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Sonbhadra News: अटल से जुड़ी यादों को सहेजेगी भाजपा, 15 तक चलेगा विशेष अभियान, अटल विरासत सम्मेलन का करेंगे आयोजन
Sonbhadra News: भाजपा जिला कार्यालय पर मंगलवार को आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड़ ने इसकी जानकारी दी और भाजपा संगठन की तरफ से तैयार की गई आयोजन की रूपरेखा से अवगत कराया।
Sonbhadra News in Hindi: पूर्व पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी यादों, स्मृतियों को सहेजने के लिए भाजपा विशेष अभियान चलाएगी। 15 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान के बाद अटल विरासत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा जिसके जरिए अटल से जुड़े संस्मरण रखने वाले और उनके प्रशंसकों को एक मंच पर लाने के साथ ही, अटल के जीवन पर लिखी पुस्तकों को सम्मानित किया जाएगा।
जानिए कब और किस तरह का चलाया जाएगा अभियान:
भाजपा जिला कार्यालय पर मंगलवार को आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड़ ने इसकी जानकारी दी और भाजपा संगठन की तरफ से तैयार की गई आयोजन की रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निर्देश के क्रम में 15 मार्च 2025 तक अटल विहारी बाजपेयी की स्मृति से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
- कार्यक्रम के लिए जिले में ऐसे व्यक्तियों को चिन्हित किया जाएगा, जिनके पास अटल विहारी वाजपेयी से जुड़ी कोई खास स्मृति-खास संस्मरण मौजूद हो। यह स्मृतियां अखबार की कटिंग, दस्तावेज, पुस्तकें और ऑडियो/वीडियो क्लिप आदि के रूप में उपलब्ध हो सकती हैं। 15 फरवरी तक चलने वाले अभियान के दौरान उनका संकलन करने के साथ ही, उन्हें संरक्षित भी किया जाएगा।
- 15 फरवरी से 15 मार्च 2025 के बीच भाजपा की तरफ से अटल विरासत सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन में प्रबुद्ध वर्ग के लोगों के साथ ही विशिष्ट व्यक्ति और अटल के प्रशंसकों को बुलावा भेजा जाएगा।
- इस दौरान अटल विहारी बाजपेयी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर पुस्तकें लिखने वालों को खास सम्मान भी दिया जाएगा। वहीं लोगों के सामने अटल विहारी बाजपेयी की स्मृतियों का डिजिटल प्रस्तुतीकरण रखा जाएगा।
इनकी-इनकी रही प्रमुख मौजूदगी:
कार्यक्रम के दौरान जिला संयोजक ओमप्रकाश दूबे, भाजपा जिलाध्यक्ष नंदलाल, नगर पालिका चेयरमैन रुबी प्रसाद, जिला मीडिया प्रभारी अनूप तिवारी सहित अन्य की मौजूदगी बना रही। उनका कहना था कि अटल के विचार और उनके संकल्प देश को तरक्की का रास्ता दिखाने वाले रहे हैं। चाहे नदी जोड़ो योजना या फिर चतुर्मुख योजना हो, दोनों ने जहां देश की तरक्की को नई राह दिखाई है। वहीं, पोखरण परीक्षण जैसे साहसिक फैसलों ने देश की मजबूत इच्छाशक्ति को भी नया मुकाम दिया।