Sonbhadra News: पूर्व जिला पंचायत सदस्य का जाति प्रमाणपत्र निरस्त, पाल बिरादरी के सुभाष बन गए थे धनगर

Sonbhadra News: प्रकरण को लेकर स्थानीय स्तर पर जांच कराई गई। स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए बयान के आधार पर पाया गया कि सुभाष पाल की जाति गड़ेरिया (पिछड़ी वर्ग) है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 2 Sep 2024 1:32 PM GMT
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: चोपन अंचल के कोटा क्षेत्र से पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रहे सुभाष पाल का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने स्वयं को धनगर (अनुसूचित) बिरादरी का बताते हुए, जाति प्रमाण पत्र हासिल किया था। डीएम बद्रीनाथ सिंह की अगुवाई वाली जिला स्तरीय स्क्रूटनी कमेटी की तरफ से कराए गए मामले के परीक्षण और की गई जांच में उन्हें धनगर की बजाय, पाल बिरादरी यानी अनुसूचित की जगह पिछड़ा वर्ग का पाया गया। इसके आधार पर जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया गया है।

हाईकोर्ट के आदेश पर जिला स्क्रूटनी कमेटी ने की थी सुनवाई

कोटा डाला बाजार निवासी सुभाष पाल पुत्र रागराज पाल ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि 25 फरवरी 2019 की आख्या के क्रम में सुभाष पाल के नाम तहसीलदार स्तर से धनगर जाति (अनुसूचित जाति) का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया था जिसे बगैर सुनवाई का मौका दिए, तहसीलदार स्तर से ही 12 अप्रैल 2021 को निरस्त कर दिया गया। इस पर हाईकोर्ट ने 17 फरवरी 2023 को डीएम की अध्यक्षता वाली जिला स्क्रूटनी कमेटी को मामले का गुणावगुण के आधार पर, सुनवाई का अवसर देते हुए प्रकरण का निस्तारण करने का आदेश दिया गया।

ऐसे पकड़ में आया पूरा मामला

प्रकरण को लेकर स्थानीय स्तर पर जांच कराई गई। स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए बयान के आधार पर पाया गया कि सुभाष पाल की जाति गड़ेरिया (पिछड़ी वर्ग) है। राबटर्सगंज के अमिरती कालोनी में क्रय की गई जमीन में भी सुभाष को गड़ेरिया (पाल) अंकित पाया गया। कोटा गांव में विक्रय की गई जमीन में भी पिछड़ी जाति अंकित मिली। राजस्व अभिलेख 1359 फसली एवं नागरिक रजिस्टर की भी जांच में पिछड़ी जाति की ही पुष्टि हुई। तहसीलदार ओबरा की तरफ से अभिलेखीय और स्थलीय सत्यापन में भी, सुभाष पाल को पिछड़ी जाति की होने की पुष्टि की गई। रिश्तेदारी के संबंधों के जरिए भी, अनुसूचित की बजाय पिछड़ा वर्ग होने की बात पर मुहर लगाई गई। जिला स्तरीय स्कूटनी कमेटी की तरफ से दिए गए निष्कर्ष को दृष्टिगत रखते हुए डीएम की तरफ से जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया है। डीएम बीएन सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट की तरफ से आए आदेश क्रम में, मामले के परीक्षण में जो स्थितियां सामने आईं, उसके अनुरूप निर्णय लिया गया है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

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मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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