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खून का सौदाः प्राइवेट ब्लड बैंक की सलाह दे रहा बिचौलियों का नेटवर्क
Sonbhadra: बिचौलियों के नेटवर्क के जरिए, प्राइवेट ब्लड बैंक से उपलब्ध कराने जाने वाले महज एक यूनिट ब्लड की कीमत, पांच से सात हजार मांगी जा रही है। इससे खफा लोगों ने जहां रविवार को दुद्धी स्थित ब्लड बैंक पर हंगामा किया।
Sonbhadra News: जिले में मरीजों के लिए पड़ रही ब्लड की जरूरत का सौदा किया जा रहा है। आदिवासी बेल्ट को राहत के लिए दुद्धी में ब्लड बैंक की स्थापना के बावजूद, मरीजों और उनके तीमारदारों को खून के लिए प्राइवेट ब्लड बैंक का सहारा लेने की सलाह दी जा रहा है। बिचौलियों के नेटवर्क के जरिए, प्राइवेट ब्लड बैंक से उपलब्ध कराने जाने वाले महज एक यूनिट ब्लड की कीमत, पांच से सात हजार मांगी जा रही है। इससे खफा लोगों ने जहां रविवार को दुद्धी स्थित ब्लड बैंक पर हंगामा किया। वहीं, लंबे समय से जिला मुख्यालय से लेकर, जिले के आखिरी छोर तक मौजूद बिचौलियों के नेटवर्क की जांच कर कार्रवाई की मांग की।
जानें पूरा मामला
बताते हैं कि अस्पताल गेट के पास दुद्धी निवासी औरंगजेब की मोटर गैरेज की दुकान है। रविवार को उसकी 40 वर्षीय पत्नी नसीमा बेगम की तबियत सुबह साढ़े दस बजे अचानक से काफी खराब हो गई। आनन-फानन में उसे दुद्धी सीएचसी ले आया गया, जहां चिकित्सक डॉ. संजीव कुमार ने उनकी ब्लड जांच कराई तो पता चला कि उसका ग्रुप ओ पाजिटिव है और हिमोग्लोबिन का रेंज महिला के शरीर में महज 7एमजी/डीएल रह गया है। चिकित्सक ने तत्काल खून चढ़वाने की सलाह दी। इस पर ओ पाजिटिव ग्रुप वाले जानी मसीह और फैजल अली ने दुद्धी ब्लड बैंक पहुंचकर, नसीबा के लिए ब्लड डोनेट करने की बात कही। दोनों के हाथ से एक-एक यूनिट ब्लड निकाल भी लिया गया लेकिन मिस मैच की बात कहकर उसे मरीज के लिए उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया गया।
प्राइवेट ब्लड बैंक जाने की सलाह पर भड़के तीमारदार
तीमारदार का आरोप था कि मौजूद ब्लड बैंक कर्मियों का कहना था कि अब ब्लड के लिए उन्हें जिला मुख्यालय स्थित प्राइवेट ब्लड बैंक जाना होगा। डोनर रहेगा तो 15 सौ रूपये प्रति यूनिट अदा करने पड़ेंगे। डोनर न रहने पर प्रति यूनिट सात हजार देना होगा। यह सुनते ही, रक्तदाताओं के साथ ही, वहां मौजूद मरीज के तीमारदार, परिवार के लोग भड़क उठे और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। ब्लड बैंक के बाहर आकर नारेबाजी भी की। ब्लड बैंक प्रभारी पर भी मामले में उदासीनता बरते जाने का आरोप लगाया गया।
एक और मामले में ब्लड के पांच हजार मांगने का आरोप
