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Sonbhadra News: मंडल अध्यक्षों के मनोनयन को लेकर खासा अंतर्विरोध, सोशल मीडिया के जरिए जताई जा रही नाराजगी, जिलाध्यक्ष का दावा-नहीं है कहीं असंतोष

Sonbhadra News: भाजपा की तरफ से संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया के तहत हाल में मंडल अध्यक्षों के मनोनयन को लेकर, पार्टी में अंदरखाने तेजी से अंतर्विरोध की स्थिति बनने लगी है। इसको लेकर पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ताओं की तरफ से जहां असंतोष जताया जा रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 4 Jan 2025 9:08 PM IST
Sonbhadra BJP Organisational Elections
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Sonbhadra BJP Organisational Elections 

Sonbhadra News: भाजपा की तरफ से संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया के तहत हाल में मंडल अध्यक्षों के मनोनयन को लेकर, पार्टी में अंदरखाने तेजी से अंतर्विरोध की स्थिति बनने लगी है। इसको लेकर पार्टी के कई पुराने कार्यकर्ताओं की तरफ से जहां असंतोष जताया जा रहा है। वहीं सोशल मीडिया भी इसको लेकर खासे शब्दबाण छोड़े जा रहे हैं। सबसे ज्यादा विरोध चतरा और विंढमगंज मंडल को लेकर देखने को मिला है। हालांकि जिलाध्यक्ष का मानना है कि कहीं कोई असंतोष नहीं है। मंडल अध्यक्षों का चयन पूरी पारदर्शिता और पार्टी नेतृत्व से मिले दिशा-निर्देशों केे क्रम में किया गया है।

चयन की सूची सामने आने के साथ ही, उठने लगे विरोध के स्वर:

वैसे तो करीब-करीब भाजपा के आधे से अधिक मंडलों में अध्यक्ष के चयन को लेकर असंतोष की स्थिति सामने आई। चतरा, विंढमगंज, करमा के साथ ही, अनपरा, शक्तिनगर मंडल में भी असंतोष जताया गया। शेष जगहों पर एक-दो दिन असंतोष जताए जाने के बाद प्रकरण शांत हो गया लेकिन चतरा मंडल के चयन के चयन लगातार नाराजगी जताए जाने का क्रम बना हुआ है। किए जा रहे दावों पर यकीन करें तो नाराजगी जताए जाने के साथ ही वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए सोशल मीडिया पर जिस तरह से शब्दबाण छोड़़े जा रहे हैं, उसने पार्टी पदाधिकारियों को भी असहज करना शुरू कर दिया है।

कुछ इस तरह हो रहा सोशल मीडिया वार:

सूची सार्वजनिक होने के बाद सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट में कहा गया कि विंढमगंज मंडल अध्यक्ष की नियुक्ति में नियमावली का पालन नहीं किया गया। जिलाध्यक्ष इसका संज्ञान लें। चतरा मंडल को लेकर पोस्ट आई कि भाजपा संगठन को अगर मंडल अध्यक्ष नामित करना ही था तो नामांकन कराने की क्या आवश्यकता थी? तीसरी पोस्ट आई कि चतरा मंडल में निराशापन क्यों है? चौथे पोस्ट में कहा गया कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है मिशन 2027.. जैसे पोस्ट किए गए। जवाब में 2027 बाय-बाय, 2027 में जवाब दिया जाएगा.., फार्मेलिटी, जो कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर काम करते हैं उनसे कहा जाता है कि वह सिस्टम में नहीं हैं.., जैसे कमेंट सामने आए।

कहीं कोई असंतोष की स्थिति नहीं, सभी कार्यकर्ता संतुष्ट: जिलाध्यक्ष

इस मसले पर फोन के जरिए जिलाध्यक्ष नंदलाल से बात की गई। उनका कहना था कि कहीं से किसी तरह की नाराजगी की बात सामने आई है। जहां तक उनकी जानकारी है, मंडल अध्यक्षों की सूची को लेकर सभी कार्यकर्ता संतुष्ट हैं। किसी की तरफ से उनसे कोई नाराजगी भी नहीं जताई गई है। सोशल मीडिया पर किसकी तरफ से कैसी नाराजगी जताई जा रही है, इसके बारेे में उन्हें मालूम नहीं है।

इन्हें-इन्हें सौंपा गया है मंडल अध्यक्ष का दायित्व:

बताते चलें कि जिला चुनाव अधिकारी अवधेश श्रीवास्तव की तरफ से जारी सूची के मुताबिक सीमा गुप्ता को घोरावल, विमलेश चौबे को शिवद्वार, विजय चौहान को मधुपुर, रामबली मौर्य को गौरीशंकर, मनीष कुमार पटेल को आशुतोष सिंह अंकुर को करमा, विनय कुमार श्रीवास्तव को राबटर्सगंज, योगेंद्र बिंद को रामगढ-चतरा, लक्षिमन देव खरवार को नगवां, दिलीप कुमार चौबे को चुर्क, रामलाल चेरो को कोन, संदीप सिंह को डाला, भगवानदास उर्फ संजय केशरी को चोपन, शिवनाथ जायसवाल को ओबरा, हरिाम छवि को रेणुकूट, प्रमोद कुमार शुक्ला को अनपरा, दीपक कुमार शाह को दुद्धी, वीरेंद्र चौधरी को विंढमगंज, लालकेश कुशवाहा को बभनी, देवेंद्र कुमार गुप्ता को शक्तिनगर मंडल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है।



Ramkrishna Vajpei

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