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Sonbhadra News: दुष्कर्म मामले में कोर्ट का बड़ा एक्शन, पहले आरोप फिर इंकार पर पिता-पुत्री सहित तीन के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश

Sonbhadra News: अर्चना रानी की अदालत की तरफ से इस मामले में जहां आरोपी को दोषमुक्त करार दिया गया है। वहीं, पीड़िता, उसके पिता और भाभी के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 9 Dec 2024 7:21 PM IST
Sonbhadra News ( Pic- Newstrack)
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Sonbhadra News ( Pic- Newstrack) 

Sonbhadra News: दुष्कर्म मामले में पहले आरोप बाद में प्रकरण से जुड़े तथ्यों का समर्थन करने से पीछे हटने पर कोर्ट का बड़ा फैसला सामने आया है। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/सीएडब्ल्यू अर्चना रानी की अदालत की तरफ से इस मामले में जहां आरोपी को दोषमुक्त करार दिया गया है। वहीं, पीड़िता, उसके पिता और भाभी के खिलाफ प्रकीर्ण वाद दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। अब इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए न्यायालय आगे की सुनवाई करेगा।

यह था मामला, जिसको लेकर आया निर्णय

अभियोजन कथानक के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती ने गत दो सितंबर 2020 को कोन थाने पहुंचकर एक तहरीर सौंपी थी। आरोप लगाया था कि वह शौच के लिए गई थी। उसी दौरान कोन थाना क्षेत्र के करइल गांव का रहने वाला संजय कुमार भारती पुत्र स्व. शर्फीलाल पहंुंचा और डरा धमकाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया। आरोप लगाया गया कि इसी तरह उसने 7-8 माह तक तक डरा-धमकाकर उसके साथ जबरन संबंध स्थापित किए रखा। इसकी वजह से उसे सात माह का गर्भ भी ठहर गया।

पुलिस ने विवेचना में पर्याप्त सबूत मिलने का किया था दावा

मामले में पुलिस ने दी गई तहरीर पर 2 सितम्बर 2020 को धारा 376, 506 आईपीसी के तहत केस दर्ज कर मामले की विवेचना की। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। लगभग चार साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने पाया कि अभियोजन की तरफ से प्रकरण की विवेचना, बयान दर्ज कराने के दौरान जो आरोप लगाए गए थे, उससे जुड़े तथ्य का पीड़िता, उसके पिता और उसकी भाभी ने समर्थन नहीं किया है। इसे कोर्ट ने गंभीर मसला माना। इसको देखते हुए जहां साक्ष्य के अभाव में आरोपी को दोषमुक्त करार दिया गया। वहीं, पीड़ित पक्ष की तरफ से न्यायिक प्रक्रिया के दुरूपयोग की संभावना जताते हुए, दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता, उसके पिता और उसकी भाभी के विरुद्ध प्रकीर्ण वाद दर्ज करने का आदेश दिया। अब इस मामले में न्यायालय, संबंधितों को तलब करते हुए, क्यों न उन्हें दंडित किया जाए, इस पर सुनवाई करेगी।



Shalini Rai

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