी मनमोहन सिंह, प्रशांत कुमार, डॉ मनोज कुमार, राजेश कुमार, रमेश गुप्ता आदि ने नाराजगी जताते हुए आरोप लगाया कि आए दिन जहां तहां पाइप टूटने-फूटने से राख खेतों-रास्तों पर पट जा रही है। इससे किसानी को नुकसान पहुंचने के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। वहीं, लोगों में इसका खासा दुष्प्रभाव भी पडा रहा है। बताते चलें कि कोयले की इस राख में एक बड़ी मात्रा मरकरी की भी होती है जो व्यक्ति के नर्वस सिस्टम के साथ ही, स्कीन के लिए भी खासी नुकसानदेह मानी जाती है। यह स्थिति तब है, जब वर्ष 2012 में ही सोनभद्र के रग-रग में मरकरी के पैबस्त होने का खुलासा हो चुका है।
- नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम को भी लग रहा पलीता
बताते चलें कि हिण्डाल्को ग्रुप की तरफ से रेणुसागर में लगभग 700 मेगावाट का रेणुपावर प्रोजेक्ट स्थापित किया गया है। लोगों का दावा है कि इस पावर प्रोजेक्टसे अनपरा होते हुए, औड़ी के बिछड़ी ऐश डैम तक पानी मिश्रित राख पहुंचाने के लिए स्थापित की गई ऐश सैलरी पाइप कई जगह जर्जर हालत में पहुंच गई है। लगातार राख मिश्रित पानी के बहाव और इसके चलते गहराते प्रदूषण की समस्या के चलते, अनपरा परिक्षेत्र को नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत 2025 तक, प्रदूषण से बड़ी राहत देने को लेकर चल रही कवायद पर पानी फिरने लगा है।
- एनजीटी के कड़े निर्देश, फिर भी उदासीनताः
बताते चलें कि बिजली परियोजनाओं से ऐश डैम के लिए बिछाई गई पाइपलाइन से रिसाव या राख मिश्रित पानी की धारा बाहर न निकलने पाए, इसकी नियमित निगरानी और समय-समय पर पाइप के जर्जर हिस्से को दुरूस्त करने के कड़े निर्देश जारी हैं। बावजूद, बरती जा रही उदासीनता, को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
- सवालों पर जनसंपर्क अफसर ने साधी चुप्पी:
कंपनी के जनसंपर्क की जिम्मेदारी संभाल रहे मृदुल भारद्वार से फोन पर संपर्क साधा गया तो उन्होंने नेटवर्क इशू की बात कहकर ह्वाटसअप पर काल की बात कही लेकिन इसके बाद न तो वह ह्वाटसअप काल पर उपलब्ध हुए, ना ही फोन पर। मैसेज का भी कोई रिस्पांस नहीं दिया, इस कारण इस मामले में रेणुपावर प्रबंधन का पक्ष सामने नहीं आ सका।