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Sonbhadra News: ग्रामीणों को चिढ़ा रहे नदी में खड़े पुल के पाए, मई 2018 में पूर्ण होने वाला कार्य अब तक अधूरा, रास्ता निर्माण के दावे भी हवा में

Sonbhadra News: घोरावल तहसील क्षेत्र के दर्जन भर गांवों से जुड़े रास्ते पर मुड़िलाडीह और धोवा गांव के बीच बेलन नदी पर निर्मित होने वाले पुल का कार्य निर्धारित समयसीमा पूर्ण होने के छह साल बाद भी अधूरा पड़ा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 10 Dec 2024 9:00 PM IST (Updated on: 10 Dec 2024 9:02 PM IST)
Villagers find standing bridge in irritated river, work to be completed in May 2018 still incomplete, claims of road construction still in the air
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ग्रामीणों को चिढ़ा रहे नदी में खड़े पुल के पाए, मई 2018 में पूर्ण होने वाला कार्य अब तक अधूरा, रास्ता निर्माण के दावे भी हवा में: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: सीएम योगी आदित्यनाथ जहां एक तरफ लगातार हर गांव-बस्ती को पक्की सड़क से जोड़ने की कवायद में जुटे हुए हैं। वहीं, घोरावल तहसील क्षेत्र के दर्जन भर गांवों से जुड़े रास्ते पर मुड़िलाडीह और धोवा गांव के बीच बेलन नदी पर निर्मित होने वाले पुल का कार्य निर्धारित समयसीमा पूर्ण होने के छह साल बाद भी अधूरा पड़ा है। पुल तो पुल, इससे जुड़े एक किमी रास्ते की भी सुध महज कागजी दावे और आश्वासनों तक सिमटी हुई है। हालत यह है कि वर्ष 2013 में पक्की सड़क और पुल निर्माण की मिली मंजूरी 11 वर्ष बाद भी मूर्तरूप नहीं ले पाई है।

वर्ष 2022 में हुई शिकायत तब अफसरों की पड़ी नजर

बताया जा रहा है कि वर्ष 2013 के बाद पुल निर्माण का कार्य तो शुरू किया गया था लेकिन जिस कार्य को मई 2018 तक पूर्ण कर लिया जाना था, उस कार्य के एवज में नदी में महज पुल के पाए खड़े कर छोड़ दिए गए। पुल के दोनों तरफ आधा-आधा किमी सड़क की कोई सुध ही नहीं ली गई। पुल के पाए और सड़क उपेक्षित हाल में लगभग चार वर्ष तक पडे़ रहे लेकिन किसी अफसर ने, मुड़िलाडीह-धोवा के बीच बेलन नदी पर बनने वाले पुल और इससे जुड़े रास्ते का हाल जानने की जरूरत नहीं समझी। सपा काल में स्वीकृत हुए कार्य के आधे-अधूरे हाल में पड़े होने के मामले पर भी विभागीय अफसरों की नजर तब पड़ी तब, वर्ष 2022 को इसको लेकर शिकायत होनी शुरू हुई। उसके बाद भी अभी तक सारी विभागीय कवायद सिर्फ चेतावनी भरे पत्र तक सिमटी हुई है।


न्यूजट्रैक ने उठाया मसला, तब जारी की गई चेतावनी

ग्रामीणों को रही परेशानी और अधूरे पड़े कार्यों को लेकर विभागीय अफसर कितने संजीदा है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पांच सितंबर 2022 और सात सितंबर 2022 के पत्र के बाद, ठेका फर्म को तीसरी बार चेतावनी पत्र तब जारी करने की जरूरत समझी गई जब न्यूजट्रैक ने इस मसले को प्रमुखता से उठाया। खबर के क्रम में, निदेशालय से मांगी गई आख्या में आठ अक्टूबर 2024 को कहा गया कि संबंधित ठेकेदार को निर्देशित किया जा चुका है। निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ कर दिया जाएगा। दिसंबर का पहला पखवाड़ा बीतने को है, इस निर्देश पर अमल कब होगा, फिलहाल कहना मुश्किल है।


मौसम अनुकूल होते ही सड़क निर्माण का दावा भी हवा-हवाई:

सड़क निर्माण को लेकर भी ग्रामीणों ने गुहार लगाई थी। उनका कहना था कि बेलन नदी के अधूरे पुल से जुड़े संपर्क मार्ग के कुछ हिस्सों में सोलंग डालकर छोड़ दिया गया। शेष सड़क कीचड़-धूल की स्थिति में पड़ी हुई है। इस रास्ते हर दिन सैकड़ों लोगों का आना-जाना बताते हुए, मौके का निरीक्षण किए बगैर, लगाई जा रही फरियाद का महज दफ्तर से कागजी निस्तारण पर नाराजगी भी जताई गई थी।


इस पर एक्सईएन की तरफ से गत 27 अगस्त 2024 को पत्र जारी कर कहा गया था कि मौसम अनुकूल होते ही, सड़क का कार्य पूर्ण करा दिया जाएगा। अब ग्रामीण सोशल मीडिया के जरिए सवाल उठा रहे हैं कि आखिर, कार्य के निमित्त पीडब्ल्यूडी महकमे के लिए मौसम कब अनुकूल आएगा?



मामला पकड़ता है तूल तो पत्र जारी कर साध ली जा रही चुप्पी

वर्षों से पुल और सड़क निर्माण की बाट जोह रहे ग्रामीण जहां वर्ष 2018 के बाद से लगातार कार्य पूर्ण कराने को लेकर आवाज उठा रहे हैं। वहीं वर्ष 2018 से अब तक कार्रवाई के नाम पर प्रांतीय खंड के अफसर संबंधित ठेका फर्म मेसर्स ओम इंटरप्राइजेज साधोपुर, रेवतीपुर, गाजीपुर को महज तीन पत्र जारी करने की जरूरत समझ सके हैं। वह भी पत्र तब जारी करने की जरूरत समझी जा रही है, जब या तो ग्रामीणों की तरफ से शिकायत हो रही है या फिर मामला मीडिया में आ रहा है। इस मसले पर विभागीय कार्रवाई की स्थिति के बारे में जानकारी के लिए एक्सईएन इं. शैलेष ठाकुर से संपर्क साधा गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।



Shashi kant gautam

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