TRENDING TAGS :
Sonbhadra News: पर्यावरण दिवस पर लड़ी जाएगी कनहर नदी के अस्तित्व की लड़ाई, समर्थन में जलपुरूष राजेंद्र राणा भी आए आगे
Sonbhadra News: कनहर नदी में जलीय पर्यावरण और खनन मानकों को ताक पर रखकर किए जाते खनन को लेकर विरोध की आवाज तेज हो गई है। वहीं जलषुरूष राजेंद्र सिंह राणा ने भी अनशन को समर्थन देकर, पर्यावरणीय मानकों से खिलवाड़ कर, बालू खनन कर रहे लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
Sonbhadra News: कनहर नदी में जलीय पर्यावरण और खनन मानकों को ताक पर रखकर किए जाते खनन को लेकर विरोध की आवाज तेज हो गई है। जिला प्रशासन और मंडलीय टीम की जांच में गड़बड़ी पकड़ में आने के बावजूद, नदी के अस्तित्व से होते खिलवाड़ को देखते हुए, पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने पर्यावरण दिवस पर अनशन कर, विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया है। इसको लेकर सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी और दुद्धी बार एसोसिएशन ने जहां समर्थन का ऐलान किया है। वहीं जलषुरूष राजेंद्र सिंह राणा ने भी अनशन को समर्थन देकर, पर्यावरणीय मानकों से खिलवाड़ कर, बालू खनन कर रहे लोगों की धड़कनें बढ़ा दी हैं।
जिला और मंडलीय टीम कर चुकी है खनन में गड़बड़ी की पुष्टिः
बताते चलें कि दुद्धी तहसील क्षेत्र की एरिया में कनहर नदी में कोरगी और पिपरडीह में बालू खनन पट्टा संचालित है। दोनों जगहों पर लीज एरिया से हटकर खनन के आरोप तो लगाए ही जा रहे हैं, जलीय पर्यावरण के मानकों से खिलवाड़ कर भी खनन किए जाने का दावा किया जा रहा है। पिछले दिनों हुई शिकायत पर जांच करने पहुंची खनन और राजस्व विभाग की टीम ने खनन में गड़बड़ी बरते जाने की पुष्टि तो की ही थी, तीन-चार दिन पूर्व जांच के लिए मंडलीय टीम भी, नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे खनन को देखकर दंग रह गई थी। बावजूद जैसा कि आरोप है कि अभी भी नदी की धारा और उससे पर्यावरणीय स्वरूप से छेड़छाड़ कर खनन जारी है।
संजीदगी न दिखने पर आमरण अनशन का भी अल्टीमेटम
वहीं, गड़बड़ी पकड़े जाने के बावजूद कार्रवाई न होती देख, सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी और उससे जुड़े पर्यावरण कार्यकर्ताओं की तरफ से पर्यावरण दिवस पर धरना/अनशन का ऐलान किया गया है। जगतनारायण की अगुवाई में चल रही अनशन की मुहिम को जहां दुद्धी बार एसोसिएशन ने समर्थन देने का ऐलान किया है। वहीं जगतनारायण का कहना है कि अगर एक दिवसीय अनशन के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेते तो आमरण अनशन का निर्णय लिया जाएगा। वहीं, राजेंद्र सिंह राणा ने भी अनशन को अपना समर्थन जताते हुए कहा है कि पट्टा कहीं, खनन कहीं से नदी का पर्यावरणीय स्वरूप लगातार बिगड़ रहा है। जिम्मेदारों को चाहिए कि इसको लेकर संजीदगी दिखाएं ओर सीमांकन-नापी के साथ ही, नदी के पर्यावरण और उसके स्वरूप से किए जा रहे खिलवाड़ पर रोक लगाएं।
हैरत में डाल रही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की चुप्पी, उठ रहे तरह-तरह के सवाल
पर्यावरण मानकों से जुड़ी छोटी सी छोटी बात पर नोटिस जारी करने वाले क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय की, कनहर नदी के मसले पर साधी गई चुप्पी हैरान कर देने वाली है। पिछले वर्ष सोन नदी किनारे रेत-खेत खनन को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से करोड़ों की छतिपूर्ति भी अधिरोपित की गई थी लेकिन कनहर नदी में नंगी आंखों के सामने जलीय पर्यावरण से होते खिलवाड़, जनप्रतिनिधियों-सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से खुलकर जताई जाती आपत्ति के बावजूद, जहां तरह-तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।
वहीं कनहर नदी में खनन को लेकर लगाए जा रहे आरोपों के बारे में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण कार्यालय जाकर जानकारी लेने की कोशिश की गई तो पता चला कि सोनभद्र का अतिरिक्त चार्ज होने के कारण क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी एससी शुक्ला ज्यादातर जिले से बाहर रह रहे हैं। वही उनके मातहतों का कहना था कि इसके बारे में कोई जानकारी/टिप्पणी लेने के लिए प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से ही संपर्क करना पड़ेगा। सेलफोन पर संपर्क साधने की कोशिश की गई तो नंबर नाट रिचेबल मिला।