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Sonbhadra News: सात साल पुराने भारी वाहनों पर पाबंदी से भड़के कोयला ट्रांसपोर्टर, प्रदर्शन कर कहा-नहीं झेलेंगे राखड़ की ओवरलोडिंग का दंश, जारी निर्देश हो वापस
Sonbhadra News: भीषण जाम पर रोक लगाने के लिए, डीएम की तरफ से सात साल पुराने वाहनों से एनटीपीसी-एनसीएल क्षेत्र में परिवहन पर लगाई गई रोक पर, कोयला परिवहन से जुड़े ट्रांसपोर्टरों ने कड़ा विरोध जताया है।
Sonbhadra News: रेणुकूट से अनपरा के बीच ओवरलोडिंग के चलते जहां-तहां सड़क के बीच खराब होकर खड़े होते भारी वाहन और इसके चलते लगने वाले भीषण जाम पर रोक लगाने के लिए, डीएम की तरफ से सात साल पुराने वाहनों से एनटीपीसी-एनसीएल क्षेत्र में परिवहन पर लगाई गई रोक पर, कोयला परिवहन से जुड़े ट्रांसपोर्टरों ने कड़ा विरोध जताया है। ऊर्जांचल ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के बैनर तले सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे ट्रांसपोर्टरों ने इसको लेकर गहरी नाराजगी जताई। प्रदर्शन किया और मांगों से संबंधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपते हुए, कोयला परिवहन करने वाले वाहनों से सात साल पुराने होने की पाबंदी उठाई जाने की मांग की। संजीदगी न दिखाए जाने पर वाहन सहित कलेक्ट्रेट पर डेरा डालने का अल्टीमेटम दिया।
बगैर विश्वास में लिए जारी किया गया पाबंदी का निर्देश: मनीष
मनीष जायसवाल ने कहा कि अनपरा परिक्षेत्र में सात साल से अधिक पुरानी गाड़ियों का अनपरा परिक्षेत्र में परिचालन प्रतिबंधित किया गया है। इसको लेकर जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में एनटीपीसी-एनसीएल के अधिकारियों के बीच बैठक हुई थी लेकिन जारी किए गए निर्देश को लेकर लिए गए निर्णय में वाहन स्वामियों-संचालकों को विश्वास में नहीं लिया गया। जाम की असली वजह जाने बगैर भी निर्देश जारी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ जहां मोटर अधिनियम 15 वर्ष तक परिचालन की इजाजत देता है। वहीं, ओवरलोडिंग राख परिवहन करने वाले वाहनों द्वारा हो रही है। जाम भी उन्हीं से लग रहा है। सड़क भी खराब है। इस पर ध्यान दिए बिना, पाबंदी अंडरलोड कोयला परिवहन करने वाले वाहनों पर भी लगा दिया गया है।
सिंगरौली से आने वाले वाहनों पर नहीं लगाई गई है पाबंदी: हरिशंकर
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हरिशंकर सिंह एवं अन्य ने कहा कि डीएम के निर्देश पर एनटीपीसी-एनसीएल की तरफ से जो सात साल से अधिक पुराने वाहनों पर पाबंदी लगाई गई है वह सिर्फ अनपरा क्षेत्र में प्रभावी हो रही है। सिंगरौली से परिवहन करने वाले वाहनों पर कोई पाबंदी नहीं है। कहा कि अधिकांश कोयला परिवहन करने वाले वाहनों की मूवमेंट एरिया 15 से 20 किमी है। उनका जाम-ओवरलोडिंग दोनों से कोई लेना-देना नहीं है सिर्फ अनपरा परिक्षेत्र स्थित हाइवे और उसकी पटरियां दुरूस्त कर दें तो इस क्षेत्र में लगने वाले जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी। अनपरा से रेणुकूट के बीच का जाम राख की ओवरलोडिंग से जुडा है। उस पर पाबंदी-कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन पाबंदी कोयला परिवहन करने वालों पर प्रभावी बना दी गई है।
खराब सड़क-राख ओवरलोडिंग से लगता है जामः सुशील
सुशील तिवारी और ओमप्रकाश दूबे ने कहा कि गत 26 अक्टूबर को बैठक हुई थी जिसमें अनपरा-शक्तिनगर परिक्षेत्र स्थित परियोजनाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। चार दिन पहले आदेश मिला कि एनटीपीसी और एनसीएल की माइंसों में सात साल से पुराने वाहनों का आवागमन रोका जाए। कहा कि एनसीएल की खदानों से कोयला परिवहन करने वाले अधिकांश वाहन सीमित दायरे में संचालित होते हैं। कोयला परिवहन की ओवरलोडिंग नहीं होती। 15 साल के लिए परिवहन का परमिट मिला है। कहा कि यह सभी को मालूम है कि ओवरलोडिंग राखड़ सहित अन्य उपखनिज का परिवहन करने वाले वाहन कर रहे हैं और जाम भी उसी वजह से लग रहा है।
नहीं हटी पाबंदी तो कलेक्ट्रेट में डालेंगे डेरा: ट्रांसपोर्टर
आनंद कुमार सिंह महामंत्री, गोपाल सिंह सचिव, ओमप्रकाश द्विवेदी, पप्पू सिंह, इम्तियाज अली, राजू प्रसाद, अनुपम, जगदीश सिंह, श्यामजीत, खालिद हुसैन, राजेंद्र, राजकुमार गुप्ता, अरविंद दूबे, मनीष कुमार, श्रवण, उपेंद्र, दिलीप कुमार, बृजेश सिंह आदि ने कहा कि सड़क की खराब स्थिति जाम-हादसे का बड़ा कारण है। बावजूद कोयला परिवहन करने वाले वाहनों पर पाबंदी, वह समझ नहीं पा रहे हैं। अल्टीमेटम देते हुए कहा कि कोयला परिवहन में सात साल से अधिक पुराने वाहनों के संचालन पर पाबंदी नहीं हटाई गई तो वह लोग वाहन सहित कलेक्ट्रेट पर डेरा डालने के लिए बाध्य होंगे।