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Sonbhadra News : हत्या के दोषी पति को आजीवन कारावास, नकदी-सोने की चेन न मिलने पर किया था पत्नी का कत्ल, गुड्डी हत्याकांड में आया फैसला

Sonbhadra News: कोतवाली क्षेत्र में 10 वर्ष पूर्व दहेज के लिए की गई पत्नी की हत्या के मामले में, दोषी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 21 हजार अर्थदंड लगाने के साथ ही, इसकी अदायगी न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 March 2025 7:57 PM IST
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Sonbhadra News : राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र में 10 वर्ष पूर्व दहेज के लिए की गई पत्नी की हत्या के मामले में, दोषी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 21 हजार अर्थदंड लगाने के साथ ही, इसकी अदायगी न करने पर छह माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया है। प्रकरण की अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी/ सीएडब्लू, सोनभद्र अर्चना रानी की अदालत ने वृहस्पतिवार को सुनवाई की। इस दौरान अधिवक्ताओं की तरफ से पेश की गई दलीलों, पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों और गवाहों की तरफ से परीक्षित कराए गए बयानों के आधार पर पति पति बालेश्वर को दहेज हत्या का दोषी पाया गया। वारदात की गंभीरता को देखते हुए आजीवन कठोर कारावास और 21 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड की अदायगी न करने की दशा में 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतने के लिए कहा गया।

प्रकरण में कोर्ट के हस्तक्षेप पर पुलिस ने दर्ज किया था केस

दहेज हत्या के इस प्रकरण की एफआईआर न्यायालय के हस्तक्षेप पर दो मई 2015 को दर्ज की गई थी। शिवशंकर विश्वकर्मा पुत्र बुद्धू निवासी नरोखर, थाना रामपुर बरकोनिया ने न्यायालय में दिए गए प्रार्थना पत्र के जरिए आरोप लगाया था कि उन्होंने अपनी पुत्री गुड्डी की शादी घटना के लगभग एक वर्ष पूर्व बालेश्वर पुत्र रामसागर निवासी नईबाजार, थाना रॉबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र के साथ की थी। सामर्थ्य के मुताबिक उपहार व गृहस्थी से जुड़ा अन्य सामान दिया था। आरोप लगाया था कि इसके बावजूद नउनकी पुत्री को दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। दहेज में 50 हजार रुपये और सोने के चेन की मांग की जा रही थी। मृतका के पिता ने पति बालेश्वर, ससुर रामसागर, और देवर सुभाष पर लगातार प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया था। कहा था कि 26 सितंबर 2014 को सूचना मिली कि उसकी पुत्री गुड्डी की मौत हो गई है। जब वह बेटी के ससुराल गए तो देखा कि लाश पड़ी थी।

इनके-इनके खिलाफ दर्ज किया गया था केस

प्रकरण में पुलिस ने पति, ससुर और देवर के खिलाफ केस दर्ज कर प्रकरण की छानबीन की और मामले में पति बालेश्वर तथा देवर को आरोपी ठहराते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की। सुनवाई के दौरान सामने आए तथ्यों और पत्रावली में उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों पर पति बालेश्वर को दहेज उत्पीड़न और हत्या का दोषी पाया गया। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक मामले में पति बालेश्वर को धारा 498ए आईपीसी के अपराध के लिए तीन वर्ष का कठोर कारावास व एक हजार रुपये का अर्थदंड तथा धारा 302 आईपीसी के अपराध के लिए आजीवन कारावास और 20 हजार का अर्थदंड लगाया गया। दोनों सजा साथ-साथ चलेगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रकरण की पैरवी सरकारी अधिवक्ता सत्यप्रकाश त्रिपाठी की तरफ से की गई। मामले में देवर सुबाष के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाया गया। इसलिए न्यायालय ने उसे बरी कर दिया।

Ramkrishna Vajpei

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