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Sonbhadra News: पांच राज्यों की लाइफलाइन में गड्ढे ही गड्ढे, जर्जर मुख्य मार्गों की बेहतरी का दावा सिर्फ कागजों पर
Sonbhadra News: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ बिहार और झारखंड के लिए लाइफलाइन का दर्जा रखने वाले हाइवे के साथ ही मुख्य मार्गों पर बने गड्ढे न केवल विकास की रफ्तार में रोड़े बने हुए हैं बल्कि यह जानलेवा हादसों का प्रमुख कारक बने हुए है।
Sonbhadra News: प्रदेश के विकास की धुरी का दर्जा रखने वाले सोनभद्र में विकास की हालत देखनी हो तो एक बार यहां से गुजरे एनएच और एसएच का सफर कर लिजिए..। यूपी के साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ बिहार और झारखंड के लिए लाइफलाइन का दर्जा रखने वाले हाइवे के साथ ही मुख्य मार्गों पर बने गड्ढे न केवल विकास की रफ्तार में रोड़े बने हुए हैं बल्कि यह प्रदूषण के साथ ही, जिले के प्रमुख मार्गों पर आए दिन होने वाले जानलेवा हादसों का प्रमुख कारक बने हुए है। दिलचस्प मसला यह है कि सरकार के गड्ढामुक्ति के दावों के बीच विभागीय अफसर भी कागजों पर सब कुछ चकाचक दिखाने-बताने में जुटे हुए हैं। बातचीत में इसका दावा भी किया जा रहा है। वहीं मौके की हकीकत देखने पर स्थिति कुछ और ही नजर आ रही है।
झारखंड से सटे जिले के विंढमगंज से लेकर, मध्यप्रदेश के सिंगरौली सटे अनपरा क्षेत्र के दुल्लापाथर तक 100 किमी से अधिक दूरी तय करने वाला रीवा-रांची राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगह गड्ढों में तब्दील होकर आए दिन अनपरा-मुर्धवा मोड़ के बीच लगने वाले भीषण जाम और हादसों का कारक बना हुआ है। दुद्धी में जहां लौवा नदी के पास एनएच गड्ढों में तब्दील होकर रह गया है। वहीं, रेणुकूट में मुर्धवा मोड़ से लेकर नगर पंचायत कार्यालय के बीच बने गड्ढे आवागमन में दुश्वारी-हादसों का कारण बने हुए हैं। अनपरा में डिबुलगंज से लेकर काशी मोड़ होते हुए औड़ी मोड तक की सड़क पर बने बड़े-बड़े गड्ढे खौफनाक शक्ल अख्तियार कर चुके हैं।
इसी तरह, वाराणसी-शक्तिनगर पर भी आवागमन दुश्वारी भरा साबित हो रहा है। सुकृत से लेकर हाथीनाला के बीच हर दिन वाहनों से भारी भरकम टोल टैक्स वसूले जाने के बावजूद, सड़़़क पर जगह-जगह गहरी लकीरें, मारकुंडी घाटी, उरमौरा, मारकुंडी, सलखन बाजार, चोपन, डाला, राबटर्सगंज के चंडी तिराहा से हिंदुआरी के बीच वाली एरिया के साथ ही कई जगह सड़क की उबड-खाबड़ स्थिति, ब्रेकरों के खराब हालत, आवागमन में दुश्वारी के साथ हादसे का बड़ा कारण बनी हुई है।
वहीं, वाराणसी-शक्तिनगर राजमार्ग का अनपरा से शक्तिनगर के बीच का हिस्सा, जिस पर एनजीटी के निर्देश पर सवा सौ करोड़ से अधिक की रकम खर्च की जा चुकी है। बावजूद अनपरा के रेणुसागर मोड़, शक्तिनगर के खड़िया इलाका, रेलवे पुलिया के पास नजर आते गड्ढे आवागमन में दुश्वारी का सबब बनने के साथ ही, ओवरलोड कोयला और राख के परिवहन के साथ ही फैलते प्रदूषण, आए दिन लगते भीषण जाम, होते जानलेवा हादसों ने, खौफ की स्थिति के साथ ही, इस इलाके के रहवासियों के लिए नारकीय स्थिति बनाकर रख दी है।
इन सड़कों की हालत भी बनी हुई है बदतर
सिर्फ हाइवे ही नहीं, मुख्य मार्गों की भी हालत खराब है। तेलगुड़वा-कोन-खरौंधी मार्ग, कोन-विंढमगंज मार्ग, पटवध के वसकटवा मोड़ से वसुहारी यानी बिहार बार्डर के लिए गई सड़क की हालत लंबे समय से खराब बनी हुई है। इन सड़कों की हालत कई जगह ऐसी है कि छोटे चक्के वाले वाहनों ने, वहां से गुजरना ही बंद कर दिया है। इसी तरह चोपन से सिंदुरिया, अगोरी होते हुए कुड़ारी यानी मध्यप्रदेश की सीमा तक के लिए गई सड़क भी कई जगह से क्षतिग्रस्त पड़ी है।
ठेकेदार को दिए जा चुके हैं कड़े निर्देश: जेई
एनएच के सोनभद्र वाले हिस्से की निगरानी का जिम्मा संभालते वाले जेइ्र शैलेष यादव ने बताया कि सड़क निर्माण करने वाले ठेकेदार को सड़क को गड्ढामुक्त बनाए रखने के लिए कडे निर्देश दिए जा चुके हैं। जहां-जहां गड्ढे बताए जा रहा हैं, वहां का निरीक्षण कर, ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
गड्ढों से दिलाई जा चुका है निजात: एक्सईएन
अनपरा के औड़ी मोड़ से शक्तिनगर के लिए गए एसएच पर गड्ढों के सवाल पर एक्सईएन निर्माण खंड अनिल कुमार ने कहा कि जो भी गड्ढे तो उसे गिट्टी से भरवाया जा चुका है। जल्द ही उस पर पिचिंग की भी कार्रवाई कराई जाएगी। अभी भी गड्ढे मौजूद हैं.. के मसले पर कहा कि उनकी जानकारी में ऐसा नहीं है। वहीं, तेलगुड़वा-कोन मार्ग के बारे में जानकारी के लिए एक्सईएन निर्माण खंड-दो गोविंद यादव से संपर्क किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए।