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Sonbhadra News: न्यायालय की फर्जी रसीदों के जरिए वाहनों को छुड़ाने के मामले में पहली गिरफ्तारी, फर्जी रसीद तैयार करने वाला दबोचा गया
Sonbhadra News: परिवहन महकमे और खनन विभाग की तरफ से चलाए गए संयुक्त अभियान में पकड़े गए बगैर परमिट, ओवरलोड वाहनों को न्यायालय के फर्जी रसीदों के जरिए छुड़ाने के मामले में गिरफ्तारी का दौर शुरू हो गया है।
Sonbhadra News: परिवहन महकमे और खनन विभाग की तरफ से चलाए गए संयुक्त अभियान में पकड़े गए बगैर परमिट, ओवरलोड वाहनों को न्यायालय के फर्जी रसीदों के जरिए छुड़ाने के मामले में गिरफ्तारी का दौर शुरू हो गया है। राबर्ट्सगंज कोतवाली में दर्ज मामले को लेकर बुधवार को क्राइम ब्रांच की तरफ से पहली गिरफ्तारी की गई तो इससे जुड़़े लोगों में हडकंप मच गया। हत्थे चढ़ा व्यक्ति विभाग से बाहर का बताया जा रहा है। उस पर न्यायालय की फर्जी रसीदें तैयार करने का आरोप है। कहा जा रहा है कि जल्द ही और भी गिरफ्तारियां की जा सकती हैं, जिसमें विभागीय स्तर पर भी कुछ नाम सामने आ सकते हैं।
बताते चलें कि सीजेएम कार्यालय में तैनात सुरेश मिश्रा की तरफ से राबटर्सगंज कोतवाली में गत अप्रैल माह में न्यायालय की फर्जी तथा कूटरचित रसीदों के जरिए लगभग तीन सौ वाहनों को छुड़ाए जाने के मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने अज्ञात वाहन स्वामियों एवं अन्य के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468, 471 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की थी। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए मामले की विवेचना क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। विवेचना के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर इसमें 120बी आईपीसी की बढोत्तरी की गई। क्राइम ब्रांच की तरफ से इंस्पेक्टर रामकुंवर यादव इस मामले की विवेचना कर रहे थे। करीब आठ माह की विवेचना और इससे जुड़े लोगों के बयान आदि दर्ज करने के बाद, बुधवार को पहली गिरफ्तारी सामने आई तो हड़कंप मच गया।
फर्जी रसीद तैयार करने वाले की हुई गिरफ्तारी
पुलिस प्रवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक इंस्पेक्टर रामकुंवर यादव की अगुवाई वाली टीम ने बुधवार को, इस मामले में वांछित पाए गए विजेंद्र कुमार उर्फ गुड्डू पटेल पुत्र स्व. दामोदर सिंह निवासी अरौली, चुर्क को गिरफ्तार किया गया है। उस पर आरटीओ कार्यालय में फर्जी रसीद तैयार करने का आरोप है। बताते चलें कि एआरटीओ कार्यालय में पहले भी बाहरी लोगों से काम कराए जाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं। इसको लेकर विभागीय अधिकारियों-कर्मियों की भूमिका पर भी सवाल उठते रहे हैं।
बगैर सत्यापन प्रक्रिया, फर्जी रसीदों का आधार बना छोडे गए वाहन
पहले विभागीय स्तर पर फर्जी रिलीज आर्डर मामले में विभागीय और बाहरी दोनों की संलिप्तता पाए जाने का खुलासा हुआ । अब न्यायालय की फर्जी रसीद तैयार करने के मामले में भी बाहरी व्यक्ति द्वारा फर्जी रसीद तैयार करने और उसको आधार बनाते हुए विभाग की तरफ से बगैर किसी सत्यापन प्रक्रिया के वाहन छोड़े़ जाने का मामला सामने आया है। इसको देखते हुए, इस मामले में भी परिवहन महकमे के लोगों पर शिकंजा कसने की संभावना जताई जाने लगी है।
कोराना बंदी-अवकाश की तिथियों पर तैयार रसीदें भी हुईं इस्तेमाल
दिलचस्प मामला यह है कि इस मामले में वाहनों को छोड़ने के लिए न्यायालय के नाम पर उन तिथियों में भी तैयार की गई फर्जी रसीदें इस्तेमाल हुईं, जो या तो कोराना बंदी की तिथियों में तैयार दिखाई गईं या अवकाश के दिनों या फिर जिस दिन संबंधित न्यायालय में पीठासीन अधिकारी अवकाश पर रहे हों, बावजूद जिस तरह से, इन रसीदों को आधार बनाकर वाहनों का रिलीज आर्डर जारी किया गया, उसने परिवहन महकमे की, वाहन छोड़े जाने की प्रक्रिया और उससे जुडे सभी लोगों की कार्यशैली पर सवाल उठा दिया है। हालांकि इस मामले में अभी तक किसको-किसको आरोपी पाया जा चुका है, इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। बुधवार को पहली गिरफ्तारी को देखते हुए, उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इससे जुड़े कुछ और चेहरे भी लोगों के सामने होंगे।