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Sonbhadra News : केंद्रा और राज्य कर्मी ने पुरानी पेंशन को लेकर मांग की तेज, पीएम-सीएम को भेजा पत्रक
Sonbhadra News : कहा कि जल्द ही इसको लेकर सरकार की ओर से ठोस पहल सामने नहीं आई तो, लोस चुनाव के चलते स्थगित किए गए चरणवार आंदोलन की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जाएगी
Sonbhadra News: लोकसभा निर्वाचन के बाद एक बार फिर से केंद्रीय और राज्यकर्मियों की तरफ से पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज हो गई है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के बैनर तले मंगलवार को पुरानी पेंशन पुरानी पेंशन बहाल किए जाने की मांग उठाई। इसको लेकर चल रहे आंदोलन की रणनीति बनाने के साथ ही, पीएम-सीएम और केंद्रीय मंत्री को संबोेधित ज्ञापन भी उपजिलाधिकारी कलेक्ट्रेट को सौंपा। कहा कि जल्द ही इसको लेकर सरकार की ओर से ठोस पहल सामने नहीं आई तो, लोस चुनाव के चलते स्थगित किए गए चरणवार आंदोलन की प्रक्रिया तेजी से शुरू की जाएगी।
राज्य कर्मचारी के संयुक्त परिषद के मंडल मंत्री अमरेश पाठक, जिलाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी, मंत्री मु. सलाहुद्दीन, इंजीनियर संघ अध्यक्ष संतोष सिंह, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष मनोज दूबे, अमीन संघ के मंत्री प्रेमनाथ, अजय पाठक, सुनील सिंह, रामवृक्ष यादव आदि का कहना था कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन को मजबूती देने के लिए सात जनवरी 2023 को पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच का गठन किया गया था। इसमें राज्य कर्मियों के साथ ही केंद्रीय कर्मियों और शिक्षकों ने प्रमुखता से सहभागिता निभाई थी। चरणवार आंदोलन के साथ ही, पूरे प्रदेश में पेंशन रथ यात्रा के जरिए आवाज उठाई गई थी। बावजूद कोई पहल न होती देख एक मई 2024 से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया गया था। लोकसभा चुनाव को देखते हुए, बाद में हड़ताल के निर्णय को स्थगित कर दिया गया था लेकिन अब तक न तो केंद्र सरकार न ही राज्य सरकार की तरफ से पुरानी पेंशन को लेकर कोई पहल सामने आई है। इसको देखते हुए संगठन ने आंदोलन को तेजी देने का निर्णय लिया है।
- कर्मियों की तरफ से इस बात की उठाई जा रही मांग:
कर्मियों का कहना था कि केंद्रीय कर्मियों के लिए एक जनवरी 2004 और यूपी के कर्मचारियों व शिक्षकों के लिए एक अप्रैल, 2005 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना को समाप्त कर, पूर्वपरिभाषित सुनिश्चित लाभ वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने की मांग उठाई जा रही है। अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर जल्द पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली को लेकर पहल नहीं की गई तो संगठन हड़ताल का रास्ता अपनाने के लिए बाध्य होगा।