Sonbhadra: मनरेगा से होने वाले समतलीकरण कार्यों में घपलेबाजी, अवैध उगाही की शिकायत से मचा हड़कंप

Sonbhadra News: चोपन ब्लाक के घोरिया से जुड़े मामले में सामने आई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बीडीओ शुभम बरनवाल ने संबंधित तकनीकी सहायक को ब्लाक मुख्यालय पर अटैच कर दिया है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 27 July 2024 1:58 PM GMT
Sonbhadra News
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Sonbhadra News (Pic: Newstrack)

Sonbhadra News: वर्ष 2007 से 2010 के बीच 300 करोड़ के मनरेगा घोटाले को लेकर चर्चित हो चुके सोनभद्र में अभी भी मनरेगा को लेकर की जाने वाली घपलेबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। चोपन ब्लाक के कई गांवों, खासकर सोन नदी पार के इलाकों में बड़े स्तर पर घपलेबाजी की चर्चा बनी हुई है। हालत यह है कि चतरवार, बरगवां, कुरछा, जमुअल, गुरदह आदि गांवों जहां कई कार्यस्थलों से नागरिक सूचना पट और वॉल पेटिंग नदारद है। वहीं, समतलीकरण कार्यों में बडे़ स्तर पर घपलेबाजी और अवैध उगाही की शिकायतों ने हड़कंप मचा दिया है। फिलहाल चोपन ब्लाक के घोरिया से जुड़े मामले में सामने आई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बीडीओ शुभम बरनवाल ने संबंधित तकनीकी सहायक को ब्लाक मुख्यालय पर अटैच कर दिया है। हालांकि मामले में राजनीतिक दबाव के जरिए, अटैच वाले आदेश को निरस्त करवाने की कोशिश को लेकर तरह-तरह की चर्चा बनी हुई है।

तहसील दिवस में पहुंची शिकायत तो लिया गया एक्शन

बताते हैं कि पिछले दिनों समतलीकरण कार्यों में गड़बड़ी और लाभार्थियों से अवैध उगाही की शिकायत तहसील दिवस ओबरा में पहुंची तो हड़कंप मच गया। हालांकि शिकायतकर्ता तहसील दिवस की अध्यक्षता कर रहे मंडलायुक्त तक पहुंचता, इससे पहले ही उसे कार्रवाई का आश्वासन देकर, मामले को शांत कराने के लिए एक्शन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। मौके के निरीक्षण, शिकायतकर्ता तथा ग्रामीणों से मामले की जानकारी लेने के बाद, संबंधित तकनीकी सहायक को कार्यालय से अटैच कर दिया गया।

शिकायतकर्ता को नहीं मिली वसूली गई रकम न ही काम हुआ मंजूर

हालांकि इस मामले का एक दूसरा बड़ा पहलू सामने आया है। प्रकरण उच्चाधिकारियों के संज्ञान में न पहुंचे, इसके लिए तकनीकी सहायक को आनन-फानन में अटैच करने की प्रक्रिया अपनाकर मामला तो शांत करा लिया गया लेकिन शिकायतकर्ता से सरकारी शुल्क के नाम पर वसूली गई रकम को न तो अभी वापस कराने की ही प्रक्रिया अपनाई गई, न ही शिकायतकर्ता के खेत के समतलीकरण की ही प्रक्रिया शुरू हो सकी। अलबत्ता इसको लेकर जहां हीलाहवाली का क्रम शुरू हो गया है। वहीं, मामला शांत कराने के लिए आनन-फानन में तकनीकी सहायक को अटैच करने की बरती गई प्रक्रिया की, कथित खामियों का फायदा उठाकर, अटैच के आदेश को भी निरस्त कराने की कोशिश शुरू हो गई है।

गहराई से हो जांच तो हो सकता है बड़े घपलेबाजी का खुलासा

कहा जा रहा है कि गृह निवास वाले ब्लाक में एक ही एरिया में वर्षों से जमे तकनीकी सहायकों से जुड़े मनरेगा के कार्यों और उनकी ओर से की गई एमबी की गहराई से जांच की जाए तो बड़े स्तर पर घपलेबाजी सामने आ सकती है। बता दें कि पिछले वर्ष हुई शिकायत में चोपन ब्लाक के ही एक गांव में पुराने कार्यों को नया दिखाने और नए कार्य के रूप में एमबी किए जाने का मामला खासा सुर्खियों में रहा था। तत्कालीन डीएम चंद्रविजय सिंह की सख्ती के बाद, कार्यों का आंकलन कर, डकारी गई धनराशि के रिकवरी का आदेश जारी किया गया लेकिन गलत तरीके से एमबी करने के मामले में कार्रवाई न होने से, यह खेल अभी भी बना हुआ है।

तकनीकी सहायक को अटैच कर की जा रही कार्रवाई: बीडीओ

प्रकरण में चोपन बीडीओ शुभम बरनवाल से फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि शिकायत के क्रम में संबंधित तकनीकी सहायक को ब्लाक से अटैच कर, कार्रवाई की जा रही है।

Durgesh Sharma

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