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Sonbhadra: अगस्त की बारिश ने तोड़ा 8 सालों का रिकार्ड, ओबरा-नगवां बांध के खोले गए फाटक, अलर्ट जारी
Sonbhadra: एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील का दर्जा रखने वाले रिहंद बांध का जलस्तर भी 2016 के बाद से अब तक में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है। मंगलवार को बांध का जलस्तर लगभग 268 फीट पहुंच गया।
Sonbhadra News: वर्ष 2016 के बाद पहली बार अगस्त माह में हुई मजे की बारिश के चलते जहां, नदियों-नालों में उफान की स्थिति बन गई है। वहीं, बांधों के भी जलस्तर में तेजी से वृद्धि के कारण सोमवार की रात ओबरा और नगवां बांध के दो-दो फाटक खोलने पड़े। फिलहाल ओबरा का खुला एक फाटक बंद कर दिया है। ओबरा के एक, नगवां के दो गेटों से पानी निकालने का काम जारी है। इसके अलावा, नगवां-धंधरौल बांध से नहरों में पानी छोड़ने की प्रक्रिया जारी रखने के साथ ही, रिहंद और ओबरा दोनों बांधों पर स्थित कुल नौ जल विद्युत इकाइयों को लगभग पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन लिए जाने का क्रम बना हुआ है। स्थिति को देखते हुए जहां बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई है। वहीं, आपदा नियंत्रण विभाग की तरफ से संबंधित कर्मियों की ड्यूटी लगाने के साथ ही, एडीएम स्तर से, अलर्ट जारी कर दिया गया है।
दो फीट और बढ़ा जलस्तर तो खोलने पड़ेंगे रिहंद बांध के फाटक
एशिया की सबसे बड़ी कृत्रिम झील का दर्जा रखने वाले रिहंद बांध का जलस्तर भी 2016 के बाद से अब तक में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गया है। मंगलवार को बांध का जलस्तर लगभग 268 फीट पहुंच गया। बताया जा रहा है कि जलस्तर 270 फीट पहुंचते ही, रिहंद बांध के फाटक खोलने का क्रम शुरू हो जाएगा। बता दें कि इससे पहले वर्ष 2016 में रिहंद के सभी 13 फाटक खोलने की स्थिति आई थी। सोनभद्र के साथ ही सीमावर्ती मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में अच्छी बारिश को देखते हुए इस वर्ष भी कुछ ऐसा ही हालात उत्पन्न होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
नगवां-ओबरा बांध में अधिकतम जलस्तर के करीब पहुंचा पानी
बताते हैं कि सोमवार की रात 12 बजे ओबरा बांध का जलस्तर, अधिकतम 193.24 मीटर के मुकाबले 193.05 पर पहुंच गया। स्थिति को देखते हुए रात दो बजे के करीब गेट नंबर छह और आठ खेल दिए गए। मंगलवार की सुबह नौ बजे जलस्तर की स्थिति काफी हद तक नियंत्रित होने के बाद, गेट नंबर छह को बंद कर दिया गया। गेट नंबर आठ से पानी डिस्चार्ज करने का क्रम जारी है। उधर, नगवां बांध का भी जलस्तर सोमवार को अधिकतम जलस्तर के करीब पहुंच गया। नहरों में लगातार पानी छोड़े जाने के बाद भी जलस्तर में वृद्धि की स्थिति को देखते हुए रात में इस बांध के दो गेट खोल दिए गए। मंगलवार को भी इन गेटों से पानी छोड़ने का क्रम जारी रहा।
सोन नदी का घटाव रूका, रखी जा रही स्थिति पर नजर
सोमवार को हुई मजे की बारिश और मध्यप्रदेश में सोन नदी पर स्थित बाणसागर जलाशय से भी पानी छोड़ने की बनी स्थिति के बाद, सोन नदी के जलस्तर में वृद्धि का क्रम शुरू हो गया है। सोमवार की सुबह जहां सोन नदी के जलस्तर में प्रति घंटा दो सेमी के दर से गिरावट दर्ज की रही थी। वहीं, मंगलवार की सुबह जलस्तर स्थिर की स्थिति में पहुंच गया। आने वाले दो-तीन दिनों बाणसागर और रिहंद जलाशय से पानी छोड़ने की जताई जा रही संभावना के दृष्टिगत, आगे चलकर सोन नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि का अंदेशा जताया जा रहा है।
टूट सकता है वर्ष 2016 की बारिश का रिकार्ड
वर्ष 2016 में अगस्त माह में कुल बारिश 481.84 मिमी रिकार्ड की गई थी। इस वर्ष अगस्त माह में 26 अगस्त तक 410.26 मिमी वर्षा रिकार्ड हो चुकी है। मौसम विभाग से मिल रहे इनपुट पर नजर डालें तो अभी आगे भी अच्छी बारिश के संकेत बने हुए हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस बार बारिश का आंकड़ा, वर्ष 2016 के आंकड़े को पीछे छोड़ता दिखाई दे सकता है।
रखी जा रही सतर्क नजर, स्थिति नियंत्रण मेंः आपदा राहत विभाग
आपदा राहत विभाग के जिला प्रबंधक पवन कुमार शुक्ला ने बताया कि जिले की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में हैं। अगस्त माह में अच्छी बारिश को देखते हुए, नदी और बांधों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। इसको दृष्टिगत रखते हुए, सभी संवेदनशील इलाकों में बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। आपदा राहत से जुडे कर्मियों को भी अलर्ट करने के साथ ही, एडीएम सहदेव मिश्र की ओर से सभी एसडीएम और तहसीलदार को अपने-अपने क्षेत्रों में अलर्ट रखने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आपदा राहत विभाग की तरफ से भी, नदी-बांधों के तटवर्ती गांवों-बस्तियों को एक्टिव मोड पर रखने की कवायद जारी है।