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Sonbhadra News: दिव्यांग बच्चों को विशेष शिक्षा के जरिए बनाएंगे सशक्त,अशक्त बच्चों को घर पर शिक्षा
Sonbhadra News: अब तक ऐसे 85 बच्चों का चिन्हीकरण कर लिया गया है। वहीं, दिसंबर तक प्रत्येक ब्लाक से 50 अभिभावकों का चयन कर, उन्हें चरणवार प्रशिक्षण देने की भी तैयारी तेज हो गई है।
Sonbhadra News: बेसिक शिक्षा विभाग विशेष शिक्षा के जरिए दिव्यांग बच्चों को सशक्त बनाएगा। इसके लिए, स्पेशल क्लासेस यूनिट का संचालन करने के साथ ही जहां ब्लाक स्तर, विशेष शिक्षकों की तैनाती की गई है। वहीं, 5556 दिव्यांग बच्चों का चयन कर, उन्हें उनकी जरूरत अनुसार शिक्षा, प्रशिक्षण, काउंसलिंग उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पूर्ण रूप से अशक्त बच्चों को जहां घर पर जाकर उन्हें, मानसिक रूप से मजबूत बनाने की योजना बनाते हुए, अब तक ऐसे 85 बच्चों का चिन्हीकरण कर लिया गया है। वहीं, दिसंबर तक प्रत्येक ब्लाक से 50 अभिभावकों का चयन कर, उन्हें चरणवार प्रशिक्षण देने की भी तैयारी तेज हो गई है।
- बताते चलें कि शिक्षा के अधिकार के तहत दिव्यांग बच्चों को सामान्य शिक्षा प्रणाली से अलग रखकर, विशेष तरीके से शिक्षित करने का प्रावधान बनाया गया है। इसी के तहत, सोनभद्र में दिव्यांग बच्चों को ब्रेल लिपि, दृश्य-श्रव्य प्रणाली और काउंसलिंग के जरिए मानसिक क्षमता को मजबूती देने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके लिए जिला मुख्यालय पर जहां, विशेष शिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए भवन निर्माण का कार्य आखिरी दौर में है। वहीं, प्रत्येक ब्लाक संसाधन केंद्र स्तर पर विशेष शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की तैनाती करने के साथ ही, स्कूल आने में अशक्त बच्चों का चयन और दाखिला लेने वाले दिव्यांग बच्चों को विशेष शिक्षा, उन्हें मानसिक मजबूती देने के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट और ऐसे बच्चों के अभिभावकों को विशेष प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई है।
- तीन चरणों में अभिभावकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण:
दिव्यांग बच्चों के साथ किस तरह का व्यवहार करें, उनमें शिक्षा के प्रति रूचि कैसे पैदा हो, इसको लेकर जहां अभिभावकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, जो दिव्यांग बच्चे स्कूल पहुंचने योग्य हैं, उन्हें नियमित स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके लिए अगस्त के आखिरी सप्ताह में पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होगा। अक्टूबर और दिसंबर में तीसरे चरण का प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। ब्लाक वार आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक ब्लाक से 50 अभिभावक प्रतिभाग करेंगे।
- अशक्त बच्चों की घर पर जाकर की जाएगी काउंसलिंग:
ऐसे बच्चे जो पूरी तरह अशक्त हैं, उन्हें घर पर ही विशेष काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे बच्चों के स्कूल में नामांकन पर जोर देने की बजाय काउंसिलंग के जरिए उनमें और उनके अभिभावकों में इस तरह की समझ विकसित की जाएगी कि वह एक-दूसरे की बातों-मनोदशाओं को आसानी से समझ सकें और उसी अनुरूप व्यवहार कर सकें।
-जरूरी उपकरण भी कराए जाएंगे उपलब्धः
बताया गया कि दिव्यांग बच्चों को उनकी जरूरत अनुसार, दृश्य-श्रव्य सामग्री के साथ ही, उनकी दिनचर्या-जीवन को सुगम बनाने के लिए जरूरी स्पेशल शूज सहित अन्य उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
दिव्यांग बच्चों-अभिभावकों दोनों को विशेष प्रशिक्षण: बीएसए
- बीएसए मुकुल आनंद पांडेय ने बताया कि दिव्यांग बच्चों को विशेष रूप से प्रशिक्षित करते हुए, उन्हें मानसिक रूप से सशक्त बनाने की योजना बनाई गई है। इस पर काम भी जारी है। इसके लिए विभाग स्तर पर स्पेशल क्लासेस यूनिट का संचालन करने के साथ ही, प्रत्येक बीआरसी स्तर पर विशेष शिक्षक तैनात किए गए है। स्कूल आने में अक्षम बच्चों को चिन्हित कर, उन्हें घर पर जाकर काउंसलिंग के जरिए विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की कवायद जारी है। दिव्यांग बच्चों और उनकी संवदनाओं-मनोदशाओं के प्रति अभिभावकों में भी बेहतर समझ हो, इसके लिए अगस्त के आखिरी सप्ताह से दिसंबर के बीच, प्रत्येक ब्लाक से 50 अभिभावकों को तीन चरणों में विशेष प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।