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Sonbhadra News: पश्चिम बंगाल से चंदासी जा रहा कोयला पहुंच गया सोनभद्र, ट्रकों पर लदा मिला काला पत्थर

Sonbhadra News: ट्रकों को कोयला लेकर पश्चिम बंगाल से चंदौली के चंदासी के लिए भेजा गया लेकिन ट्रकें चंदासी की जगह, सोनभद्र के सलईबनवा उस जगह पहुंच गई, जहां से एनसीएल आदि कंपनियों से कोयला लाकर रेलवे रैक के जरिए विभिन्न राज्यों में वैध तरीके से भेजे जाने का दावा किया जाता है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 25 Aug 2023 3:54 PM GMT

Sonbhadra News: सलईबनवा रेलवे साइडिंग पर प्रशासनिक छापेमारी के 48 घंटे बाद हैरान कर देने वाला खुलासा सामने आया है। डीएम के निर्देश पर मामले की जांच में लगी टीम को जहां चौंकाने वाली कई जानकारियां मिलने की बात सामने आ रही है। वहीं, पश्चिम बंगाल से चंदासी के लिए कोयला लेकर रवाना की गई ट्रकें सोनभद्र कैसे पहुंच गईं? इसने हर किसी का माथा चकराकर रख दिया है।

एक बड़े कोल स्कैम की भी चर्चा शुरू

मामला खासा हाईप्रोफाइल होने और प्रकरण कोयला जैसे महत्वपूर्ण खनिज से जुड़े होने के कारण अभी इस मामले की जांच में जुटे अफसर खुलकर कुछ भी कहने से कतरा रहे हैं। लेकिन जिस तरह की बातें छनकर सामने आ रही हैं और दबी जुबान जिस तरह से जांच में एक-एक कर चीजें मिलने की बात स्वीकार की जा रही है, उससे, एक बड़े कोल स्कैम की भी चर्चा शुरू हो गई है।

कोयले में मिलावट कर विभिन्न राज्यों के लिए आपूर्ति

बताया जा रहा है कि एसडीएम की छापेमारी के दौरान जिन 53 ट्रकों के पकड़े जाने की बात सामने आई थी, उसमें 18 ट्रकों का सीधा जुड़ाव कोयला परिवहन से बताया जा रहा है। बताते हैं कि ऑन द पेपर इन ट्रकों को कोयला लेकर पश्चिम बंगाल से चंदौली के चंदासी के लिए भेजा गया लेकिन ट्रकें चंदासी की जगह, सोनभद्र के सलईबनवा उस जगह पहुंच गई, जहां से एनसीएल आदि कंपनियों से कोयला लाकर रेलवे रैक के जरिए विभिन्न राज्यों में वैध तरीके से भेजे जाने का दावा किया जाता है। एक तरफ जिले में किसी रेलवे साइडिंग पर कोल डंपिंग के लिए किसी तरह का लाइसेंस जारी न किए जाने का दावा किया जाता है, वहीं मौक पर एक दो नहीं सैकड़ों टन कोयला डंप पाया गया।

वहीं, जिन 18 ट्रकों को चंदौली के चंदासी जाने की बजाय सोनभद्र पहुंचने की बात सामने आई हैं, उसमें दो ट्रकों में डोलो चारकोल, चार में बगैर फिल्टर कोयला, एक में कोयले का डस्ट, 11 ट्रकों पर काला पत्थर (लो ग्रेड कोयला) लदे होने की बात ने, जांच में लगे अधिकारियों को भी चौंका कर रख दिया है। कहा जा रहा है कि इसकी, यहां उच्च गुणवत्ता वाले कोयले में मिलावट कर विभिन्न राज्यों के लिए आपूर्ति किया जाना था। फिलहाल सच्चाई क्या है, इसकी जांच में प्रशासनिक टीम जुटी हुई है। वहीं, 18 ट्रकों को लेकर एफआईआर दर्ज कराने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

मौके पर पहुंची एनसीएल की टीम

हालांकि अभी तक मौके पर पहले से डंप पड़े कोयले में किसी तरह की मिलावट की बात सामने आई है। प्रशासन की तरफ से भेजे गए पत्र पर देर शाम एनसीएल की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंच भी गई। देर रात तक ट्रकों पर लदे कोयले और कोयले सरीखे पदार्थों के साथ ही, पहले से डंप कोयले की भी सैंपलिंग की गई। बताया गया कि एनसीएल की तरफ से उठाए गए सैंपल की लैब में जांच की जाएगी। अगर डंप पड़े कोयले में किसी तरह के मिलावट की बात सामने आती है तो संबंधित ट्रांसपोर्टर के खिलाफ एनसीएल की तरफ से भी कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

जांच के लिए कई सैंपल

उधर, एडीएम न्यायिक सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि ट्रक चालकों के पास से जो कागजात मिले हैं, उसके मुताबिक ट्रक पश्चिम बंगाल से चंदासी जा रहे थे। वह चंदासी जाने की बजाय सोनभद्र कैसे पहुंच गए, इसकी जांच कराई जा रही है। वहीं, एसडीएम प्रभाकर सिंह ने बताया कि ट्रकों के संबंध में माइंस विभाग से एफआईआर के लिए तहरीर मांगी गई है। जैसे ही, तहरीर आते है, वैसे ही मामले में एफआईआर दर्ज करवा दी जाएगी।

महज वर्ष भर बाद दूसरे बड़े मामले ने मचाया हड़कंप

बताते चलें कि पिछले वर्ष जुलाई माह में डीएम चंद्रविजय सिंह के निर्देश पर प्रशासनिक टीम ने कृष्णशिला रेलवे साइडिंग के पास तीन मिलियन टन कोयले के अनियमित भंडारण का खुलासा कर हड़कंप मचा दिया था। एनजीटी की तरफ से, इसको लेकर संबंधितों पर करोड़ों का जुर्माना लगाने के साथ ही, कई निर्देश दिए गए थे। अभी उस वाकए को बमुश्किल एक वर्ष बीते थे, कि उसी से मिलता-जुलता दूसरा बड़ा मामला आने के बाद, बड़े स्तर पर हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

Kaushlendra Pandey

Kaushlendra Pandey

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