इसके अलावा दुद्धी में एक और मामला खासा चर्चा में रहा। सीएचपी में उपचार के लिए लाए गए दीघुल निवासी खुर्शीद के भाई सितारे आलम ने बताया कि ओ नेगेटिव ब्लड के लिए उससे ब्लड बैंक के सामने एक व्यक्ति मिला, उसने कहा कि वह ओ निगेटिव ब्लड उपलब्ध करा देगा लेकिन इसके लिए उसे 55 सौ देने पड़ेंगे। असमर्थता जताने पर वह चलता बना। सितारे आलम ने यह भी आरोप लगाया कि शुक्रवार को वह अपने भाई को उपचार के लिए लेकर पहुंचा तो चिकित्सक वीके सिंह ने खून के कमी की आशंका जताते हुए, जांच कराने की सलाह दी। परामर्श स्लिप लेकर ब्लड बैंक पहुंचा तो वहां मौजूद मिले एलटी ने बाहर से जांच कराने के नाम पर उससे 400 रूपये ऐंठ लिए और उसे रिपोर्ट दुद्धी कस्बा स्थित मॉडर्न पैथालॉजी की लाकर थमा दी गई।
कुछ इस तरह मरीजों से लूट का चल रहा खेल
मरीजों और तीमारदारों से आरोप है कि ब्लड बैंक पहुंचने पर, जिस ग्रुप के ब्लड की आवश्यकता होती है, उसको समाप्त होने की बात कही जाती है। ब्लड बैंक में किस ग्रुप का खून उपलब्ध है, इसकी सूची कभी अपडेट नहीं की जाती। रक्ताल्पता वाले मरीज के परिजनों को ब्लड रिपोर्ट मिलने से पहले, बिचौलियों के सिंडीकेट को इसकी जानकारी मिल जाती है। जैसे ही मरीज या उसका तीमारदार ब्लड की कमी होने की रिपोर्ट लेकर लैब से बाहर होता है। वैसे ही, उसके सामने बिचौलियों के ग्रुप का कोई न कोई सदस्य मौजूद मिलता है और ब्लड की कमी का हवाला देते हुए, रूपये ऐंठने की कोशिश शुरू हो जाती है। डोनर उपलब्ध कराए जाने पर भी, बिचौलियागिरी के नेटवर्क का इस्तेमाल कर तीमारदारों को कभी मिसमैच की रिपोर्ट दिलवा दी जाती है तो मरीज को जिला अस्पताल रिफर करा दिया जाता है।
सेम ब्लड ग्रुप की क्रास मैचिंग में आ रही दिक्कतः डा. वरूणा निधि
दुद्धी में ब्लड बैंक के प्रभारी का दायित्व संभाल रहे डा. कुमार वरूणा निधि ने हंगामे वाले मामले को लेकर फोन पर बताया कि प्रकरण का पटाक्षेप करा दिया गया है। सेम ब्लड ग्रुप होने के बावजूद, क्रास चेकिंग में मिसमैच आ रहा था। ऐसे ब्लड को मरीज को चढ़ाने पर हाईरिस्क की स्थिति रहती है। इसलिए क्रास चेकिंग में मिसमैच वाले ब्लड को मरीज को उपलब्ध नहीं कराया जाता। यह बात मरीज के परिवार वालों को समझा दी गई है।
लिखित में मिले शिकायत तो कड़ी कार्रवाई को तैयारः डा. वरूणा निधि
मरीजों को ब्लड उपलब्ध कराने के नाम पर पैसे मांगने और ब्लड बैंक से लेकर अस्पताल तक बिचौलियों का नेटवर्क सक्रिय होने के सवाल पर कहा कि जिनको भी इसकी शिकायत है, वह लिखित शिकायत दें। मामले की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूर्व में भी इस तरह के शिकायतों के सवाल पर कहा कि कई बार आरोप लगाने वाले लिखित मांगने पर भी प्रार्थना पत्र उपलब्ध नहीं कराते। वहीं, कई बार यह भी जानकारी सामने आते हैं कि आरोप लगाने वालों और संबंधित के बीच सुलह हो गई है जिसके चलते चाहकर भी कार्रवाई किया जाना संभव नहीं हो पा रहा।