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Sonbhadra News: सामूहिक विवाह में भ्रष्टाचार: दिल्ली की फर्म को दिया गया था ठेका, महज तीन माह में कर दिया बड़ा कांड, दिल्ली-मेरठ की कंपनियो-फर्मों को दिए गए ठेके पर उठाए गए सवाल
Sonbhadra News:सोनभद्र समाज कल्याण राज्य मंत्री के गृह जनपद में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सामने आए भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2023-24 में होने वाले सामूहिक विवाह के लिए सामग्री आपूर्ति का ठेका दिल्ली की एक फर्म को दिया गया। इसके लिए टेंडर फाइनल करने का काम पिछले वर्ष अक्टूबर-नवंबर माह में किया गया था।
Sonbhadra News: सोनभद्र समाज कल्याण राज्य मंत्री के गृह जनपद में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में सामने आए भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2023-24 में होने वाले सामूहिक विवाह के लिए सामग्री आपूर्ति का ठेका दिल्ली की एक फर्म को दिया गया। इसके लिए टेंडर फाइनल करने का काम पिछले वर्ष अक्टूबर-नवंबर माह में किया गया था। दावा किया गया था कि टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। दिल्ली के फर्म के बेहतर रिकार्ड और कार्य की गुणवत्ता को देखते हुए ठेका दिया गया है लेकिन जिस तरह से महज तीन के भीतर इस कंपनी की तरफ से चांदी की जगह दूसरी धातु का पायल थमाने और अन्य सामानों की गुणवत्ता से भी खिलवाड़ करने का खेल खेला गया, उसने विकास भवन में हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है। दिल्ली के साथ ही मेरठ के भी एक फर्म को जिले के स्वास्थ्य महकमे सहित तीन-चार अन्य महकमे में वर्ष 2023-24 के दरम्यान सामग्री आपूर्ति के ठेके में हासिल हुई इंट्री को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इन फर्मों के आपूति की क्या स्थिति है? इसके भी जांच की मांग उठाई जाने लगी है।
विवाह सामग्री घोटाले की कराई जाए उच्चस्तरीय जांच: आइपीएफ
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने जिले में मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत हुई शादियों के सामान में किए गए घोटाले को लेकर कार्रवाई की मांग उठाई है। मुख्यमंत्री को ट्वीट कर, उनसे इस घोटाले की अपनी निगरानी में उच्च स्तरीय जांच कराने और दोषी व्यक्तियों तथा संस्था को दंडित किए जाने की मांग की है। प्रेस को जारी बयान में कहा कि जनता के लिए आए हुए धन में भ्रष्टाचार की यह घटना हतप्रभ कर देने वाली है। कहा है कि जिस जिले में समाज कल्याण राज्य मंत्री मौजूद हों, वहां इस तरह का घोटाला यह बताने के लिए काफी है कि किस तरह से भ्रष्टाचार का खेला जा रहा है। मांग उठाई है कि जांच में इस बात को भी देखा जाना चाहिए कि समान आपूर्ति का टेंडर दिल्ली की फर्म को किसके इशारे पर दिया गया?
योगी-वन के कार्यकाल में वर्ष 2017 में शुरू की गई थी योजना
मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाली यह महत्वाकांक्षी योजना योगी सरकार के पहले कार्यकाल में अक्टूबर 2017 में शुरू की गई थी। इसके जरिए विभिन्न समुदाय एवं धर्मों की गरीब कन्याओं की उनके रीति-रिवाजों के मुताबिक शादी का प्रावधान तय किया गया था। दो लाख वार्षिक आय सीमा वाले परिवारों को इस योजना का लाभ दिए जाने का मसौदा तय किया गया। इस योजना में विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा महिलाओं के भी विवाह की भी व्यवस्था दी गई। साथ ही, सुखी दांपत्य जीवन शुरू करने के लिए आर्थिक मदद के रूप में सामूहिक विवाह में शामिल होने वाली प्रत्येक कन्या के खाते में 35 हजार की धनराशि और कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि के लिए 10 हजार तथा प्रत्येक जोड़े पर विवाह आयोजन में आने वाले व्यय पर 6 हजार खर्च सीमा रखी गई।
फिलहाल डीएम की तरफ से गठित यह टीम कर रही जांच
फिलहाल घोरावल क्षेत्र में कराए गए सामूहिक विवाह के जरिए जैसे ही मामला सामने आया। वैसे ही, डीएम चंद्रविजय सिंह की तरफ से वरिष्ठ कोषाधिकारी आईडी सिंह, पीडी डीआरडीए रामशिरोमणि मौर्या और डीडीओ शेषनाथ चौहान की मौजूदगी वाली तीन सदस्यीय टीम, जांच के लिए गठित कर दी गई। सूत्र बताते हैं कि टीम की तरफ जांच पूरी कर ली गई। जांच में काफी कुछ गड़बड़ियां भी मिली है। जांच पूरी करने वाली टीम को अतिशीघ्र रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो जांच करने वाली टीम बृहस्पतिवार को अपनी जांच रिपोर्ट तैयार करने में लगी रही। वहीं, डीएम चंद्रविजय सिंह ने बताया कि रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी, कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी हाल में दोषी फर्म को बख्शा नहीं जाएगा।