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Sonbhadra News : हाईकोर्ट का जिला मुख्यालय से जुड़े चर्चित प्रकरण में बड़ा फैसला, बगैर समुचित प्रक्रिया पट्टा निरस्तीकरण पर लगाई रोक
Sonbhadra News: जमीनों के पट्टे के निरस्तीकरण को लेकर हाईकोर्ट का बड़़ा निर्णय सामने आया है। मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित जमीन से जुड़े मामले में कई पट्टों के निरस्तीकरण पर रोक लगा दी गई है।
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Sonbhadra News: जिला मुख्यालय स्थित जमीनों के पट्टे के निरस्तीकरण को लेकर हाईकोर्ट का बड़़ा निर्णय सामने आया है। मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित जमीन से जुड़े मामले में कई पट्टों के निरस्तीकरण पर रोक लगा दी गई है। संबंधित फाइलों को एक साथ सूचीबद्ध कर नोटिस जारी करते हुए पक्षकारों को जवाब (काउंटर एफीडेविड) दाखिल करने के लिए कहा गया है। प्रकरण में अगली सुनवाई के लिए 18 अप्रैल की तिथि तय की गई है।
इन तथ्यों को लेकर पेश की गई दलील
प्रकरण अवधनाथ पांडेय, मुन्नी देवी, धर्मेश चंद्र आदि की याचिका से जुड़ा हुआ है।अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा के जरिए दाखिल याचिकाओं पर पिछले दिनों हाईकोर्ट में सुनवाई की गई। याचिकाकर्ता के पक्ष से अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्र, राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थायी अधिवक्ता राजीव कुमार तिवारी और ग्राम सभा की तरफ से अधिवक्ता प्रदीप सिंह ने जरूरी तथ्य संबंधित बेंच के सामने रखे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की तरफ से बेंच को बताया गया कि विचाराधीन भूखंड कुछ व्यक्तियों को आवंटित किया गया था और आवंटन के आधार पर, आवंटियों का नाम संबंधित भूखंड पर दर्ज किया गया था।
यह तथ्य बने अंतरिम फैसले के आधार
यािचका में उल्लिखित तथ्यों का जिक्र करते हुए बताया गया कि याचिकाकर्ताओं ने संबंधित भूखंड को, दर्ज काश्तकार, जिन्हें आवंटन के जरिए भूखंड मिले थे, खरीदा था। दावा किया गया कि याचिकाकर्ता के पक्ष में बिक्री विलेख के निष्पादन के समय, प्रश्नगत जमीन/भूखंड हस्तांतरणीय अधिकार के साथ भूमिधर के रूप में दर्ज था। ऐसे में, संबंधित व्यक्ति का पट्टा और याचिकाकर्ता का प्रवेश बगैर उचित कार्यवाही शुरू किए बिना, लंबी अवधि के बाद अचानक से रद्द नहीं किया जा सकता।
बेंच ने कहा: प्रकरण पर विचार जरूरी
सुनवाई कर रही बेंच ने सामने आई परिस्थितियों और उल्लिखित तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए पाया कि मामले पर विचार करने की आवश्यकता है। कहा गया कि राज्य और भूमि प्रबंधन समिति इस मामले में जवाबी हलफनामा दायर करेगी। याचिकाकर्ता द्वारा इसके बाद दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर किया जा सकेगा। हाईकोर्ट के अगले आदेश तक, सदस्य (न्यायिक), राजस्व परिषद, उत्तर प्रदेश प्रयागराज और अपर जिला मजिस्ट्रेट (वित्त एवं राजस्व), सोनभद्र द्वारा पारित आदेश दिनांक नौ मई 2025 और 31 जनवरी 2019 का संचालन/क्रियान्वयन, जहां तकयाचिकाकर्ता से संबंधित है, स्थगित रहेगा।