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Sonbhadra News: 17 वर्षीय किशोरी को दूसरी बार बालिका वधू बनाने की चल रही थी तैयारी, धमकी बाल संरक्षण की टीम तो मच गई अफरातफरी
Sonbhadra News: बाल संरक्षण टीम के सक्रियता ने महज 17 वर्ष की उम्र में एक किशोरी को, दूसरी बार बालिका वधू बनने से बचा लिया। पीड़िता को लाकर बाल गृह बालिका में आवासित करा दिया गया है। उसके साथ उसके 5 माह के बच्चे को भी बाल गृह में आवासित कराया गया है। सोमवार को पीड़िता की काउंसलिंग कर आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
Sonbhadra News: बाल संरक्षण टीम के सक्रियता ने महज 17 वर्ष की उम्र में एक किशोरी को, दूसरी बार बालिका वधू बनने से बचा लिया। पीड़िता को लाकर बाल गृह बालिका में आवासित करा दिया गया है। उसके साथ उसके 5 माह के बच्चे को भी बाल गृह में आवासित कराया गया है। सोमवार को पीड़िता की काउंसलिंग कर आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
बाल संरक्षण इकाई को रविवार की दोपहर सूचना मिली कि राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी एक लड़की को, महज 17 वर्ष की उम्र में दूसरी बार बालिका वधू बनने की तैयारी चल रही है। उसकी शादी कोतवाली क्षेत्र के ही एक 40 वर्ष के व्यक्ति से तय की गई है। पीड़िता की नाबालिग उम्र में 2 साल पहले भी शादी कराई गई थी जिससे उसे 5 माह का एक बच्चा भी है। मिली सूचना का संज्ञान लेते हुए । जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुधांशु शेखर शर्मा की तरफ से जिला बाल संरक्षण इकाई से संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक, सामाजिक कार्यकर्ता आकांक्षा उपाध्याय, ओआर डब्ल्यू शेषमणि दुबे की संयुक्त टीम गठित कर मौके पर पहुंचने और आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया।
बाल विवाह कानून
इसके बाद टीम ने तत्काल थाना राबर्ट्सगंज से संपर्क साधा। यहां से उप निरीक्षक विनोद यादव और महिला आरक्षी दीक्षा पांडेय की मौजूदगी वाली टीम बाल संरक्षण इकाई के टीम के साथ मौके पर पहुंची। पहुंची टीम ने देखा कि शादी की तैयारी चल रही थी। लोगों से जरूरी जानकारी लेने के बाद पीड़िता के माता पिता से बालिका के शादी किये जाने और इसकी उम्र के संबंध में पूछताछ किया गया उम्र के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं प्रस्तुत किया गया।
अलबत्ता यह बताया गया कि लगभग दो साल पहले उसकी शादी करवाई गई थी लेकिन अब उसके पति ने छोड़ दिया है। उसको पांच माह का लड़का भी है। इसीलिए उसकी दूसरी शादी कराई जा रही थी। बाल विवाह कानून अपराध बताते हुए पिता को विधिक अभिरक्षा में लेकर जिला मुख्यालय लाया गया । बाल कल्याण समिति से डायरेक्शन लेने के बाद पिता को उसके बेटे सहित बाल गृह बालिका में आवासित कराया गया।
ओआरडब्ल्यू शेषमणि दुबे ने बताया कि पाँच माह का पुत्र भी नाबालिग के साथ है। उसकी काउअंसलिग के उपरांत नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, संरक्षण अधिकारी रोमी पाठक ने लोगों से अपील की कि यदि कहीं बाल विवाह, बाल तस्करी संबधित सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल सूचना संबंधित थाने, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई या चाइल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1098 पर दें ताकि नाबालिग बालिकाओं को बाल वधू बनाने, बाल तस्करी पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।