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Sonbhadra News: व्यवसायी हत्याकांड के चार दोषियों को उम्रकैद, हत्या कर रजखड़ घाटी में फेंक दिया था शव, दीपक हत्याकांड में 15 वर्ष बाद आया फैसला

Sonbhadra News: अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी पाए गए संतोष कुमार, राकेश कुमार उर्फ आजाद, जैनेन्द्र प्रजापति उर्फ पप्पू व रतन पासवान को उम्रकैद के साथ 27-27 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई।

Kaushlendra Pandey
Published on: 4 March 2025 7:40 PM IST
Sonbhadra News: व्यवसायी हत्याकांड के चार दोषियों को उम्रकैद, हत्या कर रजखड़ घाटी में फेंक दिया था शव, दीपक हत्याकांड में 15 वर्ष बाद आया फैसला
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Sonbhadra News: 15 वर्ष पूर्व के दीपक हत्याकांड को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। तकादे के लिए गए युवक की चोपन थाना क्षेत्र में हत्या कर, उसका शव दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के रजखड़ घाटी में फेंकने के चार दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। प्रकरण में चोपन पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट में न्यायालय में प्रेषित की थी।

एडीजे प्रथम की न्यायालय ने सुनाई सजा

अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने मंगलवार को इस प्रकरण की सुनवाई की और अधिवक्ताओं की तरफ से दी गई दलीलों, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर दोषसिद्ध पाया गया। अपराध की गंभीरता को देखते हुए दोषी पाए गए संतोष कुमार, राकेश कुमार उर्फ आजाद, जैनेन्द्र प्रजापति उर्फ पप्पू व रतन पासवान को उम्रकैद के साथ 27-27 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड अदा न करने की दशा में तीन-तीन माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया। प्रकरण के विचारण के दौरान दोषियों ने जेल में जो अवधि व्यतीत की होगी, उसे सजा में समाहित किया जाएगा।

लापता होने के दो दिन बाद बरामद हुआ था शव

अभियोजन कथानक के मुताबिक राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के नई बस्ती महाल निवासी अमरचंद्र जायसवाल पुत्र स्व. पन्नालाल जायसवाल ने 20 अगस्त 2009 को चोपन थाने पहुंचकर पुलिस को एक तहरीर सौंपी थी। इसके जरिए अवगत कराया था कि उसका पुत्र दीपक जायसवाल चोपन बाजार में तकादा का काम करता था। 17 अगस्त 2009 कीे शाम को वह डाला बाजार में तकादा करने के लिए गया था। उसके बाद से उसका पता नहीं चला। 18 अगस्त 2009 को इसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। 20 अगस्त को उसका शव दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के रजखड़ में पाया गया है। देखने से ऐसा लग रहा है कि उसके पुत्र की हत्या कर लाश रजखड़ ले जाकर फेंक दिया गया।

विवेचना के दौरान सामने आया था दोषियों का नाम

प्रकरण में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर पुलिस ने छानबीन शुरू की तो विवेचना के दौरान संतोष कुमार पुत्र राजेंद्र कुशवाहा निवासी नैटोलिया (कोटा), राकेश उर्फ आजाद पुत्र रामनाथ शाह निवासी डाला, जैनेंद्र प्रजापति उर्फ पप्पू पुत्र अर्जुन निवासी डाला और रतन पासवान पुत्र जगरनाथ निवासी डाला, थाना चोपन का नाम सामने आया। विवेचना के बाद पुलिस की तरफ से पर्याप्त सबूत मिलने का दावा करते हुए चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई। लगभग 15 साल तक प्रकरण की सुनवाई चली। सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों से चारों को दोषी पाया गया और उन्हें हत्या के अपराध के लिए उम्रकैद और अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी अधिवक्ता विनोद कुमार पाठक ने मामले में पैरवी की।

Ramkrishna Vajpei

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