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Sonbhadra News: जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दूसरे के नाम दर्ज कर दी जमीन, प्रधान, लेखपाल, सेक्रेट्री सहित पांच पर धोखाधड़ी का केस

Sonbhadra News: सच्चाई जानने के बाद पीड़ित ने संबंधित अफसरों के साथ ही, पुलिस से मदद की गुहार लगाई। कोई राहत न मिलने पर न्यायालय की शरण ली। वहां से दिए गए आदेश पर घोरावल थाने में संबंधित प्रधान, लेखपाल, सेक्रेट्री सहित पांच के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 31 Oct 2024 6:02 PM IST
A living person is declared dead and given the name of someone else Land was registered, case of fraud against five including Pradhan, Lekhpal, Secretary
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जिंदा व्यक्ति को मृत घोषित कर दूसरे के नाम दर्ज कर दी जमीन, प्रधान, लेखपाल, सेक्रेट्री सहित पांच पर धोखाधड़ी का केस: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: घोरावल कोतवाली क्षेत्र के मूर्तिया गांव में 75 वर्षीय बुजुर्ग को जिंदा रहते हुए जहां मृत दिखा दिया गया। वहीं, गांव के ही मां-बेटे को बुजुर्ग का वारिश दर्शाते हुए, वरासत के तौर पर, पीड़ित की पूरी जमीन उनके नाम दर्ज कर दी गई। सच्चाई जानने के बाद पीड़ित ने संबंधित अफसरों के साथ ही, पुलिस से मदद की गुहार लगाई। कोई राहत न मिलने पर न्यायालय की शरण ली। वहां से दिए गए आदेश पर घोरावल थाने में संबंधित प्रधान, लेखपाल, सेक्रेट्री सहित पांच के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज किया गया है।

यह है पूरा माजरा

घोरावल कोतवाली क्षेत्र के मूर्तिया गांव निवासी लालमनी ने गांव के ही जगनरायन पुत्र लालमनी और उसकी मां बड़की के साथ प्रधान बताए जा रहे गुड्डू, ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र कुमार, लेखपाल अरुण कुमार गुप्ता जिंदा होते ही मृत दिखाकर, जमीन हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया है। न्यायालय में दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि उसे मृत दिखाकर उसकी अराजी संख्या 119 पर गलत तरीके से जगनारायण और उसकी मां बड़की का नाम दर्ज कर दिया गया। जबकि उसका उनसे कोई लेना-देना नहीं है।

लोगों से मिली जानकारी, तब जांची खतौनी

पीड़ित के मुताबिक उसे लोगों के जरिए इसकी जानकारी तो हुई जमीन की खतौनी जंचवाई। सामने आई सच्चाई ने उसके होश उड़ाकर रख दिए। पीड़ित का कहना है कि जब उसनसे आरोपियों से जाकर इस पर बात की तो कहा गया कि गलती से ऐसा हो गया लेकिन इसके सुधार के लिए कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई। तब उसने इसकी जानकारी पुलिस के साथ ही, संबंधित विभागीय अधिकारियों को दी। मदद न मिलने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। घोरावल पुलिस के मुताबिक अदालत से मिले आदेश के क्रम में उक्त पांच आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की संबंधित धाराओं मंे केस दर्ज कर लिया गया है। प्रकरण की छानबीन जारी है।

कार्रवाई न होने से बढ़ते जा रहे ऐसे मामले

इसी तरह, पेंशन सत्यापन में भी कई जिंदा व्यक्तियों को मृत दर्शा दिया जा रहा है। इसके बाद पीड़ित ब्लाक से लेकर जिले तक चक्कर लगा रहे हैं। संबंधित अफसर पत्र जारी कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ ले रहे हैं। मृत बताए गए जिंदा व्यक्ति को रिकर्ड में जिंदा किया गया कि नहीं, इसके लिए कौन जवाबदेह हैं, किसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए, इसको लेकर कोई कार्रवाई अमल में नहीं आ रही है। इसके चलते आए दिन जिंदा व्यक्तियों को मृत दिखाने का मामला सामने आता रहता है।



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Shashi kant gautam

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