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Sonbhadra News: मत्स्य पालन के लिए तालाबों में अपनाई जाएगी बायोफ्लॉक तकनीक, मंत्री की बैठक में बनाई गई रणनीति

Sonbhadra News: बायोफ़्लॉक तकनीक से कम पानी और कम खर्च में ज्यादा मछलियां पाली जा सकती हैं। इस तकनीक में, मछलियों को सीमेंट या मोटे पॉलिथीन से बने टैंक में रखा जाता है और उन्हें सामान्य खाना दिया जाता है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 30 Sept 2024 8:52 PM IST
For fish farming Biofloc technology will be adopted in ponds, strategy made in the ministers meeting
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मत्स्य पालन के लिए तालाबों में अपनाई जाएगी बायोफ्लॉक तकनीक, मंत्री की बैठक में बनाई गई रणनीति: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: सोनभद्र जिले में तपिश के समय भी मछली उत्पादन की बेहतर स्थिति बनी रहे। इसके लिए यहां के तालाबों में बायोफ्लॉक तकनीक अपनाई जाएगी। इसको लेकर अंतर्विभागीय समन्वयन पर भी जोर दिया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा तालाब बेहतर स्थिति में मत्स्य पालन के लिए उपलब्ध हो सके। सोमवार को मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में मत्स्य मंत्री डा. संजय निषाद की तरफ से ली गई समीक्षा बैठक में इस हाइटेक तकनीक को जहां प्रभावी तरीके से अपनाने पर जोर दिया गया। वहीं, ज्यादा से ज्यादा तालाब मत्स्य पालन के लिए उपलब्ध हो सकें, इसके लिए पंचायत, मनरेगा, लघु सिंचाई, सिंचाई सहित अन्य संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय बनाए रखने को लेकर जरूरी निर्देश दिए गए।

जानिए क्या है बायोफ्लॉक तकनीक और क्या हैं इसके फायदे

बायोफ़्लॉक तकनीक से कम पानी और कम खर्च में ज्यादा मछलियां पाली जा सकती हैं। इस तकनीक में, मछलियों को सीमेंट या मोटे पॉलिथीन से बने टैंक में रखा जाता है और उन्हें सामान्य खाना दिया जाता है। इसमें बायोफ़्लॉक बैक्टीरिया डाले जाते हैं जो मछलियों के मल को प्रोटीन में बदल देते हैं। इससे मछलियां और तेज़ी से बढ़ती हैं। मंत्री ने बताया कि सोनभद्र में तपिश के समय तालाबों में पानी की दिक्कत को देखते हुए, तालाब में प्लास्टिक बिछाकर, बायोफ्लॉक तकनीक के जरिए मत्स्यपालन का प्लान बनाया गया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत, बायोफ़्लॉक सिस्टम लगाने पर महिलाओं को 60 फ़ीसदी तक और पुरुषों को 40 फ़ीसदी तक सब्सिडी मिलती है।

सुकेता केज कल्चर को भी बढ़ावा देने पर जोर

मंत्री निषादराज की माता सुकेता के नाम पर केज कल्चर यानी तालाब के भीतर तालाब बनाकर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। कहा कि इस काम में महिलाएं ज्यादा से ज्यादा आगे आएं, इसके लिए विभागीय तौर पर, महिला लाभार्थी के लिए ज्यादा सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके लिए बड़े तालाबों, बडै डैमों को चयनित करते हुए प्लान बनाने की हिदायत भी दी गई।

इनकी-इनकी रही प्रमुख मौजूदगी

सर्किट हाउस में हुई समीक्षा बैठक के दौरान राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड़, डीएम बीएन सिंह, एसपी एके मीणा के साथ ही, अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) रोहित यादव, उप निदेशक मत्स्य आरके श्रीवास्तव, प्रभारी जिला सूचना अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा, अपर जिला सूचना अधि



Shashi kant gautam

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