Sonbhadra News: सिंगरौली प्रशासन का बड़ा निर्णय, शहरी क्षेत्रों से राखड़-कोयला लदे ट्रकों के आवागमन पर रोक

सिंगरौली के शहरी इलाकों की मुख्य सड़कों से कोयला-मिट्टी के ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। सिंगरौली जिले के बाकी इलाकों में केवल बंद वाहन यानी कोयले के लिए तिरपाल से ढके वाहन और मिट्टी के लिए बंद कंटेनर वाहन ही चल सकेंगे।

Kaushlendra Pandey
Published on: 1 Oct 2024 3:12 PM GMT
Sonbhadra News: सिंगरौली प्रशासन का बड़ा निर्णय, शहरी क्षेत्रों से राखड़-कोयला लदे ट्रकों के आवागमन पर रोक
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सिंगरौली प्रशासन का बड़ा निर्णय (social media)

Sonbhadra News: प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सोनभद्र से सटे सिंगरौली प्रशासन का बड़ा निर्णय सामने आया है। सिंगरौली के शहरी क्षेत्रों के मुख्य मार्गों से जहां राखड़-कोयला ट्रकों के आवागमन पर रोक लगा दी गई है। सिंगरौली जिले के शेष हिस्से में भी केवल बंद वाहन यानी कोयले के लिए तिरपाल से ढंके हुए तथा राखड़ के लिए बंद कंटेनर वाहनों के ही संचालन की अनुमति दी जाएगी। उसके लिए भी संबंधित अफसर से अनुमति लेने की प्रक्रिया अपनानी होगी।

इन मागों पर नहीं होगा राखड़-कोयला लदे ट्रकों का आवागमन

एसपी सिंगरौली की रिपोर्ट और एनजीटी की तरफ से प्रदूषण नियंत्रण को लिए दिए जा रहे निर्देशों के क्रम में कलक्टर सिंगरौली चंद्रशेखर शुक्ला की तरफ से सोमवार को कोयला-राखड़ लदे ट्रकों के संचालन को लेकर बड़ा निर्णय लिया गया। पाबंदियों को तत्काल प्रभाव से लागू करते हुए, निर्देशित किया गया कि शहरी क्षेत्र जयंत, निगाही, अमलोरी मोड़-माजन मोड, तेलाई मोड़़ परसौना सड़क मार्ग से कोयला परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। वहीं, सिंगरौली जिले के अंतर्गत परसौना, रजमिलान, अमिलिया घाटी, सरई, सड़क मार्ग से फ्लाई ऐश परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।

निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि फ्लाई ऐश परिवहन केवल एनएच 39 मार्ग से ही किया जा सकेगा। शेष हिस्से में कोयला एवं राखड़ का परिवहन करने वाले सभी भारी वाहनों को विहित प्राधिकारी से पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी। बगैर सक्षम अनुमति कोयला-राखड़ परिवहन संपूर्ण सिंगरौली जिले में प्रतिबंधित रहेगा।

केवल इन वाहनों को मिलेगी कोयला-राखड़ ढुलाई की अनुमति

सिंगरौली जिले में केवल बंद वाहन (तिरपाल से ढंके हुए) से ही कोयला परिवहन की अनुमति मिलेगी। वहीं राखड़ (ऐश) का परिवहन बंद कंटेनरों में ही किया जा सकेगा। खुले वाहनों में राखड़ परिवहन प्रतिबंधित रहेगा। परिवहनकर्ता को यह सुनिश्चित करना होगा कि परिवहन के दौरान कोयला या कोयले की धूल तथा राखड़ किसी भी दशा में सड़क पर न गिरे, न वातावरण में फैले। साथ ही निर्धारित गति सीमा 25 किमी प्रति घंटा निर्धारित करते हुए, वाहन में स्पीड गवर्नर लगवाना अनिवार्य होगा।

सोनभद्र में भी हालात खराब, प्रभावी नियंत्रण की उठी मांग

सोनभद्र में भी प्रदूषण की खराब स्थिति को देखते हुए, कोयला-राखड़ परिवहन पर जरूरी नियंत्रण और सुरक्षित परिवहन के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने की मांग होने लगी है। इसको लेकर एनजीटी और उसकी ओवरसाइट कमेटी की तरफ से भी कई निर्देश जारी है। सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा, सिंगरौली प्रदूषण मुक्ति वाहिनी के संयोजक रामेश्वर भाई आदि का कहना है कि सोनभद्र में भी कोयला-राखड़ का असुरक्षित परिवहन प्रदूषण और सड़क हादसे का बड़ा कारण बन रहा है। इसके सुरक्षित परिवहन को लेकर प्रभावी उपाय अमल में लाया जाए।

Ragini Sinha

Ragini Sinha

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