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Sonbhadra News: मुनाफे के लालच की भेंट चढ़ी सप्ताह भर में दूसरी महिला, मजिस्ट्रेटी जांच और अस्पताल सील करने की मांग
Sonbhadra News: चिकित्सा विशेषज्ञों की अस्पतालों की फाइलों में ही कथित डिग्री लगाकर संचालित हो रहे अस्पतालों और उपचार में लापरवाही के चलते होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।
Sonbhadra News: चिकित्सा विशेषज्ञों की अस्पतालों की फाइलों में ही कथित डिग्री लगाकर संचालित हो रहे अस्पतालों और उपचार में लापरवाही के चलते होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। महज जिला मुख्यालय पर ही, दो अस्पतालों में सप्ताह भर के भीतर उपचार के लिए पहुंची दो महिलाओं की हालत अचानक बिगड़ने और अच्छी खासी रकम खर्च करने के बाद भी, उनकी मौत हो जाने के मामले ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है।
ऐसे मामलों में पीड़ित पक्ष से समझौता होने की बात कहकर जांच की फाइलें बंद भी कर दी जा रही है। लेकिन ऐसे अस्पतालों में मनमानी करने की छूट कौन और किस व्यवस्था के तहत दी जा रही, यह एक ऐसा सवाल जो पूरे तंत्र को मुंह चिढ़ाए हुए है।
वहीं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष धर्मवीर तिवारी की तरफ से मौतों की मजिस्ट्रेटी जांच, संबंधित अस्पताल को सील करने के साथ ही, जुगाड़ सिस्टम से संचालित हो रहे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई गई है।
पंचशील को लेकर पहले भी मिल चुकी हैं शिकायतें
जिला मुख्यालय स्थित पंचशील हास्पीटल संचालन के समय से ही खासा सुर्खियों में है। करमा क्षेत्र की एक महिला से ऑपरेशन के नाम पर अच्छी-खासी रकम ऐंठने, हालत सीरियस होने पर वाराणसी ले जाने और मौत के बाद बगैर पीएम के ही शव का दाह-संस्कार कराए जाने के मसले को लेकर खासा हंगामा हुआ था। कुछ दिन पूर्व राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बेठिगांव निवासी एक विवाहिता की संदिग्ध मौत को लेकर भी उपचार व्यवस्था पर सवाल उठे थे।
संस्थागत प्रसव की सुविधा के बाद भी प्राइवेट अस्पताल क्यों पड़ रहे भारी?
जिला मुख्यालय पर संस्थागत प्रसव की बेहतर सुविधा हो, इसके लिए राबटर्सगंज शहर, जिला अस्पताल में प्रसव केंद्र की सुविधा के साथ ही, जिला अस्पताल परिसर में 100 बेड का जच्चा-बच्चा अस्पताल संचालित किया जा रहा है। बावजूद बिचौलियों के जरिए, जिला अस्पताल, जच्चा-बच्चा केंद्र पहुंचने वाली महिलाओं को निजी अस्पताल पहुंचाने की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले महीनों में पन्नूगंज रोड स्थित कथित कृधा सहित अन्य हास्पीटलों को लेकर सवाल उठे थे। एक मामले में आशा की तरफ से बिचौलियागिरी का आरोप लगाते हुए, एक डॉक्टर के खिलाफ, पीड़ित पक्ष की ओर से केस भी दर्ज कराया गया था। स्थिति को देखते हुए जहां स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक कम संस्थागत प्रसव पर नाराजगी जता चुके हैं। वहीं, डीएम भी लगातार हिदायतें देते चले आ रहे हैं। बावजूद हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे।
डीएम की सख्ती के बाद भी जांच में उलझी सनराइज की थ्योरीः
ताजा घटना के चंद दिन पूर्व जिला मुख्यालय पर हाइवे किनारे स्थित सनराइज हास्पीटल को लेकर भी अजीबोगरीब थ्योरी सामने आया थी। आरोप था कि वहां उपचार के लिए पहुंची एक महिला की हालत अचानक काफी बिगड़ गई। आयुष्मान कार्ड से उपचार का झांसा देकर वाराणसी भेजा गया। वहां भर्ती होने के बाद डेढ़ लाख वसूल लिए गए। बावजूद महिला की मौत हो गई। ..और पैसे की मांग करते हुए घंटों डेडबाडी रोके रखी गई। डीएम चंद्रविजय सिंह ने हस्तक्षेप किया, तब डेडबाडी मिली। वाराणसी में मौत का हवाला देते हुए राबटर्सगंज कोतवाली पुलिस ने पीएम में असमर्थता जताई तो डीएम ने निर्देश देकर पीएम कराया। पुलिस और स्वास्थ्य महकमे से पीड़ितों ने कार्रवाई की गुहार भी लगाई लेकिन अभी भी मामला जांच की थ्योरी में उलझा हुआ है।
तेजी से खुलते हास्पीटल और रजिस्ट्रेशन की हो जांच: धर्मवीर
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तिवारी ने डीएम से मांग की है कि जिले में तेजी से खुलते अस्पताल और उनके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया और अस्पतालों के संचालन की जांच कराते हुए कार्रवाई की जाए। सवाल उठाते हुए कहा कि हर तरह की बीमारी और हर तरह का ऑपरेशन का दावा करने वाले अस्पतालों का आसानी से रजिस्ट्रेशन कैसे हो जा रहा है? इसकी जांच की जानी चाहिए।
स्वास्थ्य के मसले पर लारवाही को लेकर कराई जाएगी कार्रवाई: विधायक
सदर विधायक भूपेश चौबे ने कहा कि स्वास्थ्य के बिंदु को लेकर इस जनपद में कुछ कुछ लापरवाहियां दिख रही हैं। इसको लेकर सख्ती दिखाई जाएगी। स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति जो भी लापरवाही बरतेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कराई जाएगी।
पंचशील-सनराइज दोनों की कराई जा रही जांचः सीएमओ
सीएमओ डा. अश्वनी कुमार ने पंचशील मामले के लिए जांच कमेटी गठित करने की जानकारी देते हुए बताया कि सनराइज हास्पीटल को लेकर भी मिली शिकायत में जांच के निर्देश दिए गए हैं। रिपोर्ट मिलते ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।