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Sonbhadra News: हाइवे पर सफर करते वक्त रहें सावधान, दो सिगरेट के बराबर पीना पड़ रहा प्रदूषण

प्रदूषण के मामले में टॉप फाइव में शुमार सोनभद्र (सिंगरौली रीजन) की भी आबोहवा बिगड़ने लगी है। हाइवे पर सफर करने वालों को बिना किसी स्मोकिंग के, दो सिगरेट के बराबर प्रदूषण झेलना पड़ रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 9 Nov 2023 5:06 PM IST
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सोनभद्र में भी बढ़ा वायु प्रदूषण का स्तर (न्यूजट्रैक)

Sonbhadra News: प्रदूषण के मामले में टॉप फाइव में शुमार सोनभद्र (सिंगरौली रीजन) की भी आबोहवा बिगड़ने लगी है। वायु प्रदूषण के जो आंकड़े सामने आए हैं, उससे प्रदूषण प्रभावित अन्य हिस्सों को छोड़ दें तो सिर्फ हाइवे पर सफर करने वालों को बिना किसी स्मोकिंग के, दो सिगरेट के बराबर प्रदूषण झेलना पड़ रहा है। एक अंतर्राष्ट्रीय प्रदूषण मापन ऐप के जरिए मुताबिक जिला मुख्यालय से लेकर अनपरा तक हाइवे पर व्याप्त प्रदूषण के जो आंकड़े सामने आए उसके मुताबिक वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर सफर करने वालों को बृहस्पतिवार को बगैर स्मोकिंग, दो सिगरेट के बराबर प्रदूषण झेलने के लिए बाध्य होना पड़ा।

जिला मुख्यालय, चोपन, डाला, रेणुकूट, पिपरी और अनपरा से गुजरे हाइवे की स्थिति जांची गई तो उसके जरिए जो आंकड़े सामने आए, उसके मुताबिक सभी जगह सोमवार की दोपहर दो सिगरेट के बराबर वायु प्रदूषण का लेवल बना हुआ था। विशेषज्ञों के मुताबिक एक सिगरेट से 64.8 वायु गुणवत्ता सूचकांक के बराबर प्रदूषक तत्व उत्सर्जित होता है। हाइवे की स्थिति को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके हिसाब से सोमवार को हाइवे पर वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 के इर्द-गिर्द बना रहा। पर्यावरण विशेषज्ञों की राय में 25 तक एयर क्वालिटी इंडेक्स दिखने पर हवा को शुद्ध माना जाता है। 50 एक्यूआई तक स्थिति नार्मल मानी जाती है। इससे आगे बढ़ने पर इसे खतरे के संकेत में देखा जाता है। 100 को पार करने पर प्रदूषण का असर सीधे स्वास्थ्य पर पड़ने की स्थिति बनने लगी है।

इन-इन रोगों का बढ़ जाता है खतरा

वायु प्रदूषण खासकर, सर्दियों में गहराने वाले 2.5पीएम वाले प्रदूषण दिल की बीमारियों के साथ ही, हर्ट स्ट्रोक, फेफड़ों के कैंसर, तीव्र श्वसन संक्रमण, अस्थमा, कफ की तीव्रता आदि का कारण बनते हैं। धमनियों में फैलते जहर के चलते एलर्जी की भी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

स्मोकिंग के से ज्यादा खतरनाक है प्रदूषण

विशेषज्ञों की मानें तो वायु प्रदूषण, स्मोकिंग से ज्यादा खतरनाक होता है। इसके जरिए, स्मोकिंग न करने वाले लोग भी प्रदूषण का जहरी पीते रहते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों पर यकीन करें तो सर्दी में प्रदूषण का स्तर गहराने के साथ ही, दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक की शिकायत बढने लगती है। बताया जाता है कि जहरीला हवा के सूक्ष्म कण सीधे ब्ल डमें प्रवेश कर जाते हैं। इससे धमनियों में सूजन की स्थिति बनने के बाद, दिल के दौरे का खतरा बढ़ने लगता है।

कुछ टिप्स जो आपके लिए होंगे मददगार

हाइवे पर खुले में सफर करते वक्त मास्क, बाइक चलाने की दशा में हेलमेट लगाए रखें। आंखों की सुरक्ष़्ा के लिए चश्मे का प्रयोग करें। मार्निंग वॉक के वक्त हाइवे की बजाय, गांव से जुड़ी सडकों पर टहलना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। प्रदूषण वाले इलाकों में पांच साल से कम उम्र वाले बच्चों को लेकर विशेष एहतियात बरतें।

हवा का बहाव न होने से बिगड़ी स्थिति

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके सिंह का कहना है कि इन दिनों हवा स्थिर है और सर्दी भी दस्तक दे रही है, इस कारण प्रदूषण बढ ़ रहा है। जैसे ही हवा का थोड़ा बहाव दिखने लगेगा, प्रदूषण में कमी दिखाई देने लगेगी ।

सोनभद्र में अभी पटाखों पर प्रतिबंध का कोई प्रस्ताव नहीं

गत सात नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से पारित किए गए आदेश में देश के सभी राज्यों में बेरियम युक्त पटाखों पर प्रतिबंध लगाने को कहा गया है। नेशनल एयर क्लीन प्रोग्राम के तहत, सोनभद्र के अनपरा को चयनित किए जाने के कारण, पिछले वर्षों में यहां दीपावली पर पटाखा बिक्री और पटाखा फोडने दोनों पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि इस बार समाचार दिए जाने तक, अनपरा प्रतिबंध से अछूता है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी आरके सिंह ने कहा कि सोनभद्र में किसी भी जगह पटाखे छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश अभी नहीं आया है।



Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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